रोकथाम (बचाव)
- प्रतिवर्ष फ्लू का टीका लगवाएँ।
- तनाव कम करें।
- अपनी नाक और साइनस में नमी बढ़ाने के लिए ह्युमिडिफायर (नमी देने वाला यन्त्र) का प्रयोग करें।
- अपनी नाक को सलाइन स्प्रे से या धोकर जितना हो सके नम बनाये रखें।
- भीतर के वातावरण को ना तो अधिक शुष्क और ना ही अधिक नम रखें।
- उत्प्रेरक जैसे कि सिगरेट और सिगार के धुएं से बचें।
- जिन पदार्थो से धुआं निकलता है वह आपकी समस्या को और बिगाड़ सकते हैं। स्वच्छ करने वाले उत्पाद, हेअरस्प्रे, और अन्य धुआं देने वाले पदार्थों से बचें।
- जिन पूलों का पानी क्लोरीन से साफ़ किया गया हो उनमें लम्बे समय तक न तैरें क्योंकि इससे नाक और साइनस की परतों में उत्तेजना होती है।
- पानी में छलांग न लगाएं, इसके कारण पानी साइनस में जा सकता है।
- अपनी एलर्जी को सावधानी से नियंत्रित रखें।
- जिन लोगों को सर्दी का संक्रमण है उनसे दूर रहें।
- अपने हाथों को साबुन और पानी से धोते रहे खासकर भोजन के पहले।
- भीड़-भाड़ से दूर रहें और स्वयं के शरीर का जलस्तर बनाये रखें।
- अपने प्रतिरक्षक तंत्र को शक्तिशाली बनाये रखने के लिए और साइनस की सम्भावनाओं को कम करने के लिए संतुलित आहार लें और स्वस्थ जीवन शैली अपनाएँ। आपको धूल, परागकण, और ठन्डे आहार से भी बचना चाहिए।
ध्यान देने की बातें
- तेज बुखार।
- तीव्र सिरदर्द।
- कानों में दर्द।
डॉक्टर को कब दिखाएँ
- दृष्टि की समस्याएँ।
- आँखों के आस-पास और चेहरे पर सूजन।
- नाक से निकलने वाले द्रव में खून के छीटें होना।
डॉक्टर से कब मिलें
आमतौर पर साइनस का संक्रमण स्वयम की देख-भाल और चिकित्सा से ठीक हो जाता है। यदि आक्रमण बार-बार हो रहा है तो आपको अन्य कारणों जैसे नाक में गठानों या एलर्जी के लिए अपना परीक्षण करवाना चाहिए। डॉक्टर से संपर्क करें यदि आपको :
- तीव्र सिरदर्द हो जो कि दर्द की सामान्य दवाओं से ठीक ना हो।
- तेज बुखार।
- भारी सर्दी जो 7 दिनों से ज्यादा समय तक रहे।
- साइनस संक्रमण के दौरान दृष्टि सम्बन्धी कोई समस्या हो।
- आँखों के आस-पास और चेहरे पर सूजन।
- नाक से निकलने वाले द्रव में खून के छीटें होना।
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