रोकथाम (बचाव)
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बचाव का एकमात्र और सबसे आवश्यक तरीका है, प्रतिरक्षण का उच्च स्तर बनाए रखना।
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रोग का शीघ्र निर्धारण और चिकित्सा।
अन्य
डिफ्थीरिया, टिटनेस और पर्टुसिस (डीपीटी) की वैक्सीन बचपन के आवश्यक प्रतिरक्षण में हैं, जिनकी सलाह डॉक्टर द्वारा शिशुओं के लिए दी जाती है।
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टीकाकरण पाँच हिस्सों की श्रृंखला में होता है, टीका दिए जाने की निश्चित जगह है भुजा या जांघ, टीका बच्चों को निम्नानुसार आयु में दिया जाता है।
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2 माह
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4 माह
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6 माह
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12 से 18 माह
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4 से 6 वर्ष
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बूस्टर डोस 12 वर्ष की आयु में दिया जाता है और उसके बाद प्रत्येक 10 वर्ष के अन्तराल पर लगाया जाना चाहिए (टीडी वैक्सीन)।
ध्यान देने की बातें
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पूरे शरीर की मांसपेशियों में दर्द के साथ जकड़न।
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निगलने में कठिनाई।
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धक्के या झटके या टकटकी लगाकर देखना (झटके आना)।
डॉक्टर को कब दिखाएँ
अपने डॉक्टर से संपर्क करें यदि
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आपको चोट बाहरी क्षेत्र में लगी हो, और घाव का संपर्क मिट्टी से हुआ हो।
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आपको टिटनेस के लक्षण जैसे जबड़े का ऐंठना, जकड़न या अन्य हो रहे हों।
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आपके बच्चे के प्रतिरक्षक टीके पूरे ना हुए हों।
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