परहेज और आहार
लेने योग्य आहार- पानी अधिक मात्रा में पियें।
- बादाम, ताजा नारियल, स्प्राउट्स, अलसी के बीज, बिना नमक का मक्खन, दूध, अंडे, फलियाँ, मटर, आलू, लहसुन, सादा दही, भूरा चावल, फल और सब्जियों का रस और सूप, पालक
- कच्ची सब्जियों जैसे गाजर, नीबू, ककड़ी, और पालक का रस
- क्रेनबेरी को वर्षों से गुर्दे, मूत्राशय और मूत्र मार्ग के संक्रमणों और सिस्टाइटिस के लिए प्राकृतिक उपचार के तौर पर जाना जाता है।
- उच्च रेशे वाले आहार अधिक लें, जैसे फलियाँ, जई, जड़ वाली सब्जियाँ (जैसे आलू, रतालू)।
- टमाटर और टमाटर से बने उत्पाद जैसे टोमेटो सॉस और पिज़्ज़ा सॉस, अमरुद, संतरे, अन्नानास, माँस, कड़वे उत्पाद
- चॉकलेट
- आहार और पेय जैसे कॉफ़ी, चाय या कैफीन युक्त आहार
- मसालेदार आहार और पेय ना लें
योग और व्यायाम
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सप्ताह में 5 दिन कम-से-कम 30 मिनट का व्यायाम हर दिन करें। इसमें कोई भी एरोबिक व्यायाम जैसे पैदल चलना, दौड़ना आदि हो सकता है।
- पेल्विक क्षेत्र की माँसपेशियों को राहत देने के लिए केगेल व्यायाम किये जा सकते हैं जिससे मूत्र मार्ग की विभिन्न तरह की समस्याएँ जैसे तनाव के कारण मूत्र ना रोक पाना और संक्रमण आदि से राहत मिलती है।
यूटीआई को नियंत्रित करने में योग आसन लाभकारी होते हैं, क्योंकि ये पेल्विक क्षेत्र की माँसपेशियों को मजबूत करते हैं और मूत्र को ना रोक सकने की समस्या को कम करते हैं। निम्नलिखित आसनों से मूत्र मार्ग के संक्रमणों को रोकने और ठीक करने में सहायता मिलती है:
घरेलू उपाय (उपचार)
- पानी अधिक मात्रा में पियें।
- मूत्राशय पर दबाव या असुविधा को कम करने के लिए अपने पेट पर गर्म पट्टी या पैड रखें।
- स्नान के स्थान पर फव्वारे से नहाएँ। स्नान के लिए तेल का उपयोग ना करें।