परहेज और आहार
लेने योग्य आहार- ताजे फल और फलों का ताजा रस।
- नवजात शिशुओं को केवल स्तनपान और विटामिन, खासकर विटामिन सी, जारी रखा जाना चाहिए।
- ब्रेड, मक्खन, जई का आटा-दलिया, दूध की पुडिंग, अंडे और कीमा।
- शहद मिला अंगूर का रस भी इस स्थिति की चिकित्सा हेतु अत्यंत उपयोगी होता है।
- अदरक युक्त गर्म चाय का एक गिलास श्वसन तंत्र में उपस्थित म्यूकस और बलगम को ढीला करके निकालने में सहायक होता है।
- एक गिलास गर्म पानी में लहसुन के टुकड़े डालकर इस पेय को पीने से लाभ होता है।
- सफ़ेद प्याज और अदरक के रस को बादाम के तेल में मिलाकर लेने से कुकर खाँसी में आराम होता है।
- प्रोसेस्ड और रिफाइंड आहार, अचार, मसाले, कॉफ़ी, चाय, शक्कर और माँस।
- रोगी को मैदे और शक्कर से बनी सभी वस्तुओं, आइस-क्रीम, शक्कर की गोलियां और शीतल पेय नहीं लेने चाहिए।
योग और व्यायाम
प्रतिदिन की गतिविधि से अधिक मेहनत वाला व्यायाम पर्टुसिस को बढ़ाता है और रोग से ठीक होने की गति धीमी करता है. पर्याप्त आराम करें.योग
- प्राणायाम— YouTube फेफड़ों को मजबूत करता है और श्वसन तंत्र की प्रतिरक्षक शक्ति को बढ़ाता है।
- शवासन भी प्रभावी होता है— YouTube
- नाड़ी शोधन प्राणायाम — YouTube
- कपालभाति प्राणायाम— YouTube
- भ्रामरी प्राणायाम— YouTube
घरेलू उपाय (उपचार)
- रोगी को बिस्तर पर आराम करने देना चाहिए और श्वसन स्रावों को ढीला करने, और उत्तेजित फेफड़ों को तथा श्वास आने-जाने वाले मार्ग को ठीक करने, के लिए ठन्डी-भाप युक्त वेपोराइज़र का प्रयोग करना चाहिए।
- अपने घर को उन उत्प्रेरकों से मुक्त करें जो खाँसी के दौरे को उभारने में सहायक हों जैसे तम्बाकू का धुआं और अग्नि का धुआं।
- खाँसी पश्चात होने वाली उल्टी को रोकने के लिए अधिक मात्रा में भोजन लेने की अपेक्षा कम मात्रा में, ज्यादा बार में भोजन लें।
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