शहद उत्तेजना को शांत करने के लिए गले के भीतर परत प्रदान करता है और यह एंटीऑक्सीडेंट से भी समृद्ध होता है। एंटीऑक्सीडेंट ह्रदय, आँखों, बुढ़ापा दूर करने और रोगों से लड़ने की ताकत बढ़ाने में सहायता करते हैं।
अदरक का प्रयोग सर्दी को रोकने, गति सम्बन्धी परेशानी को दूर करने, अपच हटाने में किया जाता है और यह उलटी और गले की पीड़ा की घरेलू औषधि भी है। यह खून की गति में भी सहायता करती है।
गले में बार-बार होने वाले संक्रमण में आराम पाने के लिए, मुँह की सफाई प्रक्रिया का पालन करें। घर से बाहर सलाद ना खाएँ। अधिक समय से रखा हुआ सलाद ना खाएँ। भोजन के बाद तेजी से कुल्ले-गरारे करें।
सामान्य सर्दी-खाँसी और गले की पीड़ा के लिए सेब का सिरका पसंदीदा इलाज है। एक चम्मच सिरका, शहद और गर्म पानी मिलाएँ। इस मिश्रण में कुछ मसली हुई अदरक मिलाने से इसके औषधीय गुण बढ़ जाते हैं। गले की जकड़न, खाँसी और भरी नाक से आराम के लिए दिन में तीन बार इस मिश्रण को एक-एक चम्मच लें।
नीबू के बैक्टीरियारोधी गुण गले के संक्रमणों से मुकाबले में मदद करते हैं। यह हैजे, टाइफाइड और अन्य प्राणघातक रोगों के बैक्टीरिया भी नष्ट करता है।
अदरक को रामबाण औषधि माना जाता है। अदरक की चाय आपके गले की पीड़ा को हरने का और आपको बेहतर एहसास करवाने का बढ़िया तरीका है। अदरक में फफूंदरोधी और बैक्टीरियारोधी गुण होते हैं जो गले की पीड़ा से मुकाबला करते हैं। अदरक औषधीय गुणों से भरपूर होती है। इसलिए, अदरक की चाय पीना गले की पीड़ा से छुटकारा पाने के तरीकों में बढ़िया तरीका है।