महिलाओं में पुरुषों की अपेक्षा ऑस्टियोपोरोसिस होने का खतरा अधिक होता है, इसलिए अपनी हड्डियों की मजबूती बनाए रखने के लिए कैल्शियम की नियमित अधिक मात्रा लेना महत्वपूर्ण है। ऑस्टियोपोरोसिस एक चिकित्सीय स्थिति है जिसमें हार्मोन सम्बन्धी परिवर्तनों के कारण, या कैल्शियम अथवा विटामिन डी की कमी के कारण हड्डियाँ भुरभुरी होकर आसानी से टूटने लायक हो जाती हैं।
नाश्ता करने से ना चूकें। उचित नाश्ता करने से आप वजन घटा सकते हैं। नाश्ता चूकने वालों में वजन बढ़ने की संभावना होती है। अच्छा नाश्ता हमारी एकाग्रता और तेजी से सोचने की क्षमता को बढ़ाता है। संतुलित नाश्ते में कैल्शियम, विटामिन ए, सी और ई, लौह तवा और रेशा होना चाहिए।
अपनी हड्डियों को मजबूत बनाएँ। कैल्शियम और विटामिन डी इसमें आपकी सहायता करते हैं। डेरी उत्पाद कैल्शियम का सर्वश्रेष्ठ स्रोत हैं, इसके अलावा पत्तेदार सब्जियाँ भी बढ़िया हैं।
कैल्शियम मजबूत, स्वस्थ हड्डियों और दाँतों के लिए महत्वपूर्ण है। यह कुछ प्रक्रियाओं जैसे मांसपेशियों में खिंचाव, रक्त का थक्का जमना, और नसों के कार्य में संलग्न होता है। कैल्शियम के मुख्य स्रोतों में दूध, दही, पनीर हैं किन्तु केवल डेरी पदार्थ ही भोजन में नहीं होने चाहिए। पत्तेदार सब्जियाँ, समुद्री आहार, दालें और फलों में भी कैल्शियम होता है।
हरी पत्तेदार सब्जियों में किसी भी अन्य आहार की अपेक्षा प्रति कैलोरी अधिक पोषण होता है। हरी सब्जियाँ विटामिन ए, सी, ई, और के तथा कई प्रकार के बी विटामिनों का भी बढ़िया स्रोत हैं। ये कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयरन और पोटैशियम जैसे खनिजों का समृद्ध स्रोत हैं।
नीबू के रस और जैतून के तेल का मिश्रण पारंपरिक रूप से पित्ताशय की पथरी निकालने के लिए घरेलू उपचार की तरह प्रयोग किया जाता रहा है, लेकिन इसे गुर्दे की पथरी निकालने के लिए भी प्रयोग किया जा सकता है। नीबू में उपस्थित सिट्रिक एसिड कैल्शियम निर्मित गुर्दे की पथरी को विखंडित करने में मदद करता है और इनका आगे बनना भी रोकता है।
तरबूज कैल्शियम, मैग्नीशियम, फॉस्फेट और कार्बोनेट से बनी पथरियों को ठीक करने का बढ़िया तरीका है। तरबूज में उपस्थित पोटैशियम स्वस्थ गुर्दों के लिए आवश्यक पदार्थ होता है। यह मूत्र में अम्ल के स्तर को नियमित करने और बनाए रखने में मदद करता है।
तरबूज आपके द्वारा खाए जाने वाले सबसे अधिक जलयुक्त फलों में से एक है। इसमें जल की पूर्ति हेतु आवश्यक साल्ट जैसे कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटैशियम और सोडियम होते हैं जो शरीर में जल की पर्याप्त मात्रा बनाए रखते हैं और डिहाइड्रेशन की संभावना को काफी हद तक घटाते हैं।
कढ़ीपत्ते में पाए जाने वाले मुख्य पोषक तत्व रेशा, कैल्शियम, फ़ास्फ़रोस, आयरन, मैग्नीशियम, कॉपर और अन्य खनिज हैं। इसमें कई प्रकार के विटामिन जैसे निकोटिनिक एसिड, विटामिन सी, ए, बी, ई, एंटीऑक्सीडेंट, वनस्पति स्टेरोल, एमिनो एसिड्स, ग्लाइकोसाइड, और फ्लावोनोइड भी होते हैं।
बच्चों के लिए दूध अत्यंत बढ़िया होता है। स्वस्थ हड्डियों, नाखूनों और दांतों की वृद्धि के लिए जरूर दो खनिज, कैल्शियम और फोस्फोरस, दूध में होते हैं। दूध को विटामिन डी की शक्ति से युक्त किया जा सकता है, जो हड्डियों के लिए एक और महत्वपूर्ण तत्व है।
बढ़ते बच्चों के लिए फलियाँ अत्यंत पौष्टिक और बहुत लाभकारी होती हैं। एंटीऑक्सीडेंट की भरपूर मात्रा के अलावा फलियों में प्रोटीन, कैल्शियम, रेशा, आयरन और विटामिन बी भी प्रचुर मात्रा में होते हैं। फलियों की कोई भी सामग्री बनाने के पहले उन्हें रात भर भिगोकर रखें।
नियमित दूध पीने वाले लोग तनाव का अनुभव कम करते हैं। मलाई निकला एक गिलास दूध आपके शरीर को एंटीऑक्सीडेंट के साथ विटामिन ए और डी, कैल्शियम तथा प्रोटीन की बढ़िया मात्रा प्रदान करता है। ये सभी पोषक तत्व आपको शांत करने में और तनाव के कारण आपके शरीर में निकलने वाले मुक्त कणों से मुकाबले में सहायता करते हैं।
हरी सब्जियाँ जैसे पालक, विटामिन ए, बी और सी से भरपूर होती हैं। पालक में अच्छी मात्रा में खनिज जैसे कैल्शियम, पोटैशियम, मैग्नीशियम और फोस्फोरस होते हैं जो शरीर के तनाव हार्मोनों को कम करते हैं और मिजाज को ठीक करते हैं।
सोडियम की अधिक मात्रा वाले आहार रक्तचाप और आपके मूत्र में कैल्शियम की मात्रा बढ़ाते हैं। इसके कारण गुर्दे की पथरी होती है और मूत्र में प्रोटीन की मात्रा बढ़ती है, जिसके कारण गुर्दे के रोग होते हैं। गुर्दे की पथरी के खतरे को कम करने के लिए कम सोडियम युक्त आहार लें, इसे पोटैशियम के सेवन से संतुलित करें। रोजाना 5 ग्राम से अधिक नमक लेने की सलाह नहीं दी जाती।