दमे का दौरा आने पर और इनहेलर उपस्थित ना होने पर, कुछ कप कॉफ़ी, चाय, गर्म चॉकलेट, या चॉकलेट बार का सेवन आजमाएँ। कैफीन आपके हवा मार्गों को खोलने में सहायक होता है।
तम्बाकू के धुएँ की चपेट में आए बच्चों को दमा होने की संभावना अधिक होती है। यदि गर्भावस्था के दौरान कोई महिला तम्बाकू के धुएँ की चपेट में आती है, तो उसके शिशु को दमा होने की संभावना भी अधिक होती है।
अदरक दमा सहित कई रोगों का जाना-माना प्राकृतिक उपचार है। समान मात्रा में अदरक का रस, अनार का रस और शहद मिलाएँ। इस मिश्रण को एक बड़ा चम्मच भरकर दिन में दो या तीन बार लें।
सामान्य कॉफ़ी का कैफीन दमा के दौरे को नियंत्रित करने में मदद करता है क्योंकि यह नसों को फैलाता है। गर्म कॉफ़ी हवा आने-जाने के मार्ग को साफ करती और आराम देती है और आपको साँस लेना आसान बनाती है। कॉफ़ी जितनी कड़क होगी, उतने बढ़िया परिणाम मिलेंगे। लेकिन एक दिन में तीन कप से ज्यादा कॉफ़ी ना पियें।
मंद दमा ठीक करने के लिए अजवाइन का प्रयोग किया जाता है क्योंकि यह फेफड़ों की ब्रोंकिअल नलिकाओं को फैलाने का कार्य करती है। अजवाइन के बीजों और गुड़ का पेस्ट बनाएँ और इसकी एक या दो चम्मच दिन में दो बार कुछ दिनों तक या लाभ होने तक सेवन करें। मधुमेह के रोगियों के लिए ये उपचार लेने की सलाह नहीं है।