नीबू प्राकृतिक ऊर्जादायक है। यह शरीर को जलयुक्त और ऑक्सीजनयुक्त बनाता है जिससे शरीर ताजा और ऊर्जायुक्त महसूस करता है।
संतरा, नीबू और ग्रेपफ्रूट जैसे फल विटामिन सी का सर्वश्रेष्ठ स्रोत होते हैं, जो शरीर की रोगों से लड़ने की ताकत को उभारने में मदद करता है। खट्टे फल और केले पोटैशियम का बेहतर स्रोत होते हैं, जो रक्तचाप नियमित करने में मदद करता है।
कुनकुना पानी और नीबू का शरबत पीना आपके शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालता है, यह आपके पाचन तंत्र को साफ़ करने में भी मदद करता है जिसके कारण आम पाचन समस्याएँ जैसे अपच और कब्ज दूर होते हैं।
लाल शिमला मिर्च, पत्तागोभी, मशरुम, प्याज़ और टमाटर जैसी सब्जियाँ अत्यंत कम कैलोरीयुक्त होती हैं। वजन कम करने हेतु लिए जाने वाले कम कैलोरी वाले फलों में नीबू, अंगूर, सेब, नाशपाती, संतरे, आलूबुखारे, स्ट्रॉबेरी, तरबूज आदि हैं।
टमाटर में सफाई का गुण होता है, जो काफी हद तक त्वचा में चमक देता है और त्वचा के काले धब्बे कम करता है। चाय का एक चम्मच भर टमाटर के रस में आधा चम्मच नीबू का रस मिलाएँ। इस मिश्रण को धीरे-धीरे धब्बों पर लगाएँ और 10 मिनट लगा रहने दें। फिर पानी से धो डालें। कुछ सप्ताहों तक इस उपचार को दिन में दो बार करें।
नीबू के रस में उपस्थित विटामिन सी आँखों के नीचे के काले घेरे हटाने में भी सहायक होता है, यह इसके त्वचा को चमक देने वाले गुणों का कमाल है। रुई की सहायता से अपनी आँखों के चारों तरफ नीबू का ताजा रस लगाएँ। 10 मिनट लगा रहने दें और फिर धो डालें। कुछ सप्ताहों तक दिन में एक बार लगाएँ।
नीबू के रस और जैतून के तेल का मिश्रण पारंपरिक रूप से पित्ताशय की पथरी निकालने के लिए घरेलू उपचार की तरह प्रयोग किया जाता रहा है, लेकिन इसे गुर्दे की पथरी निकालने के लिए भी प्रयोग किया जा सकता है। नीबू में उपस्थित सिट्रिक एसिड कैल्शियम निर्मित गुर्दे की पथरी को विखंडित करने में मदद करता है और इनका आगे बनना भी रोकता है।
नीबू पानी पीने से शरीर का अतिरिक्त तरल और विषैले तत्व बाहर निकल जाते हैं, जिससे शरीर में तरल इकठ्ठा होने के कारण उत्पन्न हुई पैरों और अन्य हिस्सों की सूजन दूर होती है। इसके अलावा यह शरीर में पानी का स्तर उचित बनाए रखता है और सूजनरोधी लाभ देता है।
अपने जीवाणुरोधी गुणों के कारण, सामान्य सर्दी से पीड़ित बच्चों में शहद एक बढ़िया उपचार है। यह रात के समय होने वाली खाँसी को कम करने और नींद सुधारने में भी मदद करता है। 2 चम्मच कच्चे शहद में 1 चम्मच नीबू का रस मिलाएँ। कुछ दिनों तक दिन में 3 से 4 बार इसे अपने बच्चे को दें। 1 वर्ष से छोटे बच्चों को शहद ना दें क्योंकि यह शिशु बॉटलिस्म नामक प्राणघातक स्थिति उत्पन्न कर सकता है।