दिन में दो बार अपनी जीभ को ब्रश करना या खुरचना, जीभ पर बैक्टीरिया की संख्या को कम करता है। ये बैक्टीरिया साँस की दुर्गन्ध उत्पन्न करते हैं।
क्रेनबेरी विटामिन सी, रेशे और विटामिन ई का बढ़िया स्रोत है। यह ह्रदयवाहिनियों के रोगों को घटाता है, ट्यूमर की वृद्धि को धीमा करता है, मूत्र मार्ग के संक्रमणों को रोकता है और दाँतों से चिपककर, बैक्टीरिया को रोककर, मुख स्वास्थ्य में लाभ देता है।
कृत्रिम दांत लगाने वालों को बत्तीसी बैठाने के दौरान नमक का प्रयोग अत्यंत आराम देता है। यह मसूढ़ों की सूजन और दर्द को कम करता है। यह मुँह के भीतर बैक्टीरिया की वृद्धि को रोकता है और मुँह के घाव या मुँह सूखने के खतरे को कम करता है।
दर्दनिवारक क्षमता के कारण हल्दी का प्रयोग आप मसूढ़ों के दर्द को कम करने के लिए कर सकते हैं। चौथाई चम्मच पिसी हल्दी और कुछ बूँद पानी लेकर पेस्ट बनाएँ, इसे दर्द वाले मसूढ़े पर लगाएँ। इसे 5 मिनट लगे रहने दें, फिर कुछ मिनट के लिये मसूढ़ों की मालिश करें। अपने मुँह में कुनकुना पानी अच्छी प्रकार घुमाएँ। सप्ताह में कम-से-कम दो बार आजमाएँ।
मुँह में तेल भरना सदियों पुराना अभ्यास है जो मुँह से हानिकारक बैक्टीरिया हटाकर मुख स्वास्थ्य हेतु सहायता करता है। यह आपके मुँह को नम बनाकर मुँह सूखने की समस्या दूर करता है और यही नहीं साँस की दुर्गन्ध भी दूर करता और मसूढ़ों की सूजन भी घटाता है।
100 ग्राम स्ट्रॉबेरी में 58.5 ग्राम विटामिन सी होता है, जो कि आपकी रोजाना की जरूरत का 71 प्रतिशत होता है। नियमित खाए जाने पर स्ट्रॉबेरी त्वचा के स्वास्थ्य को सुधारती है, मस्तिष्क को मदद करती है, वजन को कम करती है, दाँतों को सफ़ेद करती है, कोलेस्ट्रॉल घटाती है, कैंसर से मुकाबला करती है और पार्किन्सन तथा अल्झाइमर से सुरक्षा देती है।
100 ग्राम अन्नानास में 47.8 ग्राम विटामिन सी होता है, जो कि आपकी रोजाना की जरूरत का 58 प्रतिशत होता है। अन्नानास पाचन को सुधारता है, रोगों से लड़ने की ताकत बढ़ाता है, वजन कम करने में मदद करता है, सूजन कम करता है, मुँह का स्वास्थ्य ठीक करता है, दृष्टि बढ़ाता है, हड्डियाँ मजबूत करता और त्वचा को स्वस्थ रखता है।