सुबह का नाश्ता पौष्टिक होना चाहिए। नाश्ता कुछ इस तरह का हो कि उसमे संतुलित भोजन के सभी तत्व जैसे प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वसा, विटामिन आदि सभी का संतुलित समावेश हो।
ध्यान रहे जरुरत और मात्रा सभी लोगों की एक समान नहीं होती। कुछ बीमारी, allergy, उमर, कद, काठी, शारीरिक, मानसिक श्रम के आधार पर अलग-अलग हो सकती है। व्यक्तिगत आवश्यकता, परिस्थिति, स्वाद, रूचि, सबकी अलग-अलग होती है।
दूध दही फलों का रस सभी उम्र के लोग ले सकते हैं। ताजा फल और फलों का रस खाली पेट लेना ज्यादा लाभदायक है। सुबह के नाश्ते में पोहा, दलिया, इडली, रोटी, परांठा, दोसा, चीला, रोटी, ब्रेड अपने पसंद और जरुरत के अनुसार ले सकते हैं। आज कल बाजार में instant food मिलते हैं जिन्हें पकाने में बहुत कम समय लगता है लेकिन यदि आपके पास समय है और खाना पकाने में रूचि है तो इससे बेहतर दूसरा विकल्प कुछ नहीं है। दलिया – गेहूं के अलावा जौ, बाजरा, मक्का और ज्वार से बनाया जा सकता है।
स्वयम् बनाया गया भोजन शुद्ध पौष्टिक और अपने स्वाद के अनुसार बनता है। इसलिए संतुष्टि दायक और पसंदीदा हो ता है।
स्कूली बच्चों का आहार
स्कूल जानेवाले छोटे बच्चों के पास सुबह खाने का समय बहुत कम होता है। उनको एक गिलास दूध के साथ एक अंडा या केला या सेब अवश्य देकर भेजा जाए। शॉर्ट ब्रेक के लिए कुछ ड्राई फ्रूट्स जैसे बादाम, काजू, अंजीर, अखरोट दिए जा सकते हैं। आराम से खाया जाने वाला फल भी दिया जा सकता है। लंच के लिए सूखी सब्जी के साथ रोटी पराठा या पूरी, सैंडविच दे सकते हैं।
बच्चे एक ही तरह के खाने से जल्दी ऊब जाते हैं इसलिए उनके खाने में बदलाव जरूरी है। कभी आलू मेथी, पालक, गोभी, या पनीर के पराठे, तरह-तरह की सब्जी, पुलाव और भी बहुत कुछ – उनकी पसंद का खाना बना कर दे सकते हैं। पानी की बोतल के साथ दूसरी बोतल में दही, छाछ या रायता जो आसानी से ले जा सके उनको दिया जा सकता है।