आदतें हमें बनाती हैं..
हर व्यक्ति स्वस्थ जीवन जीना चाहता है, लेकिन क्या आपमें अपने स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए दृढ़ इच्छाशक्ति, बनी रहने वाली क्रियाशक्ति है? आप कितने सफल/असफल, प्रसन्न/अप्रसन्न, सुडौल या बेडौल हैं? यह सब कुल मिलाकर आपकी आदतों का परिणाम ही होता है। दुखी ना हों; आप अच्छी आदतें अपना सकते हैं और अपने स्वास्थ्य को बेहतर कर सकते हैं। आपकी हर आदत, अच्छी या बुरी, तीन चरणों का एक विशेष प्रकार से ही पालन करती है: पहला चरण है स्मृति या वह उत्प्रेरक जो स्वभाव को आरंभिक बिंदु दे, इसके बाद आपके द्वारा किये जाने वाली क्रिया आती है अर्थातआपकी नियमित दिनचर्या और अंत में पारितोषिक – अर्थात कार्य या स्वभाव से प्राप्त होने वाला आनंद या संतोष। इसलिए, आदत बदलने के लिए 3 ‘R’ का पालन करें – स्मृति (रिमाइंडर)/दिनचर्या (रूटीन)/पारितोषिक(रिवॉर्ड) में से किसी एक या अधिक पर किया जाने वाला हस्तक्षेप आपकी आदत को छिन्न-भिन्न कर सकता है। शराब और धूम्रपान से छुटकारा पाने के लिए इसका प्रयोग किया जा सकता है।पिछले साल मैंने व्यायाम और पोषण के बारे में बात की थी। आज मैं शराब के बारे में कहूँगा। लगभग 30% भारतीय पुरुष और 5% भारतीय महिलाएँ नियमित रूप से शराब का सेवन करते हैं। इसका उपयोग व्यक्ति, परिवार और समाज के शारीरिक, सामाजिक, भावनात्मक, स्वभावगत और आर्थिक क्षेत्रों पर विभिन्न प्रकार के प्रभाव डालता है। शराब का सेवन स्वास्थ्य सम्बन्धी 60 प्रकार की परेशानियों से, और चिल्लाकर झगड़ा करने से लेकर दुर्घटनाओं तक से, जुड़ा हुआ है। पूरे विश्व पर दृष्टि डालें तो शराब के प्रयोग के प्रभाव और दुष्परिणाम प्रत्यक्ष दिखाई देते हैं। उच्च आय वाले देशों ने इन हानिकारक प्रभावों को कम करने के प्रयास बढ़ा दिए हैं। यही समय है जब हमारे समाज को इस महामारी के लिए जाग जाना चाहिए इसके पहले कि और अधिक जीवन नष्ट हों, और परिवार समाप्त हो जाएँ।
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