पिछली बार मैंने व्यायाम के बारे में लिखा था; आशा करता हूँ कि आप काफी हद तक लाभान्वित हुए होंगे।
आज मैं आपको पोषणयुक्त भोजन के बारे में बताना चाहता हूँ। आइये पहले फलों और सब्जियों के बारे में बात करें। ये स्वास्थ्य बढ़ाने वाले और सुख देने वाले होते हैं। WHO प्रतिदिन 5 बार फलों और सब्जियों को पर्याप्त मात्रा में लेने की सिफारिश करता है। हर बार की मात्रा लगभग 80 ग्राम होनी चाहिए, तीन बार सब्जियाँ और दो बार रंगीन फल (लाल, पीले, नारंगी, नीले और हरे) होने चाहिए। एक दिन में 5 प्रकार के रंग लें। आमतौर पर ये कई प्रकार के विटामिनों, खनिजों, एंटीऑक्सीडेंट और भोज्य रेशों से युक्त सूक्ष्म पोषक तत्वों का प्रभावी स्रोत होते हैं। यह रोगों से बचाने वाले आहार हैं और दिल तथा दिल की नसों से सम्बंधित रोगों को रोकने में मदद करते हैं। नीले फल और सब्जियाँ रक्तचाप नियंत्रित करते हैं और पोटैशियम का बढ़िया स्रोत होते हैं। कुछ फल जैसे सेब, अनार, अमरुद, संतरे आदि मधुमेह के रोग में बढ़िया होते हैं। भोजन में उचित मात्रा में उपस्थित रेशा मल को निकालने में सहायता करता है और कब्ज, आंत के अंतिम सिरे और मलाशय के कैंसर से बचाव करता है।
सूखे मेवे
सूखे मेवे पोषण का पावरहाउस होते हैं जिनमें आवश्यक फैटी एसिड, प्रोटीन, खनिज और एंटीऑक्सीडेंट छोटे समूह में उपस्थित होते हैं। चूँकि सूखे मेवों से पानी की अधिकतर मात्रा निकल चुकी होती है, उनका पोषण छोटे पैकेट के रूप में इकठ्ठा हो जाता है और इसलिए वे कहीं भी लाने-ले जाने में और कभी भी खाने में आसानी प्रदान करते हैं। ये तेल से भरपूर होते हैं और अधिक कैलोरी प्रदान करते हैं, अतः इनकी मात्रा सीमित, लगभग 25-30 ग्राम प्रतिदिन, होनी चाहिए।
अखरोट सर्वश्रेष्ठ है जिसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड, मोनोअनसैचुरेटेड फेट्स (65%), विटामिन ई और प्रोटीन (16%) भरपूर मात्रा में होते हैं. यह मस्तिष्क की खुराक है, मस्तिष्क की कोशिकाओं के उचित प्रकार से कार्य करने के लिए बढ़िया है और रक्तचाप, दिल और इससे सम्बंधित रोग, ट्राइग्लिसराइड, ब्रोन्कियल अस्थमा की सूजन और शरीर में रोग प्रतिरोधक शक्ति कम होने के कारण होने वाले जोड़ों के दर्द को कम करने में मदद करता है। यह मेलाटोनिन से समृद्ध होता है – इसलिए नींद को नियमित करता और माइग्रेन में भी मददगार होता है। इसके उपरी हिस्से में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट्स में 90% फेनोलिक एसिड, टेनिन और फ्लावोनोइड होते हैं जो उम्र सम्बन्धी संज्ञानात्मक कमजोरी को दूर करने में और इसके अलावा नसों और तंत्रिकाओं के रोगों के खतरे को भी कम करते हैं। इसे मीठे आहारों में मिलाएँ या प्रतिदिन (3-4 आधे हिस्से) ऐसे ही चबाकर खा लें।
बादाम मोनोअनसैचुरेटेड फेटी एसिड्स (60% फैट), विटामिन ई, पोटैशियम, मैग्नीशियम से समृद्ध होती है जो रक्तचाप और ह्रदय को सामान्य और स्वस्थ बनाए रखने में मदद करते हैं और इसमें मौजूद ट्रेस एलेमेंट्स जैसे कॉपर और मैंगनीज की सूक्ष्म मात्रा स्वास्थ्य गुणांक हेतु लाभकारी होती है। 7-8 बादाम रोज खाएँ।
पिस्ते में अखरोट और बादाम के मुकाबले में प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है। ये ओलिक एसिड, कैरोटीन, विटामिन ई से भरपूर होते हैं और आयरन का सबसे शक्तिशाली स्रोत होने के कारण स्वास्थ्य को पुनः शक्ति देने में बढ़िया काम करते हैं। प्रतिदिन इनके 10-12 टुकड़े लिए जा सकते हैं। हरे और नमकरहित पिस्तों को वरीयता दें!
खजूर पोषण का पावरहाउस हैं, जो कि पोटैशियम और मैग्नीशियम का उत्कृष्ट स्रोत हैं और ह्रदय और उसकी प्रणाली का रक्षण करते हैं। ये बी-विटामिनों का भी बढ़िया स्रोत होते हैं, जो ऊर्जा का स्तर बढ़ाता है और इसमें उपस्थित आयरन हमारे शरीर को ऑक्सीजनयुक्त रक्त कोशिकाएं उत्पन्न करने में मदद करता है। ये फ्रुक्टोस और डेक्स्ट्रोस से समृद्ध होते हैं, जो शरीर को, पचने में आसान, शक्कर देते हैं और दिन की शुरुआत करने के लिए उचित आहार हैं। इसमें अधिकतम भोज्य रेशा होता है और यह पेट साफ करने के लिए बढ़िया है। ये मीठा खाने की इच्छा को पूरा करने का प्राकृतिक और स्वास्थ्यकारी तरीका हैं। मध्यम आकार के 2 खजूर प्रतिदिन लें।