सोचिये यदि आप अपने गद्दे पर बैठे हैं और न्यूनतम शारीरिक गतिविधि किये बिना आधे से ज्यादा दिन तक केवल टीवी ही देख रहे हैं, तो आप निश्चित रूप से काउच पोटैटो सिंड्रोम का एक हिस्सा हैं।
ये क्या है?
यह शब्द ऐसे लोगों को बताता है जो टीवी की दुनिया में, आरामदायक गद्दे पर, चिप्स या जंक फ़ूड की थैली लेकर बैठे हुए, जीते रहते हैं। कुल मिलाकर जो भी कुछ वे करते हैं वह है टीवी के सामने बैठे रहना, टहलते रहना, सोना, ढेर सारी वसा और चिकनाई खाना, और टीवी पर कुछ भी देखते रहना। उनकी जीवनशैली उबाऊ (सरल शब्दों में आलसी) होती है, वे मुश्किल से ही गद्दे से उठते हैं। जिस बात को समझने में वे असमर्थ होते हैं, वह यह है कि इस प्रकार की जीवनशैली खतरा उत्पन्न करने वाले विकार तक चली जाती है, जिसे काउच पोटैटो सिंड्रोम कहते हैं।
विकिपीडिया बताता है,
आरामदायक जीवनशैली वह जीवनशैली है जिसमें शारीरिक गतिविधियाँ अनियमित या बिलकुल नहीं होती हैं। आरामदायक या आलसी जीवनशैली रखने वाले व्यक्ति को बोलचाल की भाषा में फूहड़, आलसी या काउच पोटैटो कहते हैं। सामान्यतया यह विकसित और विकासशील दोनों प्रकार के देशों में पाया जाता है। आरामदायक जीवनशैली में दिन के अधिकतर समय बैठे रहना, पढ़ना, टीवी देखना, विडियोगेम्स खेलना और कंप्यूटर का उपयोग करना और शारीरिक व्यायाम कम या बिलकुल नहीं करना होता हैं। काउच पोटैटो या बेकार आलसी व्यक्ति इस प्रकार जीते हैं, मानों हर दिन रविवार ही है।
शोध अध्ययनों से प्राप्त कुछ जानकारियाँ बताती हैं कि
कोक्यू10 की कमी भी ऐसे जीवनशैली का एक कारण है। इसलिए अपने डॉक्टर से इसके बारे में चर्चा करें।
स्त्री और पुरुष प्रतिदिन जितने अधिक समय तक बैठे रहते हैं, उनकी
समयपूर्व मृत्यु की उतनी ही अधिक संभावना होती है। यह महत्वपूर्ण है कि व्यायाम रहित समय में वे क्या कर रहे हैं, इस बारे में वे अधिक सतर्क हों। लोगों को अपने दैनिक बैठे रहने के समय को कम करने वाले अवसरों को खोजना चाहिए और दिन भर के दौरान, अधिक से अधिक समय, बार-बार गतिशील बने रहना चाहिए।
बैठे रहने वाली जीवनशैली और शारीरिक सक्रियता की कमी खतरे के कारकों जैसे चिंता, ह्रदय सम्बन्धी रोगों में योगदान दे सकती या उनका कारण बन सकती है। शारीरिक गतिविधियां जैसे कुछ कसरत करना या घरेलू कार्य करना में अधिक समय व्यतीत करना इस सिंड्रोम को
रोकने में मदद कर सकता है।
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