mTatva (www.mtatva.com) द्वारा हेल्थपाई की शुरुआत किये लगभग कुछ हफ्ते हो गए हैं। और लगभग हर दिन मैं अपने आप से पूछता रहा हूँ…हेल्थपाई पर रोगी किन मुद्दों का सामना कर रहे हैं? किन्तु एक इन्सान होने के और एमतत्व का मालिक होने के नाते मैं अपने आप से यह भी पूछता हूँ कि क्या रोगी हेल्थपाई को पसंद कर रहे हैं? मैंने बाद वाले प्रश्न के बारे में यहाँ लिखने के लिए सोचा। हमारे द्वारा प्राप्त किये गए लगभग हर रोगी से मैं निकटता से जुड़ा हुआ हूँ। मैं हमेशा रोगियों के आस-पास, उनका बारीकी से निरीक्षण करते हुए, रहा हूँ, चाहे वे डॉक्टर के लिए अपनी बारी का इन्तजार कर रहे हों, बिल की लाइन में लगे हों, दवाई की दुकान पर खड़े हों या और कुछ कर रहे हों। मैंने हमारे पास उपलब्ध आंकड़ों का विश्लेषण किया है और इसके दौरान प्राप्त कुछ जानकारियों को यहाँ साझा करना चाहता हूँ।
डिजिटल परचा
यह एमतत्व का रोगी से पहला संवाद है। रोगी अपने मोबाइल पर डिजिटल परचा प्राप्त करते हैं। क्या आप पर्चे पर लिखी डॉक्टर की लिखाई कभी भी पूरी तरह समझ पाए हैं? हममें से अधिकतर यह मानेंगे कि हम लिखाई नहीं समझ पाते। इससे ज्यादा यह है कि अलग-अलग डॉक्टर दवा लिखने के लिए अलग-अलग प्रकार की गुप्त भाषा का प्रयोग करते हैं। डिजिटल परचा इसी समस्या को हल करता है। रोगी को उपचार विधि लिखा हुआ एसएमएस तुरंत मिलता है जो कि हमारे द्वारा समझी जा सकने वाली नियमित भाषा में होता है।
इसकी हमारे रोगियों द्वारा बहुत प्रशंसा की गई है। इसके कई लाभ हैं। मैंने कागज पर लिखे पर्चे से रोगियों को दवा लेने के तरीके को समझने की कोशिश करते हुए देखा है(दवा कब लेना- नाम, समय और भोजन के पहले या बाद में आदि)। 3 प्रकार की दवाओं से ज्यादा लेने वाले रोगियों के लिये डॉक्टर या दवाई की दुकान वाले व्यक्ति के साथ कुछ सेकंड की मुलाकात के दौरान यह सब याद कर पाना बहुत ही मुश्किल होता है। इन निर्देशों तक आपके फ़ोन द्वारा किसी भी समय पहुँच की सुविधा देकर डिजिटल परचा रोगियों की सहायता करता है।
ऐसे ही एक मामले में एक रोगी ने हमारे पास आकर कहा कि वह दवा लेने की एक प्रक्रिया को बिलकुल ही नहीं समझ पाया था और दवा किस प्रकार लेना है इसे गलत समझ गया था, लेकिन डिजिटल पर्चे की सहायता से उसे सही तरीका पता चल गया। डिजिटल पर्चे के बिना जो गलती वह करता उससे बचाने के लिए उसने हमें धन्यवाद दिया। इसके अलावा वह इस बात के लिए भी खुश था कि वह इसका उपयोग हमेशा कर सकता है, क्योंकि अपने कागज के पर्चे के मुकाबले अपने फ़ोन तक उसकी पहुँच अधिक आसान है।
एसएमएस द्वारा दवा लेने के रिमाइंडर
आइये इसे मान लें: हममें से अधिकतर रोगी एक या अधिक बार दवा लेना भूल जाते हैं। दवा लेने की कुल अवधि के अंतिम एक-दो दिनों में या जब रोगी बिस्तर पर ना हो और दवा लम्बे समय तक चलनी हो, तब यह समस्या अधिक गंभीर हो जाती है। ऐसे मामलों में दवा लेने के रिमाइंडर रोगियों के बड़े काम आते हैं। अपने इलाज से जुड़े रहने का बोध रोगियों को अधिक आत्मविश्वासी बनाता है जिससे उन्हें जल्दी ठीक होने में सहायता मिलती है। और निश्चित ही, समय पर दवा लेना रोगी की मदद तो करता ही है।
वैसे कहीं-कहीं रोगियों को अपनी दवा लेना याद रहता है और उन्हें इस प्रकार से याद दिलाने की जरूरत नहीं पड़ती। लेकिन ऐसे लोग 10% से भी कम होते हैं।
व्यक्ति(रोगी) उपयोगी जानकारी
यह सबसे प्रभावी और संतुष्टिदायक अनुभव रहा है। हमारे पास रोगियों से “मैं पहले कभी इतनी जानकारियों के साथ नहीं रहा, आशा करता हूँ कि यह सभी अस्पतालों में उपलब्ध होगा” इस प्रकार की प्रतिक्रियाएँ आती हैं। हमारी जानकारियाँ रोगियों के बड़े हिस्से के लिए परेशानियाँ उत्पन्न करने वाले कारणों को सुलझाती हैं। अधिकतर बड़ी उम्र के रोगियों और महिला रोगियों को अपनी बीमारी और स्वास्थ्य स्थितियों को लेकर कई प्रकार की चिंताएं और सवाल होते हैं। इनके पास इतने सवाल होते हैं कि अधिकतर लोगों को अपने सारे सवाल पूछने की याद ही नहीं रहती। और कई रोगी सभ्य नागरिक होते हैं जो बाहर की लम्बी कतार का ध्यान रखते हुए डॉक्टर के साथ सहयोग करते हैं। इसका परिणाम यह होता है कि इनमें से अधिकतर रोगी अस्पताल या क्लिनिक से असंतुष्ट ही बाहर आते हैं। और यही वह बात है जिसपर हमारी रोगी उपयोगी जानकारी काम करती है।
पिछले कुछ हफ़्तों में यह संतुष्टिदायक अनुभव रहा है कि हम अपने कई सेवारहित ग्राहकों की समस्याओं को सुलझा सके हैं और उनके चेहरों पर संतुष्टि का भाव देख पाए हैं। और इनमें से कई युवा और टेक-सेवी रोगी इसे सही में ‘कूल’ भी मानते हैं।
और निश्चित ही इन सबके दौरान हम भी यह सीखते हैं कि हमारे भीतर क्या कमी है और हमें क्या सुधार करने की जरूरत है। हम रोगियों के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए लगातार कार्य कर रहे हैं।
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