नेत्रदृष्टि

नेत्रदृष्टि

नेत्रदृष्टि क्या है?

नेत्रदृष्टि प्रकाश की अनुभूति है जो वस्तुओं द्वारा आँख(आँखों) से दृश्य के रूप में अनुभव और मस्तिष्क द्वारा प्रसंस्कृत की जाती है। दृष्टि को नेत्रदृष्टि, देखना और दिखाई पड़ना भी कहा जाता है। इस प्रक्रिया के बाद के हिस्सों को दृष्टि अनुभव भी कहा जाता है।

दृष्टि सम्बन्धी समस्याओं के प्रकार

वयस्कों को होने वाली सबसे आम दृष्टि सम्बन्धी समस्याओं में धुंधला दिखना (जिन्हें रेफ्रेक्टिव एरर कहते हैं), आयु सम्बन्धी मैकुलर डिजनरेशन, ग्लूकोमा, मोतियाबिंद, मधुमेहजनित रेटिनोपेथी आदि आते हैं। बच्चों में होने वाली दृष्टि सम्बन्धी सबसे आम समस्याओं में धुंधला दिखना, भेंगी आँखें (जिसे स्ट्रेबिस्मस कहते हैं), सुस्त आँख(जिसे दृष्टि मंदता कहते हैं)।

संकेत और लक्षण

  • आँखों में होने वाला एकाएक, तीव्र दर्द।
  • अस्पष्ट, धुंधला या दोहरा दिखाई देना।
  • प्रकाश की चिंगारियाँ या एकाएक तैरते हुए चमकीले बिंदु दिखाई पड़ना।
  • प्रकाश के आस-पास इन्द्रधनुषी रंग या आभामंडल दिखाई देना।
  • प्रकाश या चमक के प्रति असामान्य, बल्कि दर्दयुक्त संवेदनशीलता।
  • सूजी हुई और लाल आँखें।
  • पुतली के रंग में बदलाव।
  • आँख के तारे में सफ़ेद हिस्से।
  • आँखों में खुजली, जलन होना या अधिक मात्रा में द्रव बहना।

दृष्टि सम्बन्धी समस्याओं के कारण

  • कम प्रकाश में पढ़ना या कार्य करना और चमकदार प्रकाश में आँखों की सुरक्षा के बिना रहना तथा लम्बे समय तक टीवी देखना।
  • दृष्टि के मंद होने का अन्य कारण जो कि पहले कारण से मिलता-जुलता है, वह है लम्बे समय तक बारीक छपे अक्षरों को पढ़ना और कंप्यूटर पर लम्बे समय तक कार्य करना।
  • पोषण और आहार हमारी दृष्टि के मंद होने का एक और प्रमुख कारण हो सकते हैं। आपकी आँखें दो आवश्यक और प्रमुख अंग हैं जिन्हें अपने सूक्ष्म कार्य को सुचारू रूप से करने के लिए संतुलित पोषण की आवश्यकता होती है।

बचाव के तरीके

  • स्क्रीन को निश्चित दूरी पर रखें: विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि आप अपनी आँखों को कंप्यूटर स्क्रीन से कम-से-कम एक हाथ की दूरी पर और हाथ में उपस्थित किसी यन्त्र से 16 इंच की दूरी पर रखें।
  • आँखें झपकाने का विराम लें: आँख झपकना महत्वपूर्ण है क्योंकि आँख की उपरी पलक, नेत्र या कॉर्निया के सामने की तरफ तरल पदार्थ फैलाती है।
  • सुरक्षात्मक चश्मा पहनें: चश्मे आँखों को अल्ट्रावायलेट किरणों की चपेट से बचाते हैं। इन किरणों की चपेट दृष्टि को कम कर सकती है और मोतियाबिंद, आयु सम्बन्धी मैकुलर डिजनरेशन और आँखों की सतह, पलकों तथा इसके आसपास की त्वचा पर कैंसररहित या कैंसरयुक्त वृद्धि की उत्पत्ति कर सकती है।
  • समुद्री भोज्य पदार्थों से युक्त आहार आजमाएँ: शायद आप यही जानते होंगे कि ओमेगा-3 फैटी एसिड हृदय और मस्तिष्क के स्वास्थ्य को उन्नत करते हैं किन्तु ये आपकी आँखों में रोगों के होने की संभावनाओं को भी कम कर सकते हैं।
  • अपने मेकअप के तौर-तरीकों में बदलाव करें: मस्कारा में बैक्टीरिया पनप सकते हैं, इसलिए तीन माह बाद ट्यूब बदल दें। इसके अलावा, लाइनर पेंसिलों की नोक नियमित रूप से बनाते रहें। आपकी बरौनियों के आधार पर लाइन बनाने, किन्तु बरौनियों की रेखा के भीतर लाइनर लगाने से, आपकी आँखों की सतह की सुरक्षा करने वाली तैलीय ग्रंथियाँ अवरुद्ध हो सकती हैं।