मोटापे के विरुद्ध मेरा संघर्ष – II नियमित व्यायाम

नियमित व्यायाम नियमित व्यायाम करने के ढेरों लाभ हैं, इसमें कोई शक नहीं ये आप जानते हैं। अगर आप एकदम व्यायाम नहीं करते तो आपको काउच पोटैटो होने का खतरा होसकता है। लेकिन जब आप लाभों को तो समझते हों पर अन्य बातें बीच में आ जाएँ, तो आप अपने आप को कैसे संभालेंगे!

अपने क्षेत्र में बने रहना

मेरा शरीर कुछ इस तरह का है कि जब मैं दौड़ना जारी रखता हूँ तो मुझे भूख कम लगती है। – और इस प्रकार यह मजबूत होने का एक सकारात्मक तरीका है। आलस करने पर ठीक विपरीत प्रभाव होता है। अपनी गतिविधि का नियमित लेखा-जोखा अत्यन्त उत्साहवर्धक होता है। अपनी व्यक्तिगत उपलब्धियों को बढ़ाने (और अधिक महत्वपूर्ण रूप में, अच्छा महसूस करने) के लिए मैं स्पोर्ट्स ट्रैकर एप का प्रयोग करता हूँ। अपनी ट्रेनिंग-डायरी को देखें, जब इसमें सबसे ऊपर “3 दिन पहले” लिखा हुआ दिखता है, तो आपकी जाने की इच्छा बढ़ जाती है!

Red marks are runs. Yellow marks are walks.
डायरी आपकी गति बनाए रखती है!

मेरा टखना मुड़ गया

पिछले लेख क अनुसार, पिछले साल मैं ऐसे मोड़ पर पहुँच गया जहाँ चाहने के बाद भी मैं दौड़ नहीं सकता था क्योंकि अत्यधिक बढ़े हुए वजन ने मेरे टखनों और घुटनों पर भारी दबाव डाल दिया था। इसके अलावा – किसी पत्थर पर पैर आजाने से या पत्तियों में छिपे फल पर अचानक पैर आजाने से के कारण- कभी-कभी मेरे टखने में मोच आ जाती! मैं डामर वाली सड़क पर दौड़ने में आनंद का अनुभव नहीं करता; खेल-मैदान में दौड़ने में ऐसे अवरोध होते हैं।

मोच आना बुरी बात है। एक ही जगह पर बार-बार मोच आना आगे चलकर उस जगह पर आर्थराइटिस होने की संभावना बढ़ा देता है। इस क्षति को कम करना महत्वपूर्ण है – इसलिए यदि एकाएक तेज दर्द हो तो तुरंत दौड़ना बंद करें – और पैदल घर वापस ना लौटें; किसी को सहायता के लिए बुलाएँ या कैब लेकर लौटें!

जब भी मुझसे से मेरा टखना मुड़ा, तो स्थिति की गम्भीरता के अनुसार मैं अगले 2-3 सप्ताहों के लिए खुद को पूरी तरह से असक्रिये कर दिया। फिर पूरी तरह से आराम, गर्म और ठंडी सिकाई, डाईक्लोफेनेक और क्रेप-बैंडेज आदि के बाद, मैं एक दिन में घर के आस-पास घूमने लायक स्थिति में आया। लेकिन मैं दुखी था कि मेरा दौड़ना बंद हो गया था।

मुड़े हुए टखने के साथ; मैं कैसे दौड़ता?

मैं “पैदल चलने” को व्यायाम का सबसे उबाऊ तरीका मानता था जो कि केवल बुढ़ापे के लिए उचित होता है। तो यह मेरे लिए “सब कुछ या कुछ नहीं” की तरह था – मैं या तो हफ़्तों तक बढ़िया दौड़ता रहता और जब मोच की देखभाल हो रही हो, तब बिलकुल भी नहीं दौड़ पाता था। यह रहस्योद्घाटन तब हुआ जब मैं भीतरी गतिविधियों से ऊब गया और टहलने के लिए निकला। 5 किमी/घंटे की गति से चलने से मेरे पैरों को नुकसान नहीं हुआ, और इस गति से एक घंटा चलने से लगभग 300 कैलोरीज भस्म हुईं। दिन में दो बार, सुबह और शाम, लगभग एक घंटे पैदल चलने पर, एक बार में 30 मिनट दौड़ने से अधिक कैलोरीज भस्म हुईं!

क्या अत्यधिक परिश्रम/व्यायाम से आपके सिर में दर्द होता है?

नियमित रूप से (लगभग रोज, ऐसा पढ़ें) व्यायाम करना एक साथ अत्यधिक गतिविधि करने के मुकाबले बेहतर होता है। और पैदल घूमना इस विचार को मदद देता है। अत्यधिक दौड़ने के बाद पुश-अप, चिन-अप आदि करने से मेरे आधे सिर में दर्द हुआ करता था। अब ये सिरदर्द मुझे और अधिक समय तक के लिए नहीं रहा। मैं 5.5 किमी की दौड़ और 50 क्रंच लगाने के बाद 30-35 पुश अप कर सकता हूँ – और अब सिर बिलकुल भी पीड़ित नहीं होता! मेरा अनुमान है कि वहाँ की रक्तवाहिनियाँ अब व्यायाम की तीव्रता की आदी हो गई हैं..।

जब भी मैं कर सकूं, तब अक्सर व्यायाम करता हूँ।

पैदल चलने से सम्बन्धित इस रहस्योद्घाटन के बाद, मैं दीवाना हो गया! मैं दिन में दौड़ता और शाम को पैदल चलता। मैं 700+ कैलोरीज जलाता था – जो कि एक समय के पूरे भोजन के बराबर होता है! लेकिन निश्चित ही, मुझे इस प्रकार का समय हर दिन नहीं मिल सकता था। सप्ताहांत विशेष हो जाते- मेरे पास “आराम” के दिन और अधिक नहीं होते; इसके स्थान पर मैं सप्ताह के मध्य में विश्राम कर सकता था, जब काम ने फुर्सत का समय चुरा लिया होता है।

वास्तव में मै इसके परे चला गया। कई रातों में मैं देरी तक कार्य करता था और दिन चढ़ते उठ जाता था। बाहर जाने के बजाय, मैंने भीतर ही सूर्य-नमस्कार करने का निर्णय किया, जिसके बाद एब्स वाला व्यायाम करता था। दूसरे शब्दों में, मैं व्यस्त हो गया था और व्यायाम करने का कोई मौका जाने नहीं देना चाहता था।
बारिश में? मैंने खोज की कि पास ही स्थित जंगल का एक हिस्सा बारिश के पानी को स्कूल के खेल के मैदान के मुकाबले जल्दी सोख लेता है। – और दौड़ को नियमित जारी रखने के लिए मैं इन दोनों स्थानों के बीच आता-जाता रहूंगा, चाहे फिर बहुत अधिक बारिश ही क्यूँ ना हुई हो।

निश्चित ही हरेक को शरीर की सुनना चाहिए और जबरदस्ती नहीं करना चाहिए। साथ ही, मेरा सर्वोत्तम व्यायाम तब था जब थकावट महसूस करने पर भी मैं दौड़ने के लिए गया, निश्चित अगर मैं बिस्तर पे होता तो सो जाता। बल्कि, यह दोगुना आनंददायक और उपलब्धिदायक बन गया!

संक्षेप में

  • व्यायाम करने के अवसर को खोएँ नहीं, चाहे थके हुए ही क्यों ना हों।
  • प्रतिदिन दौड़िए। दिनों का कार्यक्रम मत बनाइये, आपको एकाएक विराम मिल जाएगा।
  • यदि आप दौड़ नहीं सकते, तो पैदल चलिए। यदि पैदल नहीं चल सकते तो योगासन कीजिये। छोड़िये मत!
  • प्रतिदिन कुछ कीजिये।. इसका रिकॉर्ड रखें, इसकी तारीफ करें, खुद की भी तारीफ करें। लगे रहें!


अपने अगले ब्लॉग में मैं, व्यायाम के पालन में सहयोग करने वाली भोजन की आदतों पर चर्चा करूंगा।