Ill effects of Smoking – Image courtesy www.nt.gov.au
31 मई भारत सरकार द्वारा धूम्रपान निषेध दिवस की तरह मनाया जाता है। “सिगरेट और अन्य तम्बाकू उत्पाद अधिनियम-2003” सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान करने पर, 18 वर्ष की आयु से कम के लोगों को तम्बाकू पदार्थों की बिक्री पर और इन उत्पादों के विज्ञापन पर भी प्रतिबन्ध लगाता है। जिन लोगों ने धूम्रपान करना कम आयु में शुरू किया हो और जीवनभर लगातार धूम्रपान करते रहे हों, ऐसे 2 में से 1 व्यक्ति की मृत्यु तम्बाकू सम्बंधित 25 में से एक बीमारी के कारण होती है।
1 सिगरेट आपकी उम्र को 12 मिनट घटा देती है। 5 सिगरेट एक घंटा आयु घटा देती हैं। यदि आप 24 वर्षों तक धूम्रपान करते रहे हों, तो आप 1 जन्मदिन कम मनाएंगे।
एक सिगरेट 4000 रसायन उत्सर्जित करती है, जिनमें से कुछ कैंसर उत्पन्न करने के लिए जाने जाते हैं। सामान्य रूप से बात करें तो धूम्रपान करने वाले निराश, दबावयुक्त, अवसादग्रस्त होते हैं और किसी भी प्रकार की निराशाजनक स्थिति से भागने या बचने के लिए धूम्रपान का सहारा लेते हैं। धूम्रपान की चपेट में आने वाले निष्क्रिय धूम्रपान वाले व्यक्ति भी प्रतिदिन अपनी साँस के माध्यम से निकोटीन और रसायनों की बहुत अधिक मात्रा अपने भीतर लेते हैं! कुछ नमूने नीचे दिए गए हैं:
- भीड़ भरे धूम्रपान बार में – 2 घंटे में 4 सिगरेट
- धूम्रपान की अनुमति वाले रेस्टोरेंट में – 2 घंटे में 1½ सिगरेट
- धूम्रपान की अनुमति वाले कार्यालय में – 8 घंटे में 5 से 6 सिगरेट
- धूम्रपान करने वाले व्यक्ति के पीछे 3 घंटों तक बैठना – 1 सिगरेट
- यदि आपके परिवार में कोई व्यक्ति 24 घंटे धूम्रपान करता है – 3 से 4 सिगरेट।
धूम्रपान छोड़ने के तरीके
- दृढ़ इच्छा-शक्ति धूम्रपान छोड़ने का सर्वोत्तम तरीका है। धूम्रपान से जुड़े उत्प्रेरक को पहचानना और उससे परहेज किया जाना चाहिए।
- तम्बाकू के नशे या विषैले तत्वों की सफाई: यदि तम्बाकू छोड़ने पर उत्पन्न होने वाले लक्षण गंभीर हों तो धूम्रपान रोकने में निकोटीन रिप्लेसमेंट चिकित्सा अत्यंत प्रभावी होती है। इस चिकित्सा प्रक्रिया में धूम्रपान करने वालों को उनके द्वारा लिए जाने वाली खुराक की मात्रा या उसकी संख्या को धीरे-धीरे घटाकर, उनकी निकोटीन की लत को छुड़ा देने का कार्य किया जाता है। प्रतिदिन की ली जाने वाली खुराक को 4-8 हफ़्तों में घटाया जाता है और इसके बाद बंद कर दिया जाता है अर्थात प्रक्रिया में खून में निकोटीन का वह स्तर बनाए रखा जाता है, जिसकी आदत धूम्रपान करने वाले को, धूम्रपान छोड़ देने के बाद भी होती है।
- तकनीकों में हैं: त्वचा पर लगाए जाने वाले निकोटीन पैचेज, चबाने हेतु निकोटीन गम, नाक में डालने हेतु निकोटीन स्प्रे, निकोटीन की गोलियाँ और निकोटीन इनहेलर। इसमें निकोटीन के एक रूप से दूसरे रूप में बदलाव सम्मिलित होता है। ब्यूप्रोपिओन टेबलेट्स मस्तिष्क में स्थित न्यूरो-ट्रांसमीटर्स को प्रभावित करती हैं और धूम्रपान करने वाले की तलब पर लगाम लगाती हैं।
यदि आदत फिर लौट आती है, तो भी आप असफल नहीं हैं, एक बार के फिसलने को रपटना ना बनने दें। तलब बढ़ाने वाले कारण को ढूँढें और फिर से धूम्रपान रहित मार्ग पर लौट आएँ। योग, ध्यान, दौड़ने, पढ़ने की आदत से सकारात्मक आदतों को उत्पन्न करें।