अनुचित भण्डारण के कारण टीकों का निष्प्रभावी होना
टीकों को उनके निर्माण के समय से लेकर लगाए जाने तक उचित प्रकार से भंडारित करके रखा जाना चाहिए। टीकों के उचित भण्डारण और देखभाल के तरीके लोगों और समुदायों को टीकों द्वारा रोके जाने वाले रोगों से बचाव करने में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
टीकों की गुणवत्ता की सभी की सम्मिलित जिम्मेदारी होती है। प्रत्येक सुविधा केन्द्र पर सामान्य और आपातकालीन टीका भण्डारण और देखभाल से सम्बंधित नियमावली विस्तृत रूप से लिखी होनी चाहिए और इन्हें हर वर्ष व्यवस्थित किया जाना चाहिए। ये नीति और प्रक्रियाएँ स्टाफ के सभी सदस्यों के सन्दर्भ हेतु लिखित रूप में आसानी से उपलब्ध होनी चाहिए। टीकों द्वारा रोके जा सकने वाले रोगों को रोकने के लिए किये जा रहे प्रयासों की सफलता का कुछ हिस्सा टीकों के उचित भण्डारण और देखभाल को भी दिया जाना चाहिए। तापमान की सुझाई गई सीमा के बाहर के तापमान की चपेट में आने पर टीकों की क्षमता और सुरक्षा देने की शक्ति में कमी हो जाती है। भण्डारण और देखभाल में होने वाली त्रुटियों से बेकार होने वाले टीकों और फिर से लिए जाने वाले टीकों की लागत लाखों रुपयों हो सकती है। इन त्रुटियों के कारण फिर से टीका लगाने के परिणामस्वरुप रोगी का विश्वास भी डगमगाता है। उचित प्रकार से ना रखे गए या देखभाल किये गए टीके लगाने से बेहतर है कि टीका ना ही लगाया जाए। टीका प्रबंधन जैसे उचित भंडारण और सही देखभाल पर बेहतर प्रतिरक्षा अभ्यास खरा किया जा सकता है
टीकों की गुणवत्ता को सुनिश्चित करना और कोल्ड चैन बनाए रखना, ये निर्माताओं, वितरकों, जन स्वास्थ्य कर्मियों और स्वास्थ्य-सेवा प्रदाताओं की सम्मिलित जिम्मेदारी होती है। सही कोल्ड चैन, नियंत्रित रखे गए तापमानयुक्त ऐसी वितरण व्यवस्था है, जिसमें टीके के निर्माण से लेकर टीका लगाए जाने तक उसके भण्डारण और देखभाल के लिए तथा उन्हें लाने-ले जाने के दौरान उपयोग में आने वाले सभी उपकरणों और प्रक्रियाओं को सम्मिलित किया जाता है। कुछ सरल चरणों का पालन करके और भण्डारण तथा देखभाल के उचित तरीकों को लागू करके, प्रदाता ये निश्चित कर सकते हैं की मरीज को लगने वाले टीकों का पूरा लाभ होगा।
टीकों के व्यर्थ सम्बन्धित ताजा समाचार
खराब गुणवत्ता वाली वितरण व्यवस्था और परिवहन प्रबंधन व्यवस्था की कमी के कारण कुल टीकों में से कम-से-कम 25 प्रतिशत डॉक्टरों तक पहुँचने के पहले बेकार हो जाती हैं जबकि अन्य कई टीकों की लगते समय तक दक्षता खो चुकी होती है।
ये स्थिति सरकार और प्रतिरक्षण को फैलाने में लगी हुई जन स्वास्थ्य एजेंसियों के लिए बहुत बड़ी चुनौती पेश करती है, खासकर दूर-दराज के क्षेत्रों में जहाँ वितरण व्यवस्था और आधारभूत सुविधाएँ अत्यंत कमजोर हैं।
अधिकतर टीके गर्मी के प्रति संवेदनशील होते हैं और 2 डिग्री सेल्सियस तथा 8 डिग्री सेल्सियस के मध्य प्रभावी रहते हैं। इसलिए कोल्ड चैन को बनाए रखने इनकी दक्षता के लिए बहुत जरूरी है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के भीतर आने वाली प्रतिरक्षण तकनीकी सहायता इकाई के अनुसार, हरेक टीके के बेकार होने की मात्रा अलग है, लेकिन टीकों के वितरण की गणना सभी टीकों के लिए 25 प्रतिशत बेकारी के अनुसार की जाती है, जिसमें बीसीजी नहीं लिया जाता क्योंकि इसके बेकार होने की मात्रा सर्वाधिक अर्थात 50 प्रतिशत है। आधारभूत संरचना और कोल्ड स्टोरेज की क्षमता के आधार पर भी बेकार होने की दर प्रभावित होती है।
इस मुद्दे से निपटने के लिए, स्वास्थ्य मंत्रालय अपने टीकाकरण अभियान को एक कदम आगे ले जा रहा है ताकि अधिक कोल्ड चैन को जोड़ा जा सके और वितरण व्यवस्था को अधिक बेहतर तरीके से प्रबंधित किया जा सके। अपने सर्वव्यापी प्रतिरक्षण कार्यक्रम – जो कि दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान है – में मंत्रालय ने टीकों के भण्डारण और वितरण के लिए 27,000 से अधिक कोल्ड चैन पॉइंट की योजना बनाई है। इसके अलावा, मंत्रालय इस व्यवस्था को मजबूत करने के लिए मोबाइल तकनीक के प्रयोग से वास्तविक समय आधारित इलेक्ट्रॉनिक वैक्सीन इंटेलिजेंस नेटवर्क निर्मित करने की योजना पर कार्य कर रहा है जो टीकों के स्टॉक को प्रबंधित करने और कोल्ड चैन के तापमान पर निगाह रखने में सक्षमता प्रदान करेगा।
वैक्सीन भण्डारण मार्गनिर्देश