संपूर्ण आहार आवश्यकताएँ
लोग अपने भोजन के बारे में बहुत सतर्क हैं। लेकिन वे भिन्न-भिन्न प्रकार के मैक्रो और माइक्रो (आकार में बड़े और सूक्ष्म) पोषक तत्वों के अनुपात और मात्रा के बारे में जागरूक नहीं होते। प्रमुख पोषक तत्वों में कार्बोहायड्रेट, फैट, और प्रोटीन होते हैं। सूक्ष्म पोषक तत्वों में विटामिन, खनिज पदार्थ और एंटीऑक्सीडेंट आते हैं। नीचे दर्शाया चित्र सामान्य खुराक में ली जाने वाली कैलोरी के अलग-अलग हिस्सों को आदर्श रूप में दर्शाता है। बैठे-बैठे कार्य करने वाले व्यक्ति आखिरकार आवश्यकता से अधिक वसा लेते हुए पाए जाते हैं। दैनिक भोजन से मिलने वाली चर्बी की मात्रा 30% से अधिक नहीं होनी चाहिए। चर्बी के सेवन के द्वितीय स्तर के हिस्सों को नीचे दर्शाया गया है।स्वस्थ वसा के लाभ और स्रोत
वजन कम करते समय, व्यक्ति को भोजन में चर्बी लेना कम करना चाहिए लेकिन जीरो-फैट की सलाह बिलकुल नहीं दी जाती। अच्छा वसा जैसे HDL की आवश्यकता दिल और शरीर के कार्य करने के लिए होती है। HDL ओमेगा 3 और 6 फैटी एसिड से प्राप्त होता है। ओमेगा 6 सामान्यतया मछली से प्राप्त होने वाले तेल, सरसों, जैतून और सूरजमुखी के तेलों में पाया जाता है। ओमेगा 3 अखरोट, अलसी, और कद्दू के बीजों में होता है। जैसा कि पहले के ब्लॉग में बताया गया है, सूखे मेवे अच्छी वसा और खनिजों के समृद्ध स्रोत होते हैं। स्वस्थ रहने के लिए दिन में पाँच रंग, प्रतिदिन लें का पालन करना याद रखें!कौन से तेल का उपयोग करें और कैसे करें?
अलग-अलग तेलों में उनके अद्वितीय अच्छे गुण होते हैं। इसलिए खाना पकाने के लिए तेलों के मिश्रण का उपयोग करने की सलाह दी जाती है। सर्वोत्तम परिणामों के लिए पीयूएफए (PUFA) और एमयूएफए (MUFA) के 1: 1 अनुपात में मिश्रित तेल का प्रयोग करें।- पॉली असंसुरेटेड फैटी एसिड (पीयूएफए) से समृद्ध तेल – सूरजमुखी, कुमक, मकई
- मोनो अनसैचुरेटेड फैटी एसिड (एमयूएफए) से समृद्ध तेल – मूंगफली, सोयाबीन
अंत में, उतने ही तेल को कढ़ाई में डालें जितना आप एक बार में प्रयोग कर लेंगे। इस्तेमाल किये हुए तेल में अधिक मात्रा में ट्रांस फैटी एसिड होते हैं जो की एथेरोजेनिक होते हैं – जिसकी वजह से धमनियों में वसा का जमाव हो जाता है। अच्छा होगा की तेल को पुन: उपयोग न करें।
हाइड्रोजनीकृत तेल (डालडा) या इस्तेमाल किये हुए तेल से बचना चाहिए, ये एलडीएल (खराब कोलेस्ट्रॉल) को बढ़ा देता है और एचडीएल (अच्छे कोलेस्ट्रॉल) को कम कर देता है जिससे एथेरोस्क्लेरोसिस हो जाता है।