दाल और सब्जी
दाल-सब्जी बनाते समय कम से कम मात्रा में तेल और घी का प्रयोग करते हुए सब्जी का मसाला तड़का बनाया जा सकता है। कम घी-तेल में सब्जी मसाला आदि भूनने में थोड़ा समय अधिक लगता है, लेकिन खाना अच्छा ही बनता है। यदि जल्दी सब्जी पकाने के लिए घी-तेल ज्यादा डालना ही है तो सब्जी बनाने के बाद, खाने से पहले उस अधिक, अनावश्यक चिकनाई को किसी तरह से अलग कर सकते हैं। ग्रेवी वाली सब्जी में तेल ऊपर तैर कर आ जाता है – उसे चम्मच या कलछी की सहायता से सब्जी से बाहर निकाल सकते हैं। दूसरी सूखी सब्जी का तेल कुकर, कढ़ाई की तलाई में नीचे बैठ जाता है – उस समय चम्मच या कलछी की सहायता से सब्जी को ऊपर से उठा कर दूसरे डोंगे में डाल सकते हैं। इस प्रकार अनावश्यक घी तेल की सेवन से आपका शरीर बचा रहेगा।पराठा, चीला, उत्तपम, दोसा…
पराठा, चीला, उत्तपम, दोसा, आदि बनाने के लिए नॉन-स्टिक तवे का इस्तेमाल करना चाहिए और घी-तेल डालने के लिए चम्मच की जगह ऐसे बर्तन या ऊपर-के-ढक्कन-में-छेद-वाली बोतल का प्रयोग करें जिससे एक-एक बूंद कर घी या तेल गिरता हो। आज कल बाजार में बच्चों के पानी पीने की बोतलें बहुत सी ऎसी मिल जाती है – उसमें आप घी तेल आदि भरकर उपयोग में ला सकते हैं। बूंद बूंद तेल डालकर परांठे, चीला, दोसा बनाएं – अनावश्यक घी तेल से बचें।Deep Frying
इसके अलावा कुछ पकवान जैसे पूरी, कचोरी, समोसा, पकोड़ा, आदि बहुत सी चीजें जो डीप फ्राई की जाती हैं, उनको फ्राई करने के बाद पेपर/अखबार आदि पर रखें कागज़ तेल को सोख लेगा और खाना ज्यादा चिकना नहीं रहेगा। फ्राई करने के लिए प्रयोग किया गया तेल बर्तन में बच जाता है, उसे बार-बार गरम करके फ्राई करने के काम में नहीं लेना चाहिए। यदि आप चाहें तो उसी समय प्याज-मसाले आदि भून कर रख सकते हैं और इस तरह तेल खत्म हो जाएगा और काम भी आ जाएगा!कौनसा तेल इस्तेमाल करें?
आज कल बाजार में तरह-तरह के तेल उपलब्ध हैं और विज्ञापनों में सभी अपने-अपने तेल को बहुत अच्छा कहकर उपभोक्ता को आकर्षित करते हैं, तथा गुमराह भी करते हैं। उपभोक्ता समझता है कोई तेल बहुत अच्छा है तो उसे कितना भी खाओ कोलेस्ट्रॉल नहीं बनेगा! यह बड़ी गलतफहमी है – अति हर चीज की बुरी होती है!एक ही तरह का तेल इस्तेमाल ना करें बल्कि कई तरह के – जैसे सोया, सनफ्लावर, राइस ब्रान, मूंगफली, आदि के एक-एक लीटर के पाउच खरीदकर सभी को एक बड़े डिब्बे या can में उंडेलकर अच्छी तरह मिक्स कर लें फिर इस तेल का उपयोग खाना बनाने के लिए किया जाए तो अधिक पौष्टिक, संतुलित, स्वाद-वर्धक और लाभ दायक होता है। सरसो का तेल, तिल का तेल, आदि सभी बहुत अच्छे होते हैं लेकिन सीमित मात्रा में ही इनका प्रयोग किया जाना चाहिए।