व्यायाम आरम्भ करने के 2 घंटे पहले कुछ आहार (जैसे सेब, केला आदि) लें, खासकर यदि आपका प्रशिक्षण 1 घंटे से अधिक का हो। यह शुगर का स्तर नियमित करने में सहायक होता है।
लाल शिमला मिर्च, पत्तागोभी, मशरुम, प्याज़ और टमाटर जैसी सब्जियाँ अत्यंत कम कैलोरीयुक्त होती हैं। वजन कम करने हेतु लिए जाने वाले कम कैलोरी वाले फलों में नीबू, अंगूर, सेब, नाशपाती, संतरे, आलूबुखारे, स्ट्रॉबेरी, तरबूज आदि हैं।
फ्रुक्टोस द्वारा प्राप्त होने वाली कैलोरीज (जो कि शक्कर युक्त पेयों जैसे सोड़ा, एनर्जी और स्पोर्ट्स ड्रिंक्स, कॉफ़ी पेयों, और प्रोसेस्ड आहारों जैसे डोनट्स, मफिन्स, मिठाइयाँ) से आपको, आपके पेट के आस-पास वजन बढ़ाकर ‘सेब’ में बदल देने की बहुत संभावना होती है। शक्करयुक्त आहारों में कमी करने से कमर पतली बनी रहती है और साथ- ही-साथ मधुमेह का खतरा भी कम होता है।
सिरके के संकोचक और जीवाणुरोधी गुण छोटे-मोटे जलने के उपचार में और संक्रमण को रोकने में सहायक होते हैं। सफ़ेद सिरके या सेब के सिरके को समान मात्रा का पानी मिलकर पतला करें। इस मिश्रण से जले हुए हिस्से को धोएँ।
अपने पैरों और एड़ियों की त्वचा को खुरचना या छीलना मृत त्वचा को हटाने में मदद करता है, और इस प्रकार एड़ियाँ शुष्क पड़ने और फटने से बचाता है। इसके लिए घरेलू स्क्रब बनाने में चावल के आटे का प्रयोग किया जा सकता है। थोड़े से चावल को कुछ चम्मच शहद और सेब के सिरके के साथ मिलाएँ। गाढ़ा होने तक हिलाएँ। यदि आपकी एड़ियाँ बहुत ज्यादा फटी हुई हैं तो एक बड़ा चम्मच जैतून का तेल या बादाम का तेल मिलाएँ।
सेब घुलनशील रेशे, विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं। इनमें पेक्टिन भी होता है जो शरीर के विषैले तत्वों और नुकसान करने वाले व्यर्थ पदार्थों को बाहर करता है और शुगर के रोगियों की इन्सुलिन आवश्यकता को 35% तक घटाता है।
फलों में विटामिनों और खनिजों की प्रचुर मात्रा होती है। क्या आप जानते हैं कि विटामिन सी की गोलियों के मुकाबले संतरा स्वास्थ्य को अधिक लाभ पहुंचाता है। कृत्रिम पूरक लेना, सीधे प्राकृतिक आहार लेने से बिलकुल अलग होता है। अपनी प्लेट को इन 10 सर्वाधिक पौष्टिक फलों से भरें: तरबूज, खुबानी, एवोकेडो, सेब, खरबूज, ग्रेपफ्रूट, कीवी, अमरुद, पपीता और स्ट्रॉबेरी।