कृत्रिम दांत लगाने वालों को बत्तीसी बैठाने के दौरान नमक का प्रयोग अत्यंत आराम देता है। यह मसूढ़ों की सूजन और दर्द को कम करता है। यह मुँह के भीतर बैक्टीरिया की वृद्धि को रोकता है और मुँह के घाव या मुँह सूखने के खतरे को कम करता है।
दर्दनिवारक क्षमता के कारण हल्दी का प्रयोग आप मसूढ़ों के दर्द को कम करने के लिए कर सकते हैं। चौथाई चम्मच पिसी हल्दी और कुछ बूँद पानी लेकर पेस्ट बनाएँ, इसे दर्द वाले मसूढ़े पर लगाएँ। इसे 5 मिनट लगे रहने दें, फिर कुछ मिनट के लिये मसूढ़ों की मालिश करें। अपने मुँह में कुनकुना पानी अच्छी प्रकार घुमाएँ। सप्ताह में कम-से-कम दो बार आजमाएँ।
मुँह में तेल भरना सदियों पुराना अभ्यास है जो मुँह से हानिकारक बैक्टीरिया हटाकर मुख स्वास्थ्य हेतु सहायता करता है। यह आपके मुँह को नम बनाकर मुँह सूखने की समस्या दूर करता है और यही नहीं साँस की दुर्गन्ध भी दूर करता और मसूढ़ों की सूजन भी घटाता है।
आँवला घाव भरने की क्रिया और मसूढ़ों को लाभ देने वाले संयोजी ऊतकों के विकास को तेज करता है। इसके अतिरिक्त, यह मुँह को साफ करता है और साँस की बदबू से छुटकारा देता है। प्रतिदिन 1/2 गिलास पानी के साथ 1/2 चम्मच सूखा आँवला चूर्ण लें या एक ताजा आँवला लें।