शहद उत्तेजना को शांत करने के लिए गले के भीतर परत प्रदान करता है और यह एंटीऑक्सीडेंट से भी समृद्ध होता है। एंटीऑक्सीडेंट ह्रदय, आँखों, बुढ़ापा दूर करने और रोगों से लड़ने की ताकत बढ़ाने में सहायता करते हैं।
सामान्य सर्दी खाँसी से पीड़ित एक साल या अधिक उम्र के बच्चों के लिए शहद सुरक्षित उपचार है। एक गिलास गर्म दूध में शहद मिलाकर देने से सूखी खाँसी दूर होती है और छाती के दर्द में आराम मिलता है।
पाचनशक्ति को सुधारने और पाचन सम्बन्धी समस्याओं को कम करने के लिए आपको अपने आहार में अदरक शामिल करना चाहिए। यह भोजन पचाने के लिए आवश्यक पाचक रसों और एंजाइम के प्रवाह को उत्प्रेरित करती है। एक कम गर्म पानी में 2 चम्मच अदरक का रस और 1 चम्मच शहद मिलाएँ। इसे दिन में एक-दो बार पियें।
दालचीनी जोड़ों के दर्द और सूजन से मुकाबले में सहायता करती है। यह जोड़ों की जकड़न में भी आराम देती है। एक गिलास गर्म पानी में एक चाय के चम्मच भर पिसी दालचीनी और 1 बड़ा चम्मच शहद मिलाएँ। हर सुबह खाली पेट इसे पियें।
दालचीनी जोड़ों के दर्द और सूजन से मुकाबले में सहायता करती है। यह जोड़ों की जकड़न में भी आराम देती है। थोड़े से पानी में पिसी दालचीनी का पेस्ट बनाएँ। थोड़ा शहद भी मिला सकते हैं। इसे प्रभावित क्षेत्र की दिन में 2-3 बार कुछ मिनटों की मालिश के लिए इस्तेमाल करें।
शहद में बैक्टीरियारोधक गुण होते हैं जो मुहाँसों को दूर करते हैं। इसका एंटीऑक्सीडेंट गुण फ्री रेडिकल द्वारा उत्पन्न क्षति को रोकने में सहायक होता है। इसके साथ ही, यह मुहाँसों के दाग भी ठीक कर सकता है और आपकी त्वचा को नर्म और चिकना बना देता है।
शहद में बैक्टीरियारोधक गुण होते हैं जो मुहाँसों को दूर करते हैं। इसका एंटीऑक्सीडेंट गुण फ्री रेडिकल द्वारा उत्पन्न क्षति को रोकने में सहायक होता है। आधा चाय का चम्मच भर शहद और एक चम्मच पिसी दालचीनी मिलकर पेस्ट बनाएँ। प्रभावित जगह पर लगाएँ। 10 मिनट लगा रहने दें फिर धो दें। सप्ताह भर तक एक दिन छोड़कर इसे करें।
अदरक दमा सहित कई रोगों का जाना-माना प्राकृतिक उपचार है। समान मात्रा में अदरक का रस, अनार का रस और शहद मिलाएँ। इस मिश्रण को एक बड़ा चम्मच भरकर दिन में दो या तीन बार लें।
अपने जीवाणुरोधी गुणों के कारण, सामान्य सर्दी से पीड़ित बच्चों में शहद एक बढ़िया उपचार है। यह रात के समय होने वाली खाँसी को कम करने और नींद सुधारने में भी मदद करता है। 2 चम्मच कच्चे शहद में 1 चम्मच नीबू का रस मिलाएँ। कुछ दिनों तक दिन में 3 से 4 बार इसे अपने बच्चे को दें। 1 वर्ष से छोटे बच्चों को शहद ना दें क्योंकि यह शिशु बॉटलिस्म नामक प्राणघातक स्थिति उत्पन्न कर सकता है।
अदरक दमा का समय-सिद्ध उपचार है। इसके सूजनरोधी गुण हवा आने-जाने के मार्ग की सूजन कम करने में मदद करते हैं और उन्हें सिकुड़ने से रोकते हैं। अदरक के रस, अनार के रस और शहद को समान मात्रा में मिलाएँ। अपने बच्चे को इस मिश्रण की 1 बड़ी चम्मच भर कर दिन में तीन बार दें।