दिन में लगभग चाय के 4 चम्मच जितना जैतून का तेल प्रयोग करने से आपको हृदयाघात होने या किसी भी प्रकार की ह्रदय सम्बन्धी समस्या होने में अत्यंत कमी आती है। जैतून का तेल मोनो-असंतृप्त फैटी एसिड से समृद्ध होता है।
अत्यंत गर्म पानी में शावर लेना या स्नान करना आपकी त्वचा को सूखा करके समय पूर्व बुढ़ापा ला सकता है। कुनकुना पानी बेहतर होता है। जब आपकी त्वचा हलकी गीली हो तब मॉइस्चराइजर का प्रयोग करें, जिससे यह और आसानी से त्वचा में समा जाएगा। अपने स्नान के जल में थोड़ा सा जैतून का तेल मिलाना आपकी त्वचा को नम बनाए रखेगा।
अपने पैरों और एड़ियों की त्वचा को खुरचना या छीलना मृत त्वचा को हटाने में मदद करता है, और इस प्रकार एड़ियाँ शुष्क पड़ने और फटने से बचाता है। इसके लिए घरेलू स्क्रब बनाने में चावल के आटे का प्रयोग किया जा सकता है। थोड़े से चावल को कुछ चम्मच शहद और सेब के सिरके के साथ मिलाएँ। गाढ़ा होने तक हिलाएँ। यदि आपकी एड़ियाँ बहुत ज्यादा फटी हुई हैं तो एक बड़ा चम्मच जैतून का तेल या बादाम का तेल मिलाएँ।
नीबू के रस और जैतून के तेल का मिश्रण पारंपरिक रूप से पित्ताशय की पथरी निकालने के लिए घरेलू उपचार की तरह प्रयोग किया जाता रहा है, लेकिन इसे गुर्दे की पथरी निकालने के लिए भी प्रयोग किया जा सकता है। नीबू में उपस्थित सिट्रिक एसिड कैल्शियम निर्मित गुर्दे की पथरी को विखंडित करने में मदद करता है और इनका आगे बनना भी रोकता है।
जैतून का तेल आपकी धमनियों को संकरा बनाने वाले LDL कोलेस्ट्रॉल को कम करता है। इस तेल में ऐसे अणु होते हैं जो LDL के अणुओं को दिल के रोग का खतरा बढ़ाने वाले मुक्त कणों के खतरे से बचाते हैं।