बच्चों में पीलिया – रोकथाम – संक्रमित भोजन और जल का सेवन बिलकुल ना करें। स्वस्थ और स्वच्छ स्थिति बनाए रखें। पर्याप्त दूध पिलाना।.
बच्चों में पीलिया: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज
बच्चों में पीलिया – आहार – लेने योग्य आहार: तरल पदार्थों का अधिक मात्रा में सेवन। कम से कम 5 दिनों के लिए तरल आहार ही लेना। अनाज का दलिया या लपसी, दही, फलों के सलाद जैसा हल्का आहार।
बच्चों में पीलिया: लक्षण और कारण
बच्चों में पीलिया – लक्षण – मतली और उलटी। पीली त्वचा और आँखें। रंगहीन या मिट्टी के रंग का मल। गहरे रंग का मूत्र। कंपकंपी, मांसपेशियों और जोड़ों के दर्द के साथ बुखार।. बच्चों में पीलिया – कारण – लीवर पर वायरस द्वारा उत्पन्न संक्रमण (हेपेटाइटिस ए, हेपेटाइटिस बी, हेपेटाइटिस सी, हेपेटाइटिस डी, हेपेटाइटिस ई)।.
बच्चों में पीलिया: प्रमुख जानकारी और निदान
रक्त में बिलीरुबिन रंगद्रव्य की अत्यधिक मात्रा के जमा होने के कारण त्वचा और ऊतकों के उत्पन्न हुए पीलेपन को पीलिया कहते हैं।.
बच्चों में अतिसार: रोकथाम और जटिलताएं
बच्चों में अतिसार – रोकथाम – स्वच्छता और स्वास्थ्य की उचित स्थितियों को बनाए रखें। नहर, सोता, झील से पानी ना पियें। उचित टीकाकरण।.
बच्चों में अतिसार: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज
बच्चों में अतिसार – आहार – लेने योग्य आहार: स्तनपान या बच्चों हेतु उपलब्ध फार्मूला (पिलाए जाने हेतु तैयार उत्पाद)। ताजे फल, सब्जियाँ। पानी और तरल पदार्थों की अधिक मात्रा।
बच्चों में अतिसार: लक्षण और कारण
बच्चों में अतिसार – लक्षण – बुखार, मलत्याग की आवृत्ति में बढ़ोतरी। भूख मरना और वजन गिरना। शरीर में पानी की कमी होना (निर्जलीकरण)।. बच्चों में अतिसार – कारण – वायरस, बैक्टीरिया और परजीवियों द्वारा उत्पन्न संक्रमण। भोजन विषाक्तता या किसी भोज्य पदार्थ की एलर्जी। स्वच्छता की अस्वास्थ्यकर स्थिति।.
बच्चों में अतिसार: प्रमुख जानकारी और निदान
पेट और आंत में बैक्टीरिया, वायरस और परजीवियों द्वारा उत्पन्न संक्रमण के कारण, पतले और पानी जैसे दस्त की बढ़ी हुई आवृत्ति, अतिसार कहलाती है।.
बच्चों में डेंगू बुखार: रोकथाम और जटिलताएं
बच्चों में डेंगू बुखार – रोकथाम – आपके द्वारा आपके बच्चे को बचाने का सर्वोत्तम तरीका वायरस फ़ैलाने वाले मच्छरों के विरुद्ध सुरक्षात्मक कदम उठाना है।.
बच्चों में डेंगू बुखार: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज
बच्चों में डेंगू बुखार – आहार – लेने योग्य आहार: स्तनपान, ताजा रस (पपीता, संतरा, अंगूर आदि), सूप। बच्चों हेतु चावल का दलिया।