बच्चों का एलर्जिक रायनाइटिस – रोकथाम – धूल, जीवाणुओं, एलर्जन की पहचान और उन्हें दूर हटाना। परागकणों से दूरी। हवा की उचित आवाजाही का प्रबंध।.
बच्चों का एलर्जिक रायनाइटिस: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज
बच्चों का एलर्जिक रायनाइटिस – आहार – लेने योग्य आहार इनसे परहेज करें: स्तनपान, भोज्य वसीय अम्ल और एंटीऑक्सीडेंट युक्त आहार जैसे टमाटर, ग्रीन टी, कीवी आदि। विटामिन पूरकों का सेवन।
बच्चों का एलर्जिक रायनाइटिस: लक्षण और कारण
बच्चों का एलर्जिक रायनाइटिस – लक्षण – नाक बंद होना। छींक आना। पानी जैसा तरल पदार्थ बहना। बार-बार गले में पीड़ा होना।. बच्चों का एलर्जिक रायनाइटिस – कारण – ट्री हाउस पोलन। धूल में स्थित जीवाणु। फफूंद पशुओं के तंतु।.
बच्चों का एलर्जिक रायनाइटिस: प्रमुख जानकारी और निदान
एलर्जिक रायनाइटिस ऐसी प्रतिक्रिया है जो नाक में तब होती है, जब हवा द्वारा लाए गए उत्प्रेरक (एलर्जन) प्रतिरक्षक तंत्र में हिस्टामिन के निकलने को उत्प्रेरित करते हैं।.
एम्ब्लियोपिया (आलसी आँख): रोकथाम और जटिलताएं
एम्ब्लियोपिया (आलसी आँख) – रोकथाम – कमजोर आँख में दृष्टि की स्थाई हानि से बचने के लिए, आलसी आँख के कारणों को पहचाना जाना चाहिए और जितना जल्दी हो उतना जल्दी उनका उपचार, बचपन के दौरान ही, करना चाहिए।.
एम्ब्लियोपिया (आलसी आँख): घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज
एम्ब्लियोपिया (आलसी आँख) – आहार – लेने योग्य आहार: हरी, पत्तेदार सब्जियों जैसे केल और ब्रोकोली में पाए जाने वाले पोषक तत्व दृष्टि को बढ़ाने में मदद करते हैं।
, गाजर बीटा-कैरोटीन से समृद्ध होती हैं, जो कि धूप की क्षति से आपकी आँखों की रक्षा करता है।
, आँखों को स्वस्थ बनाए रखने में विटामिन सी आवश्यक है। खट्टे फल जैसे संतरे, आम, नीबू और ग्रेपफ्रूट आदि विटामिन सी से समृद्ध होते हैं।
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एम्ब्लियोपिया (आलसी आँख): लक्षण और कारण
एम्ब्लियोपिया (आलसी आँख) – लक्षण – दृष्टि में कमी। एक आँख जो बाहर या भीतर घूमती है।. एम्ब्लियोपिया (आलसी आँख) – कारण – अनुवांशिक विकार जो आँखों को प्रभावित करते हैं। गिरती पलकें। पलकों की गाँठ जो आँख की पुतली को अवरुद्ध कर देती है।l.
एम्ब्लियोपिया (आलसी आँख): प्रमुख जानकारी और निदान
एम्ब्लियोपिया, जिसे सामान्य रूप से आलसी आँख कहा जाता है, बच्चों में पाई जाने वाली ऐसी स्थिति है, जब एक आँख में दृष्टि उचित प्रकार से विकसित नहीं हुई होती।.
एम्फायसेमा (फेफड़ों में अवरोध): रोकथाम और जटिलताएं
एम्फायसेमा (फेफड़ों में अवरोध) – रोकथाम – धूम्रपान बंद करें और रासायनिक धुएँ तथा धूल की चपेट में ना आएँ। अपने फेफड़ों की सुरक्षा के लिए मास्क लगाएँ।.
एम्फायसेमा (फेफड़ों में अवरोध): घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज
एम्फायसेमा (फेफड़ों में अवरोध) – आहार – लेने योग्य आहार: कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा, खनिजों, विटामिनों, रेशे और जल से युक्त स्वास्थ्यवर्धक आहार।
, एम्फायसेमा से पीड़ित व्यक्तियों के लिए सोडियम की कम मात्रा से युक्त चिकन सूप विशेष रूप से लाभकारी होता है। क्योंकि चिकन में सिस्टीन होता है, यह आपके शरीर से अतिरिक्त बलगम निकालता है। सिस्टीन के अतिरिक्त भोज्य स्रोतों में गेहूँ की बाली, लाल शिमला मिर्च, लहसुन, प्याज, ब्रोकोली और ब्रसेल्स स्प्राउट्स हैं।
, जैतून का तेल पित्ताशय और बड़ी आंत से अनुपयोगी पदार्थ और आँव को निकालने में सहायता करता है।
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