एन्कायलोग्लोसिया (चिपकी जीभ) – रोकथाम – बचाव का कोई तरीका नहीं है।.
एन्कायलोग्लोसिया (चिपकी जीभ): घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज
एन्कायलोग्लोसिया (चिपकी जीभ) – व्यायाम – बाजू में घुमाना- अपनी उंगली बच्चे की जीभ के नीचे, जितनी दूर तक आप डाल सकते हैं, डालें। एक बाजू से दूसरी बाजू घुमाएँ।
, जीभ उठाना- अपनी उंगली शिशु की जीभ के नीचे डालें, और दबाएँ। जितना दूरी तक दबा सकें, दबाएँ। फिर उठा लें, जहाँ तक कि आप उठा सकें कुछ सेकंड के लिए थामकर रखें।
, जीभ को ऊपर नाक की तरफ खींचने की, और नीचे ठोड़ी की तरफ खींचने की कोशिश करें।
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एन्कायलोग्लोसिया (चिपकी जीभ): लक्षण और कारण
एन्कायलोग्लोसिया (चिपकी जीभ) – लक्षण – जीभ को उठाने में कठिनाई।. एन्कायलोग्लोसिया (चिपकी जीभ) – कारण – अज्ञात.
एन्कायलोग्लोसिया (चिपकी जीभ): प्रमुख जानकारी और निदान
ऐसी स्थिति जहाँ आपके बच्चे की जीभ उतनी स्वतंत्रता से नहीं घूमती, जितनी स्वतंत्रता से उसे घूमना चाहिए।.
हीमेटोमा (खून जमा होना): रोकथाम और जटिलताएं
हीमेटोमा (खून जमा होना) – रोकथाम – चोटों से बचें।.
हीमेटोमा (खून जमा होना): घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज
हीमेटोमा (खून जमा होना) – आहार – विटामिन के शरीर को रक्त जमने वाले घावों से बचाता है। आहार में विटामिन के से समृद्ध आहार जैसे पालक, स्ट्रॉबेरी, पत्तागोभी, फूलगोभी, ब्रोकोली, गेहूँ की बाली, अंडे शामिल करें
, बायोफ्लेवोनोइड्स से समृद्ध आहारों में संतरे, नीबू, ग्रेपफ्रूट, स्ट्रॉबेरी, पपीता, खुबानी आदि हैं।
, विटामिन सी की कमी से रक्त इकठ्ठा होने वाले घाव बढ़ सकते हैं, इसलिए आहार में ऐसे फल और सब्जियों का योग इस प्रकार के घावों को बड़ी मात्रा में घटा सकता है। विटामिन सी से समृद्ध आहारों में शिमला मिर्च, अमरुद, गहरे हरे रंग की पत्तेदार सब्जियाँ, ब्रोकोली, बेरियाँ, खट्टे फल, टमाटर, मटर आदि आते हैं।
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हीमेटोमा (खून जमा होना): लक्षण और कारण
हीमेटोमा (खून जमा होना) – लक्षण – उत्तेजना, दर्द, सूजन, लालिमा और विकृत आकार के घाव सामान्य रूप से हीमेटोमा के आम लक्षण हैं।. हीमेटोमा (खून जमा होना) – कारण – आमतौर पर हीमेटोमा आघात के कारण उत्पन्न होते हैं।.
हीमेटोमा (खून जमा होना): प्रमुख जानकारी और निदान
हीमेटोमा रक्तवाहिनी के बाहर रक्त के इकट्ठे होने को कहते हैं। हीमेटोमा का नाम उनके होने के स्थान के आधार पर होता है।.
डिस्फेजिया: रोकथाम और जटिलताएं
डिस्फेजिया रोकथाम – कारक विकारों की शीघ्र पहचान और निर्धारण।.
डिस्फेजिया: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज
डिस्फेजिया आहार – डिस्फेजिया के दौरान दिये जाने वाले आहारों में नर्म उबली सब्जियाँ, नर्म और कैन में बंद फल, ब्रेड, गर्म दलिया, दूध में डुबो कर खाए जाने के लिए तैयार दलिया, कैन में बंद फल, नर्म उबली सब्जियाँ, रस, आमलेट, ग्राउंड मीट, उबली फलियाँ, उबले मटर, कॉटेज चीस, दही, कस्टर्ड, पुडिंग, क्रीम सूप, बिना मेवों की कूकीज और नूडल्स आते हैं।
, कड़ा माँस, मेवे, गिरियाँ, चिपचिपी ब्रेड, कड़ा चबाया जाने वाला माँस, सख्त सब्जियाँ।
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