पेन्क्रियाटाइटिस: रोकथाम और जटिलताएं

पेन्क्रियाटाइटिस रोकथाम – धूम्रपान और शराब का सेवन ना करें। उचित वजन बनाए रखें।.

पेन्क्रियाटाइटिस: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

पेन्क्रियाटाइटिस आहार – लेने योग्य आहार: अनाज, फल और सब्जियाँ, लीन मीट्स और फलियाँ जो कि प्रोटीन से भरपूर होते हैं।

पेन्क्रियाटाइटिस: लक्षण और कारण

पेन्क्रियाटाइटिस लक्षण – पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द जो पीठ की तरफ फ़ैल जाता है। सूजन और पीड़ायुक्त पेट। मतली और उल्टी। बुखार. पेन्क्रियाटाइटिस कारण – पेन्क्रियाटाइटिस उत्पन्न होने के प्रमुख कारणों में हैं: पित्ताशय की पथरी और अत्यधिक मदिरापान।.

पेन्क्रियाटाइटिस: प्रमुख जानकारी और निदान

पेन्क्रियाटाइटिस पैंक्रियास की सूजन को कहते हैं।.

मोर्टोंस न्यूरोमा: रोकथाम और जटिलताएं

मोर्टोंस न्यूरोमा – रोकथाम – उचित प्रकार के जूते/चप्पल पहनें। तंग या अनुचित नाप के जूते/चप्पल ना पहनें।.

मोर्टोंस न्यूरोमा: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

मोर्टोंस न्यूरोमा – व्यायाम – स्ट्रेचिंग वाले व्यायाम:: वाल स्ट्रेच, बोतल रोल, टॉवल स्ट्रेच,

मोर्टोंस न्यूरोमा: लक्षण और कारण

मोर्टोंस न्यूरोमा – लक्षण – पैर की उँगलियों के तल में या पैर के अगले हिस्से में तीव्र, तेजी से लगता हुआ या जलनयुक्त दर्द होता है, जो प्रभावित दोनों पंक्तियों में फ़ैल जाता है। पैरों की उँगलियों में झुनझुनी या सनसनाहट। उँगलियों के बीच सूजन।. मोर्टोंस न्यूरोमा – कारण – निश्चित कारण अज्ञात है। यह स्थिति उत्तेजना, दबाव या आपकी उँगलियों तक पहुँचने वाली नसों में लगने वाली चोट की प्रतिक्रिया में उत्पन्न हुई प्रतीत होती है।.

मोर्टोंस न्यूरोमा: प्रमुख जानकारी और निदान

मोर्टोंस न्यूरोमा पैर की उँगलियों के बीच की नस को लगने वाली चोट है, जिससे दर्द और सतह में सख्ती उत्पन्न होती है। सामान्यतया यह तीसरी और चौथी उंगली के बीच से गुजरने वाली नस को प्रभावित करती है।.

भगंदर: रोकथाम और जटिलताएं

भगंदर रोकथाम – शिशुओं में डायपर नियमित अन्तराल पर बदलते रहें। गुदा के क्षेत्र को सूखा रखें। गुदा के क्षेत्र को हौले-हौले स्वच्छ करें।.

भगंदर: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

भगंदर आहार – लेने योग्य आहार: अधिक मात्रा में सब्जियाँ, गेहूँ का चोकर, साबुत अनाज की ब्रेड और दलिया तथा फल लें। यह निश्चित करें कि आप पर्याप्त मात्रा में पानी – छः से आठ गिलास प्रतिदिन – ले रहे हैं। अपर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ लेने से कब्ज में बढ़ोतरी होती है। गाजर, अन्नानास और संतरे का कच्चा रस पियें। सेब, अन्नानास, संतरे, आडू, नाशपाती, अंगूर और पपीता सेवन हेतु उत्तम वस्तुएँ हैं।