एलोपीशिया (बाल झड़ना) – लक्षण – सिर के ऊपरी हिस्से पर बालों का कम होना या पूरी तरह गिर जाना। टूटे हुए बाल या बालों का आसानी से निकल जाना। बाल रहित स्थान।. एलोपीशिया (बाल झड़ना) – कारण – बढ़ती आयु, अनुवांशिकता, रोग, कुछ चिकित्सा पद्धतियाँ जैसे कीमोथेरेपी, कुपोषण.
एलोपीशिया (बाल झड़ना): प्रमुख जानकारी और निदान
एलोपीशिया बाल झड़ने हेतु उपयोग किया जाने वाला सामान्य चिकित्सीय शब्द है। अक्सर बाल वापस उग आते हैं लेकिन फिर झड़ जाते हैं।.
फ़ेरिन्जाइटिस (गले की सूजन): रोकथाम और जटिलताएं
फ़ेरिन्जाइटिस (गले की सूजन) – रोकथाम – अपने हाथों को साबुन से नियमित धोएँ (स्वच्छता रखें)। व्यक्तिगत उपयोग की वस्तुएँ बांटकर उपयोग ना करें। धूम्रपान त्यागें।.
फ़ेरिन्जाइटिस (गले की सूजन): घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज
फ़ेरिन्जाइटिस (गले की सूजन) – आहार – लेने योग्य आहार: नमकयुक्त पानी- (गरारे) सूजन को कम करते हैं और गले की पीड़ा घटाते हैं। शहद और नीबू- शहद उत्तेजित ऊतकों को नरम करता है, नीबू म्यूकस को विखंडित करता है, इसके कारण यदि आपको सर्दी के लक्षण हों तो उनमें भी राहत मिलती है। पानी और अन्य तरल- तरल पदार्थों की अधिक मात्रा लेने से आपको गले को चिकना और नम बनाए रखने में सहायता होती है, जिससे निगलना आसान होता है। तरल पदार्थ शरीर में पानी का उचित स्तर बनाए रखते हैं, जो कि आपके बीमार होने पर चिंता का कारण होता है।
फ़ेरिन्जाइटिस (गले की सूजन): लक्षण और कारण
फ़ेरिन्जाइटिस (गले की सूजन) – लक्षण – गले में खराश, बुखार, नाक बहना, खाँसी, सिरदर्द. फ़ेरिन्जाइटिस (गले की सूजन) – कारण – गले की पीड़ा का सबसे सामान्य कारण वायरस द्वारा उत्पन्न संक्रमण, जैसे सर्दी और फ्लू आदि हैं।.
फ़ेरिन्जाइटिस (गले की सूजन): प्रमुख जानकारी और निदान
फ़ेरिन्जाइटिस, गले के पिछले हिस्से फेरिंक्स की सूजन को कहते हैं।.
थैलेसीमिया: रोकथाम और जटिलताएं
थैलेसीमिया रोकथाम – इसे रोका नहीं जा सकता, लेकिन जीन सम्बन्धी सलाहकार का मार्गदर्शन सहायक हो सकता है।.
थैलेसीमिया: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज
थैलेसीमिया आहार – लेने योग्य आहार इनसे परहेज करें: कैल्शियम युक्त आहार अधिक मात्रा में लें। यह हड्डियों को स्वस्थ और मजबूत रखने के लिए अत्यंत जरूरी है। डेरी उत्पाद कैल्शियम का अच्छा स्रोत हैं। एक अतिरिक्त लाभ यह भी है कि डेरी उत्पाद शरीर के आयरन अवशोषण की क्षमता को कम करते हैं। कैल्शियम के अवशोषण के लिए शरीर को विटामिन डी की आवश्यकता होती है। विटामिन डी अण्डों, डेरी उत्पादों और मछली में मिलता है। तरबूज, पालक, खुबानी, हरी पत्तेदार, एस्पार्गस, आलू, खजूर, किशिमिस, ब्रोकोली, फलियाँ, मटर, सूखी फलियाँ, दालें,
थैलेसीमिया: लक्षण और कारण
थैलेसीमिया लक्षण – कमजोर, थकावट, साँस लेने में कमी, मुरझाये हुए दिखाई देना, धीमे विकास होना, गहरे रंग का मूत्र. थैलेसीमिया कारण – हीमोग्लोबिन निर्माण करने वाली कोशिकाओं के डीएनए में परिवर्तन होते हैं। ये माता-पिता से बच्चों में आते हैं।.
थैलेसीमिया: प्रमुख जानकारी और निदान
थैलेसीमिया रक्त सम्बन्धी वंशानुगत रोग है जिसमें आपके शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा सामान्य से कम और लाल रक्त कणिकाएँ केवल थोड़ी मात्रा में ही होती हैं।.