पेप्टिक अलसर (पेट में छाले): रोकथाम और जटिलताएं

पेप्टिक अलसर (पेट में छाले) – रोकथाम – शराब और धूम्रपान ना करें। अपने हाथ उचित प्रकार धोएँ। संक्रमण ना होने दें।.

पेप्टिक अलसर (पेट में छाले): घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

पेप्टिक अलसर (पेट में छाले) – आहार – लेने योग्य आहार: फल और सब्जियाँ (मुख्यतः रेशा युक्त)
, लीन मीट
, पोल्ट्री उत्पाद
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पेप्टिक अलसर (पेट में छाले): लक्षण और कारण

पेप्टिक अलसर (पेट में छाले) – लक्षण – पेट में दर्द, उल्टी में खून, मल में गाढ़ा रक्त, पेट का फूलना, वजन में एकाएक गिरावट, भूख में बदलाव. पेप्टिक अलसर (पेट में छाले) – कारण – हेलिकोबेक्टर पाइलोरी, सूजन रोधी दवाएँ, अनुवांशिकता, धूम्रपान और शराब पीना, मसालेदार भोजन.

पेप्टिक अलसर (पेट में छाले): प्रमुख जानकारी और निदान

पेप्टिक अलसर पेट (गैस्ट्रिक अलसर) या आंत (डियोडेनल अलसर) की परतों में हुए घावों को कहते हैं।.

लकवा (पैरालिसिस): रोकथाम और जटिलताएं

लकवा (पैरालिसिस) – रोकथाम – बीपी और कोलेस्ट्रॉल स्तर नियंत्रित करें। गर्भावस्था में उचित देखभाल। नियमित व्यायाम। उचित आहार।.

लकवा (पैरालिसिस): घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

लकवा (पैरालिसिस) – आहार – लेने योग्य आहार इनसे परहेज करें: विटामिन बी काम्प्लेक्स जैसे नायसिन और विटामिन बी12 युक्त भोज्य पदार्थ।
, वसीय अम्ल युक्त आहार जैसे केले, फलियाँ, दालें, पोषक खमीर, आलू, कद्दू के बीजों का तेल, अखरोट, संतरे, हरी सब्जियाँ, और कम वसा युक्त दूध
, कम और बार-बार खाना और आहार की कम मात्रा।
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लकवा (पैरालिसिस): लक्षण और कारण

लकवा (पैरालिसिस) – लक्षण – अनुभव करने, गति करने, मूत्र पर नियंत्रण और मलत्याग पर नियंत्रण की शक्ति की हानि। माँसपेशियों का सख्त होना, झुनझुनी और सनसनाहट, दर्द। दिखाई देने में अवरोध, बोलने में कठिनाई. लकवा (पैरालिसिस) – कारण – तंत्रिका तंत्र को क्षति। मस्तिष्क आघात, ट्यूमर, और शारीरिक आघात। विकिरण, चिकित्सीय स्थितियाँ.

लकवा (पैरालिसिस): प्रमुख जानकारी और निदान

लकवा (पैरालिसिस) एक या अधिक माँसपेशियों को संचालित करने की क्षमता की हानि को कहते हैं जिसके कारण अनुभव करने में और अन्य शारीरिक कार्यों में भी अक्षमता उत्पन्न होती है।.

ओटाइटिस एक्स्टर्ना (बाहरी कान की सूजन): रोकथाम और जटिलताएं

ओटाइटिस एक्स्टर्ना (बाहरी कान की सूजन) – रोकथाम – अपने कानों को सूखा रखें। तैराकी की टोपी पहनें। प्रदूषित क्षेत्रों में ना जाएँ। पिन, फाहे और ऊँगली का प्रयोग ना करें।.

ओटाइटिस एक्स्टर्ना (बाहरी कान की सूजन): घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

ओटाइटिस एक्स्टर्ना (बाहरी कान की सूजन) – आहार – लेने योग्य आहार: बच्चों को स्तन पान कराना चाहिए।
, विटामिन सी, ए और जिंक से समृद्ध आहारों की सलाह दी जाती है।
, ताजा फल और सब्जियाँ।
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