हाइपरहाइड्रोसिस (अत्यधिक पसीना आना) – रोकथाम – कैफीन की मात्रा कम करें। नियमित व्यायाम करें। डिओडोरेंट, गर्म स्नान, तंग कपड़े, शराब, धूम्रपान, ड्रग्स उपयोग में ना लें।.
हाइपरहाइड्रोसिस (अत्यधिक पसीना आना): घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज
हाइपरहाइड्रोसिस (अत्यधिक पसीना आना) – आहार – लेने योग्य आहार: पानी अधिक मात्रा में पियें।
, औषधियुक्त चाय
, फल
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हाइपरहाइड्रोसिस (अत्यधिक पसीना आना): लक्षण और कारण
हाइपरहाइड्रोसिस (अत्यधिक पसीना आना) – लक्षण – गीलापन, गीले, चिपचिपे हाथ. हाइपरहाइड्रोसिस (अत्यधिक पसीना आना) – कारण – निराशा, उत्तेजना, कुछ भोज्य पदार्थ, रोग की स्थितियाँ, मोटापा.
हाइपरहाइड्रोसिस (अत्यधिक पसीना आना): प्रमुख जानकारी और निदान
हाइपरहाइड्रोसिस एक ऐसी स्थिति है जिसमें व्यक्ति को अत्यधिक और अनसोचा/अनचाहा पसीना आता है। पसीना तब भी आता है जब तामपान गर्म ना हो या आप व्यायाम ना कर रहे हों।.
हेपेटाइटिस सी (जिगर में सूजन): रोकथाम और जटिलताएं
हेपेटाइटिस सी (जिगर में सूजन) – रोकथाम – प्रदूषण, असुरक्षित संभोग और रक्त चढ़ाने से बचें। प्रसारण को कम करने के लिए अभिभावकों को जानकारी और सलाह दी जानी चाहिए।.
हेपेटाइटिस सी (जिगर में सूजन): घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज
हेपेटाइटिस सी (जिगर में सूजन) – आहार – लेने योग्य आहार: ब्रेड, दलिया, चावल, पास्ता और नूडल्स
, सब्जियाँ, फलियाँ
, फल
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हेपेटाइटिस सी (जिगर में सूजन): लक्षण और कारण
हेपेटाइटिस सी (जिगर में सूजन) – लक्षण – लिवर की सूजन, वजन में गिरावट, पेट में दर्द, त्वचा में खुजली, पीलिया, मतली और उल्टी. हेपेटाइटिस सी (जिगर में सूजन) – कारण – हेपेटाइटिस सी वायरस द्वारा उत्पन्न, सामाजिक संपर्क द्वारा नहीं, प्रदूषण द्वारा प्रसारित.
हेपेटाइटिस सी (जिगर में सूजन): प्रमुख जानकारी और निदान
हेपेटाइटिस सी लिवर की सूजन है जो मुख्यतः हेपेटाइटिस सी वायरस द्वारा उत्पन्न होती है।.
हेपेटाइटिस बी (जिगर में सूजन): रोकथाम और जटिलताएं
हेपेटाइटिस बी (जिगर में सूजन) – रोकथाम – टीकाकरण (हेपेटाइटिस बी वैक्सीन)। प्रदूषण, असुरक्षित संभोग और रक्त चढ़ाने से बचें। प्रसारण को कम करने के लिए अभिभावकों को जानकारी और सलाह दी जानी चाहिए।.
हेपेटाइटिस बी (जिगर में सूजन): घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज
हेपेटाइटिस बी (जिगर में सूजन) – आहार – लेने योग्य आहार: हेपेटाइटिस बी ग्रस्त लोगों को स्वस्थ रखने वाले आहार (जैसे कि फल, सब्जियाँ और साबुत अनाज) खाना चाहिए, और वसा का उपयोग सीमित करना चाहिए, उचित वजन बनाए रखना चाहिए।
, वसामुक्त या कम वसा युक्त आहार।
, विटामिन, खनिज, और इलेक्ट्रोलाइट युक्त आहार।
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