पर्याप्त मात्रा में जल का सेवन आपकी त्वचा को नमी प्रदान करता है, झुर्रियों का आना कम करता है और शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालता है। प्रतिदन कम-से-कम 8 गिलास जल का सेवन करें।
धूप में जाने से पहले नियमित रूप से सनस्क्रीन लगाएँ। छः माह से कम आयु के शिशुओं में सनस्क्रीन लगाने की सलाह नहीं दी जाती, उन्हें बाहर ले जाते समय धूप से बचाने वाले कपड़े पहनाने चाहिए।
अत्यंत गर्म पानी में शावर लेना या स्नान करना आपकी त्वचा को सूखा करके समय पूर्व बुढ़ापा ला सकता है। कुनकुना पानी बेहतर होता है। जब आपकी त्वचा हलकी गीली हो तब मॉइस्चराइजर का प्रयोग करें, जिससे यह और आसानी से त्वचा में समा जाएगा। अपने स्नान के जल में थोड़ा सा जैतून का तेल मिलाना आपकी त्वचा को नम बनाए रखेगा।
आपकी त्वचा के लिए चॉकलेट आधारित मास्क सर्वश्रेष्ठ होते हैं क्योंकि कोको में त्वचा की तरफ खून का दौरा और नमी को बढ़ाने वाले पदार्थ होते हैं।
कॉड लीवर आयल आर्थराइटिस से जुड़ी जोड़ों की जकड़न को दूर करने वाला माना जाता है, इसका ह्रदयवाहिनियों के स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव होता है और यह दाँतों, नाखूनों, बालों और त्वचा के विकारों और घावों को ठीक करने में उपयोगी होता है।
मुहाँसों को दूर करने के लिए हल्दी का प्रयोग करें। पिसी हल्दी में थोड़ा पानी या 1-2 चाय के चम्मच भर तिल का तेल मिलाएँ। प्रभावित जगह पर इस पेस्ट को लगाएँ और 1 घंटे के लिए छोड़ दें, फिर धो लें। इस उपचार का कुछ दिनों तक दिन में एक या दो बार प्रयोग करें।
शहद में बैक्टीरियारोधक गुण होते हैं जो मुहाँसों को दूर करते हैं। इसका एंटीऑक्सीडेंट गुण फ्री रेडिकल द्वारा उत्पन्न क्षति को रोकने में सहायक होता है। इसके साथ ही, यह मुहाँसों के दाग भी ठीक कर सकता है और आपकी त्वचा को नर्म और चिकना बना देता है।
शहद में बैक्टीरियारोधक गुण होते हैं जो मुहाँसों को दूर करते हैं। इसका एंटीऑक्सीडेंट गुण फ्री रेडिकल द्वारा उत्पन्न क्षति को रोकने में सहायक होता है। आधा चाय का चम्मच भर शहद और एक चम्मच पिसी दालचीनी मिलकर पेस्ट बनाएँ। प्रभावित जगह पर लगाएँ। 10 मिनट लगा रहने दें फिर धो दें। सप्ताह भर तक एक दिन छोड़कर इसे करें।
एड़ियों का फटना रोकने के लिए शुष्क, खुरदुरी त्वचा पर पेट्रोलियम जेली लगाएँ और अपने पैरों को नर्म और नमी युक्त बनाएँ।
धूप से झुलसी त्वचा के लिए कच्चा आलू शानदार इलाज है।दो-तीन मध्यम आकार के आलुओं का छिलका निकालें, इन्हें टुकड़ों में काटें और ब्लेंडर में डाल कर पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को पूरे प्रभावित हिस्से पर भली प्रकार लगाएँ। 30 मिनट सूखने दें और फिर ठन्डे पानी से धो दें।
ओटमील में त्वचा को आराम देने का गुण होता है और यह छिद्रों को साफ करने के लिए बढ़िया कार्य करता है। ओटमील पाउडर और छाछ का मिश्रण बनाएँ। इसे झुलसे हिस्सों पर लगाएँ। ओट त्वचा को खुरचने में और छाछ त्वचा को आराम देने में मदद करती है।
भाप मुहाँसों सहित त्वचा की कई छोटी-मोटी समस्याओं को दूर करती है। भाप बंद पोरों को खोलकर, त्वचा को साँस लेने में सहायता करती है। त्वचा में गहरे जमे बैक्टीरिया, धूल और तेल भी बाहर निकल जाते हैं।
सोने से पहले अपने होंठों पर चुकंदर का ताजा रस लगाएँ। अगली सुबह इसे धो दें। रस का प्राकृतिक लाल रंग आपके गहरे रंग के होंठों को गुलाबी बना देगा। इसे रोजाना सोने के पहले करें।
दही में लैक्टिक एसिड होता है जो त्वचा को धीमे-धीमे खुरचने में मदद करता है और चेहरे से अतिरिक्त तेल की मात्रा को सोख लेता है। एक बड़ा चम्मच भर दही अपने चेहरे पर लगाएँ और 15 मिनट के लिए छोड़ दें। फिर ठन्डे पानी से धो लें। रोजाना एक बार करें।
संतरे के छिलके में सिकोड़ने का गुण होता है जो त्वचा के पोरों में जमे तेल और मृत कोशिकाओं को हटाने में सहायक होता है। यह मुहाँसों को भी तेजी से सुखाता है। इसके अलावा संतरे के छिलके का विटामिन सी त्वचा की नई स्वस्थ कोशिकाओं की वृद्धि भी करता है।
जब पका पपीता फेस पैक की तरह उपयोग किया जाता है, यह त्वचा के बंद छिद्रों को खोलता है, जो मुहाँसों का इलाज करता और त्वचा का संक्रमणों से बचाव करता है। पपीते का खमीरीकृत गूदा, पपेन की उपस्थिति के कारण, त्वचा की मृत कोशिकाओं को गलाने और आपको ताजी, चमकदार त्वचा देने में मदद करता है। यह चेहरे पर बढ़ती उम्र के निशानों को भी घटाता है।
100 ग्राम स्ट्रॉबेरी में 58.5 ग्राम विटामिन सी होता है, जो कि आपकी रोजाना की जरूरत का 71 प्रतिशत होता है। नियमित खाए जाने पर स्ट्रॉबेरी त्वचा के स्वास्थ्य को सुधारती है, मस्तिष्क को मदद करती है, वजन को कम करती है, दाँतों को सफ़ेद करती है, कोलेस्ट्रॉल घटाती है, कैंसर से मुकाबला करती है और पार्किन्सन तथा अल्झाइमर से सुरक्षा देती है।
100 ग्राम संतरे में ग्राम 53.2 ग्राम विटामिन सी होता है, जो कि आपकी रोजाना की जरूरत का 64 प्रतिशत होता है। रोगों से लड़ने की ताकत बढ़ाने के लिए, त्वचा की समस्याओं से मुकाबले के लिए, कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए, दिल को मजबूती देने के लिए, हड्डियों को ताकत देने के लिए, बढ़ती उम्र को धीमा करने के लिए, कैंसर से बचाव के लिए और आँखों की रौशनी सुधारने के लिए संतरे खाएँ या उनका रस पियें।
100 ग्राम अन्नानास में 47.8 ग्राम विटामिन सी होता है, जो कि आपकी रोजाना की जरूरत का 58 प्रतिशत होता है। अन्नानास पाचन को सुधारता है, रोगों से लड़ने की ताकत बढ़ाता है, वजन कम करने में मदद करता है, सूजन कम करता है, मुँह का स्वास्थ्य ठीक करता है, दृष्टि बढ़ाता है, हड्डियाँ मजबूत करता और त्वचा को स्वस्थ रखता है।
निकलती हुई त्वचा के साथ जुड़ी खुजली और कष्ट को कम करने के लिए ओटमील अत्यंत उपयोगी होता है। इसके अलावा, इसके आराम देने वाले गुण त्वचा की प्राकृतिक नमी बनाए रखने में मदद करता है। गर्म पानी से भरे टब में एक कप ओटमील मिलाएँ। इस पानी में 30 मिनट तक लेटे रहें। अपने शरीर को साफ़ पानी से धोएँ, और फिर नर्म तौलिये से सुखाएं।
तांबा आपकी आँखों, बालों और त्वचा को रंग देने वाले मेलेनिन के उत्पादन का प्रमुख घटक है। मेलेनिन आपकी त्वचा को धूप से होने वाली क्षति से सुरक्षित रखने में, घाव भरने की प्रक्रिया तेज करने में और धब्बों को मिटाने में सहायता करता है।
अपनी त्वचा को दिखने में बेहतरीन बनाए रखने के लिए अपने आहार में बादाम शामिल करें। बादाम विटामिन ई का सर्वश्रेष्ठ स्रोत है जो आपकी त्वचा को पोषण देता है और इसे सूर्य की अल्ट्रावायलेट किरणों से बचाता है।
पपीते में त्वचा को नर्म बनाए और घाव भरने वाले एंजाइम होते हैं। इस फल के एंजाइम मुक्त-कणों की क्षति को रोकते हैं और बढ़ती उम्र के कारण होने वाले निशान और बारीक रेखाओं को मिटाते हैं। ये त्वचा की सतह पर की मृत कोशिकाओं को घुलकर मिटा देते और त्वचा को स्वच्छ कर देते हैं।
ककड़ी में जल का हिस्सा अधिक मात्रा में होता है और कैलोरी अत्यंत कम होती है। ककड़ी में पाया जाने वाला एरेप्सिन नामक एंजाइम पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करता है। यह पाचन को सुधारती है और गर्मी में विशेष रूप से मददगार होती है, खासकर जिनका हाजमा कमजोर हो उन्हें मदद करती है। ककड़ी में विटामिन सी होता है जो सूर्य की अल्ट्रावायलेट किरणों से त्वचा की सुरक्षा करता है और झुर्रियों, धूप से होने वाली क्षति और अन्य दिक्कतों से बचाव करता है
गर्मी के दौरान त्वचा की देखभाल बहुत हद तक उचित आहार पर निर्भर करती है। त्वचा के लिए हितकारी आहार जैसे सब्जियाँ और फल को सलाद के रूप में, उबली सब्जियों के रूप में, जूस के और स्मूथी के रूप में लें ताकि एंटीऑक्सीडेंट और फ्लावोनोइड की अधिक मात्रा दी जा सके और शक्कर, रिफाइंड आहार और प्रोसेस्ड आहार को घटाया जा सके।
भुने हुए हरे चने को पीसें और इसका एक बड़ा चम्मच भरकर कच्चे दूध में मिलाएँ। इस मास्क को अपने चेहरे पर लगाएँ और थोड़ा सूखने का इंतजार करें। ठंडे पानी से धो लें। इस उपचार को लगातार दो सप्ताह तक नियमित रूप से करने से आपके चेहरे से निकलने वाला पसीना काफी हद तक कम होता है।
गर्मी में चेहरे पर भारी तेल के उपयोग वाले क्रीम और लोशन लगाने से परहेज करें। इससे पसीना बढ़ता है और आपको मुहाँसों की समस्या हो सकती है। इसके स्थान पर जल आधारित लोशन और मॉइस्चराइजर का प्रयोग करें और इन्हें भी थोड़ा सा, वह भी शाम के समय जब तापमान थोड़ा गिर जाए, तब लगाएँ।
एक आइस क्यूब लें और इसे मलमल के कपड़े में लपेटें। अपने चेहरे के अतिरिक्त पसीने का इलाज करने के लिए दिन में 2-3 बार इससे चेहरा साफ़ करें। बर्फ त्वचा के छिद्रों को बंद करने और कसने में मदद करता है और पसीना रुक जाता है।अपने मेकअप को लम्बे समय तक बनाए रखने के लिए यह प्रभावी तरीका है। आप अधिक पसीने को नियंत्रित करने के लिए अपने चेहरे पर पानी के छींटे भी डाल सकते हैं।
वनस्पति तेल जैसे तिल, जैतून या नारियल का तेल फटी एड़ियों के उपचार हेतु आदर्श हैं। बढ़िया परिणामों के लिए तेल को सोते समय लगाएँ ताकि तेल त्वचा में लम्बे समय तक बना रहे।