ट्रिगर फिंगर – रोकथाम – अंगूठे और उँगलियों का अत्यधिक प्रयोग न करें। यदि आपका कार्य या शौक ऐसा है जिसमें हाथ की गति का दोहराव होता है, तो जोड़ों पर दबाव को कम करने के लिए बीच-बीच में विराम लें।.
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ट्रिगर फिंगर: प्रमुख जानकारी और निदान
ट्रिगर फिंगर दर्दनाक स्थिति है जिसमें मोड़ने पर उँगलियां या अंगूठा अटक जाता है या जाम हो जाता है।.
ट्रिगर फिंगर: लक्षण और कारण
ट्रिगर फिंगर – लक्षण – उँगलियों में जकड़न, खासकर सुबह के समय। मुड़ी हुई स्थिति में ऊँगली का जाम होना, जिसे सीधा करने में आप असमर्थ हों। अपनी ऊँगली को सीधा करते समय और मोड़ते समय दर्द होना। सूजन. ट्रिगर फिंगर – कारण – ट्रिगर फिंगर किसी उंगली या अंगूठे के बार-बार गति करने या जोर लगाकर उपयोग करने से होता है।.
ट्रिगर फिंगर: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज
ट्रिगर फिंगर – आहार – लेने योग्य आहार इनसे परहेज करें: ओमेगा 3 फैटी एसिड युक्त आहार जैसे मछली, अखरोट, अलसी के बीज आदि जिनमें सूजनरोधी गुण होते हैं।
, अन्नानास के रस में ब्रोमेलैन नामक एंजाइम होता है। ब्रोमेलैन में उपस्थित रसायन शरीर को वह प्राकृतिक पदार्थ उत्पन्न करने के लिए उत्प्रेरित करते हैं जो दर्द को दूर करते हैं और सूजन को कम करते हैं।
, ट्रिगर फिंगर से जुड़ी सूजन को दूर करने में एलो वेरा प्राथमिक कार्य करता है। इसे प्रभावित क्षेत्र पर या तो लगाया जा सकता है या पूरक की तरह लिया जा सकता है।
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परओनिकिया (ऊँगली, नाखून में दर्द): प्रमुख जानकारी और निदान
हाथ या पैर की ऊँगली के आस-पास की त्वचा के संक्रमण को परओनिकिया कहते हैं।.
परओनिकिया (ऊँगली, नाखून में दर्द): लक्षण और कारण
परओनिकिया (ऊँगली, नाखून में दर्द) – लक्षण – ऊँगली के आस-पास की त्वचा में सुरसुराहट युक्त दर्द, लालिमा, गर्मी और सूजन। पीप युक्त फफोले, नाखून के आस-पास की त्वचा का लाल, गर्म, सूजा और दर्द युक्त होना।. परओनिकिया (ऊँगली, नाखून में दर्द) – कारण – आमतौर पर यह क्षेत्र की चोट के कारण उत्पन्न होता है, उदाहरण के लिए, निकले नाखून को काटने या खींचने से या नाखून के समीप के माँस को खुरचने या दबाने से।.
परओनिकिया (ऊँगली, नाखून में दर्द): घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज
हाथ या पैर की ऊँगली के आस-पास की त्वचा के संक्रमण को परओनिकिया कहते हैं। संक्रमित क्षेत्र सूजा, लाल और दर्द्युक्त हो सकता है। कभी-कभी पीप युक्त फफोला हो जाता है। अधिकतर समय, परओनिकिया बड़ी समस्या नहीं होती और इसका उपचार घर पर ही किया जा सकता है। अत्यंत कम मामलों में, संक्रमण हाथ या पैर की बची हुई ऊँगली में हो सकता है।
परओनिकिया के दो भिन्न प्रकार हैं, एक्यूट और क्रोनिक:
एक्यूट परओनिकिया-आमतौर पर यह एकाएक दिखाई देता है, सूजन सहित अत्यंत दर्द युक्त क्षेत्र होता है, हाथ या पैर की ऊँगली के आस-पास गर्मी और लालिमा होती है, खासकर उस क्षेत्र में चोट के बाद ऐसा होता है।
क्रोनिक परओनिकिया- यह ऐसा संक्रमण है जो धीरे-धीरे बढ़ने वाला, थोड़ी-थोड़ी सूजन उत्पन्न करने वाला, ऊँगली के आस-पास की त्वचा पर पीड़ा और लालिमा उत्पन्न करने वाला होता है।
परओनिकिया (ऊँगली, नाखून में दर्द): रोकथाम और जटिलताएं
परओनिकिया (ऊँगली, नाखून में दर्द) – रोकथाम – एक्यूट परओनिकिया ना होने देने का उत्तम तरीका अपने नाखूनों की अच्छी देखभाल करना है। अपने नाखूनों और पोरों को चोट ना लगने दें। अपने नाखूनों को काटें या खींचें नहीं। अपने नाखून ठीक प्रकार कटे और व्यवस्थित रखें।.