फ़ेरिन्जाइटिस, गले के पिछले हिस्से फेरिंक्स की सूजन को कहते हैं।.
Tag: खांसी
ट्यूबरक्लोसिस: रोकथाम और जटिलताएं
ट्यूबरक्लोसिस रोकथाम – बीसीजी का टीका लगवाएँ। धूम्रपान त्यागें। उचित स्वच्छता बनाए रखें।.
ट्यूबरक्लोसिस: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज
ट्यूबरक्लोसिस आहार – लेने योग्य आहार: वे आहार जो शरीर को टी.बी. संक्रमण से मुकाबले के लायक बनाते हैं उनमें दूध, फल और सब्जियाँ आते हैं। स्ट्रॉबेरी पोटैशियम, विटामिन और खनिजों से भरीपूरी होती है, जिनसे प्रतिरक्षा तंत्र मजबूत होता है और रोग से लड़ने की शक्ति मिलती है। सीताफल टीबी की घरेलु चिकित्सा में प्रयुक्त होता है, जिसमें गूदे को पानी के साथ उबालकर बने आहार को प्रतिदिन लिया जाता है।
ट्यूबरक्लोसिस: लक्षण और कारण
ट्यूबरक्लोसिस लक्षण – अत्यंत खाँसी, छाती में दर्द, साँस लेने में कमी, बुखार और कंपकंपी, वजन में गिरावट. ट्यूबरक्लोसिस कारण – ट्यूबरक्लोसिस रोग बैक्टीरिया माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस द्वारा होता है, जो संक्रमित व्यक्ति द्वारा हवा में उत्सर्जित सूक्ष्म कणों के संपर्क से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में प्रसारित होता है।.
ट्यूबरक्लोसिस: प्रमुख जानकारी और निदान
ट्यूबरक्लोसिस एक क्रोनिक संक्रमण से होने वाली बीमारी है जो शुरुआत में फेफड़ों को संक्रमित करती है। यह बीमारी माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस बैक्टीरिया द्वारा होती है। यह रक्त प्रवाह में मिलकर अन्य अंगों को भी प्रभावित कर सकता है।.
बच्चों में अस्थमा: प्रमुख जानकारी और निदान
अस्थमा (दमा) ऐसी स्थिति है जो व्यक्ति के हवा आने जाने के मार्गों को प्रभावित करती है और इस प्रकार साँस लेने में कठिनाई उत्पन्न करती है।.
बच्चों में अस्थमा: लक्षण और कारण
बच्चों में अस्थमा – लक्षण – श्वसनहीनता। व्हीज़िंग, खाँसी आना। छाती में जकड़न।. बच्चों में अस्थमा – कारण – हवा आने-जाने वाले मार्ग और छाती में संक्रमण (सर्दी, फ्लू)। अस्थमा का पारिवारिक इतिहास। धूम्रपान, धूल और धूल में स्थित जीवाणु।.
बच्चों में अस्थमा: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज
बच्चों में अस्थमा – आहार – लेने योग्य आहार: साबुत अनाज, सूप, फल और सब्जियाँ।
बच्चों में अस्थमा: रोकथाम और जटिलताएं
बच्चों में अस्थमा – रोकथाम – अस्थमा उत्प्रेरित करने वाले कारकों को त्याग दें। ठन्डे वातावरण को त्यागें। घर को धूम्रपान रहित स्थान बनाए रखें।.
बच्चों का इन्फ्लुएंजा: रोकथाम और जटिलताएं
बच्चों का इन्फ्लुएंजा – रोकथाम – अपने हाथों को साबुन से बार-बार और अच्छी तरह से धोएँ। वस्तुएँ बाँटकर उपयोग ना करें। खाँसते और छींकते समय अपने मुँह और चेहरे को टिश्यू से ढंकें।.