इन्फ्लुएंजा (फ्लू) – रोकथाम – स्वच्छ रहें और अपने आस-पास स्वच्छता बनाए रखें। खाँसते और छींकते समय अपने मुँह और नाक को टिश्यू से ढंकें।.
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इन्फ्लुएंजा (फ्लू): प्रमुख जानकारी और निदान
इन्फ्लुएंजा जिसे फ्लू भी कहा जाता है, इन्फ्लुएंजा वायरस ए और बी द्वारा उत्पन्न संक्रमण है।.
डेंगू बुखार: रोकथाम और जटिलताएं
डेंगू बुखार – रोकथाम – रोगवाहक नियंत्रण का पालन। मच्छरों को न बढ़ने दे और मच्छरों के काटने से बचें। .
डेंगू बुखार: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज
डेंगू बुखार – आहार – लेने योग्य आहार: आहार जो पचने में आसान हो जैसे कि उबला भोजन, हरी सब्जियाँ, केले और सेब जैसे फल, सूप इत्यादि, पानी या अन्य तरल अधिक मात्रा में लें जैसे कि फलों का रस, नारियल पानी, ओआरएस इत्यादि ये आपको डिहाइड्रेशन से बचाते हैं। डेंगू रोगियों के प्रतिदिन के आहार में उबली सब्जियाँ, चावल का दलिया, पतली लपसी या हलवा, सूप, टोस्ट, सेब, प्लेंटीन्स, और चाय होने चाहिए।
डेंगू बुखार: लक्षण और कारण
डेंगू बुखार – लक्षण – एकाएक तेज बुखार। थकावट। सिरदर्द (खासकर आँखों के पिछले हिस्से में दर्द)। मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द। हल्का रक्तस्राव।. डेंगू बुखार – कारण – यह चार अलग-अलग लेकिन संबंधित वायरस के कारण होता है। यह मच्छरों के काटने से, खासकर एडीज एजिप्टी द्वारा फैलता है। यह मच्छर अकसर दिन मे काटता है।.
डेंगू बुखार: प्रमुख जानकारी और निदान
डेंगू बुखार एक वायरस से होने वाला संक्रमण है जो मच्छरों से फैलता है. इसे हड्डी तोड़ बुखार के नाम से भी जाना जाता है।.
बच्चों में टाइफाइड: रोकथाम और जटिलताएं
बच्चों में टाइफाइड – रोकथाम – पानी को स्वच्छ रखें। सम्पूर्ण आहार को पका लें और कच्चा आहार ना लें। हाथों को बार-बार धोएँ। टीकाकरण।.
बच्चों में टाइफाइड: प्रमुख जानकारी और निदान
टाइफाइड बुखार, बुखार के साथ जुड़ा गंभीर और कभी-कभी प्राणघातक हो जाने वाला संक्रमण है, जो सेलमोनेला टायफी नामक बैक्टीरिया द्वारा उत्पन्न होता है।.
बच्चों में टाइफाइड: लक्षण और कारण
बच्चों में टाइफाइड – लक्षण – बुखार, जिसकी शुरुआत कम से होती है और हर दिन तेज होता जाता है। सिरदर्द, कमजोरी और थकावट। सूखी खाँसी।. बच्चों में टाइफाइड – कारण – टाइफाइड का बुखार सेलमोनेला टायफी नामक बैक्टीरिया द्वारा उत्पन्न होता है।.
बच्चों में टाइफाइड: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज
बच्चों में टाइफाइड – आहार – लेने योग्य आहार इनसे परहेज करें: तरल और नमक का पर्याप्त सेवन। कार्बोहाइड्रेट्स की अधिक मात्रा के साथ उच्च कैलोरी का सेवन जैसे ग्लूकोस युक्त फलों का रस, नारियल पानी, जौ, लपसी, चावल, रवा आदि। यदि अतिसार ना हो तो प्रोटीन की उच्च मात्रा भी लाभकारी होती है जैसे दूध, कस्टर्ड, फल-दूध का शेक, पतली दाल, अंडे, पकी हुई नर्म मछली और चिकन, मसले आलू और अन्य पकी हुई नर्म सब्जियाँ, फल जैसे केला आदि।
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