एम्फायसेमा (फेफड़ों में अवरोध): रोकथाम और जटिलताएं

एम्फायसेमा (फेफड़ों में अवरोध) – रोकथाम – धूम्रपान बंद करें और रासायनिक धुएँ तथा धूल की चपेट में ना आएँ। अपने फेफड़ों की सुरक्षा के लिए मास्क लगाएँ।.

एम्फायसेमा (फेफड़ों में अवरोध): लक्षण और कारण

एम्फायसेमा (फेफड़ों में अवरोध) – लक्षण – श्वसनहीनता, दीर्घकालीन ब्रोंकाइटिस के साथ उत्पन्न हुआ बलगम, खाँसी, सायनोसिस. एम्फायसेमा (फेफड़ों में अवरोध) – कारण – धूम्रपान, वायु प्रदूषण.

एम्फायसेमा (फेफड़ों में अवरोध): घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

एम्फायसेमा (फेफड़ों में अवरोध) – आहार – लेने योग्य आहार: कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा, खनिजों, विटामिनों, रेशे और जल से युक्त स्वास्थ्यवर्धक आहार।
, एम्फायसेमा से पीड़ित व्यक्तियों के लिए सोडियम की कम मात्रा से युक्त चिकन सूप विशेष रूप से लाभकारी होता है। क्योंकि चिकन में सिस्टीन होता है, यह आपके शरीर से अतिरिक्त बलगम निकालता है। सिस्टीन के अतिरिक्त भोज्य स्रोतों में गेहूँ की बाली, लाल शिमला मिर्च, लहसुन, प्याज, ब्रोकोली और ब्रसेल्स स्प्राउट्स हैं।
, जैतून का तेल पित्ताशय और बड़ी आंत से अनुपयोगी पदार्थ और आँव को निकालने में सहायता करता है।
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एम्फायसेमा (फेफड़ों में अवरोध): प्रमुख जानकारी और निदान

एम्फायसेमा फेफड़ों का दीर्घकालीन, बढ़ते जाने वाला रोग है और तब उत्पन्न होता है जब हवा के आने-जाने के मार्ग (अल्वेओली) की दीवारें, अपने भीतर से होकर गुजरने वाली सूक्ष्म रक्तवाहिनियों के साथ, नष्ट हो जाती हैं।.

दमा: रोकथाम और जटिलताएं

दमा रोकथाम – धूम्रपान त्यागें, वायु प्रदूषण, धूल और उत्प्रेरक धुएं से बचें, इन्हेलर्स का प्रयोग करें, घर को स्वच्छ और धूल से मुक्त रखें.

दमा: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

दमा आहार – लेने योग्य आहार ना लेने योग्य आहार: फल और सब्जियां अधिक मात्रा में खाएं, ओमेगा-3 फेटी एसिड्स युक्त आहार लें जो कि सैलमन, ट्यूना और सारडाइन मछलियों में पाया जाता है और कुछ वनस्पति स्रोत जैसे कि अलसी जिनमें स्वास्थ्य के लिए कई लाभकारी तत्व माने जाते हैं. अस्थमा के रोगियों के लिए कहे गए सबसे लाभकारी आहारों में: एवोकेडो, गाजर, हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक, केल, ब्रोकोली स्प्राउट, शकरकंद, अदरक, हल्दी, लहसुन, प्याज़, सेब, मेवे, टमाटर आदि हैं,

दमा: प्रमुख जानकारी और निदान

अस्थमा क्रोनिक (लम्बे समय तक रहने वाली) फेफड़ों की बीमारी है, जिसके कारण फेफड़ों में और फेफड़ों से हवा ले जाने वाली नलिकाओं में सूजन और सिकुडन हो जाती है..

दमा: लक्षण और कारण

दमा लक्षण – खांसी, व्हीज़िंग, साँस लेने में कठिनाई, अत्यंत थकान का अनुभव, सोने में कठिनाई. दमा कारण – एलर्जन जैसेकि वृक्षों के परागकण, धूल के कण, श्वसन संक्रमण, मोटापा और शारीरिक गतिविधि.