मेलास्मा: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

मेलास्मा आहार – लेने योग्य आहार: फल जैसे संतरे, सेब और ग्रेपफ्रूट और सब्जियाँ जैसे ब्रोकोली, पत्तागोभी तथा ब्रसेल्स स्प्राउट्स लिए जाने चाहिए। एस्ट्रोजन की अत्यधिक उत्पत्ति को रोकने के लिए रेशेयुक्त आहार भी लिए जाने चाहिए। फोलेट या फोलिक एसिड की कमी मेलास्मा तक पहुँच सकती है। फोलिक एसिड की अधिकता युक्त भोजन जैसे खट्टे फल, मेवे, हरी पत्तेदार सब्जियाँ और साबुत अनाज। विटामिन सी और ई से युक्त आहार लें। ये एंटीऑक्सीडेंट युक्त पोषक तत्व त्वचा को सूर्य से हुई क्षति, जो मेलास्मा उत्पन्न कर सकती है, की मरम्मत करते हैं। ये विटामिन जिन आहारों में पाए जाते हैं उनमें हैं खट्टे फल, कीवी, मेवे, बादाम, चमकदार रंग की सब्जियाँ और मछली आदि।

मेलास्मा: लक्षण और कारण

मेलास्मा लक्षण – इस स्थिति की पहचान है शरीर के उन हिस्सों की त्वचा का रंग का बदलना जो धूप का सामना अधिक करते हैं, जैसे गाल, नाक, माथा और ठोड़ी तथा कुछ हद तक गर्दन और भुजाएँ।. मेलास्मा कारण – इसका निश्चित कारण ज्ञात नहीं है, लेकिन कई कारक योगदान करते हैं। इनमें हैं गर्भावस्था, हार्मोन के ड्रग जैसे गर्भनिरोधक गोलियां, और कभी-कभी हार्मोन के स्तर को प्रभावित करने वाली चिकित्सीय स्थितियाँ।.

ल्यूकोडर्मा, विटिलिगो (सफ़ेद दाग): प्रमुख जानकारी और निदान

ल्यूकोडर्मा या विटिलिगो (सफ़ेद दाग) एक लम्बे समय तक बने रहने वाली स्थिति है, जिसमें त्वचा पर सफ़ेद धब्बे उत्पन्न हो जाते हैं। यह ऐसी स्थिति है जिसमें आपकी त्वचा मेलेनिन की कमी से ग्रस्त होती है।.

ल्यूकोडर्मा, विटिलिगो (सफ़ेद दाग): लक्षण और कारण

ल्यूकोडर्मा, विटिलिगो (सफ़ेद दाग) – लक्षण – त्वचा पर छोटा सफेद दाग जो समय के साथ बढ़ता जाता है। बालों का समय से पहले सफ़ेद होना और झड़ना। त्वचा का उत्तेजित होना। ठंडक के प्रति संवेदनशीलता, थकावट, दाग पर स्थित बालों का भी सफ़ेद हो जाना।. ल्यूकोडर्मा, विटिलिगो (सफ़ेद दाग) – कारण – मेलेनिन उत्पन्न करने वाली कोशिकाओं की क्षति। जलना, त्वचा की सूजन वाली स्थितियाँ। कैल्शियम की कमी, अनुवांशिकता, टैटू का प्रयोग.

ल्यूकोडर्मा, विटिलिगो (सफ़ेद दाग): घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

ल्यूकोडर्मा, विटिलिगो (सफ़ेद दाग) – आहार – लेने योग्य आहार: विटामिन्स
, पालक
, सोया मिल्क
,

ल्यूकोडर्मा, विटिलिगो (सफ़ेद दाग): रोकथाम और जटिलताएं

ल्यूकोडर्मा, विटिलिगो (सफ़ेद दाग) – रोकथाम – स्वच्छ रहें। सूती वस्त्र पहनें। धूम्रपान, शराब, स्टेरोइड्स, लगाने की दवाएँ, खट्टी वस्तुएँ उपयोग में ना लें।.