डिस्फेजिया लक्षण – निगलते समय दर्द (ओडिनोफेजिया)। निगलने में कठिनाई। चबाने में असमर्थ होना। निगलते समय खाँसी आना या मुंह का बंद होना।. डिस्फेजिया कारण – टॉन्सिल्स, कंठ और मुंह की सूजन। ये उन विकारों का लक्षण है।.
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डिस्फेजिया: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज
डिस्फेजिया आहार – डिस्फेजिया के दौरान दिये जाने वाले आहारों में नर्म उबली सब्जियाँ, नर्म और कैन में बंद फल, ब्रेड, गर्म दलिया, दूध में डुबो कर खाए जाने के लिए तैयार दलिया, कैन में बंद फल, नर्म उबली सब्जियाँ, रस, आमलेट, ग्राउंड मीट, उबली फलियाँ, उबले मटर, कॉटेज चीस, दही, कस्टर्ड, पुडिंग, क्रीम सूप, बिना मेवों की कूकीज और नूडल्स आते हैं।
, कड़ा माँस, मेवे, गिरियाँ, चिपचिपी ब्रेड, कड़ा चबाया जाने वाला माँस, सख्त सब्जियाँ।
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डिस्फेजिया: रोकथाम और जटिलताएं
डिस्फेजिया रोकथाम – कारक विकारों की शीघ्र पहचान और निर्धारण।.
डिस्फेजिया: प्रमुख जानकारी और निदान
निगलने में कठिनाई।.
ग्लोसाइटिस (जीभ की सूजन): रोकथाम और जटिलताएं
ग्लोसाइटिस (जीभ की सूजन) – रोकथाम – उचित आहार और पोषण। उत्प्रेरकों जैसे सिगरेट पीना और अम्लीय या मसालेदार आहार आदि न लें। मुख की स्वच्छता बढ़िया बनाए रखें।.
ग्लोसाइटिस (जीभ की सूजन): प्रमुख जानकारी और निदान
ग्लोसाइटिस जीभ की सूजन या संक्रमण है जो इसे आकार में सूजा हुआ बना देता है, लाल रंग के विभिन्न प्रकारों में परिवर्तित कर देता है, और जीभ की सतह को समान दिखाई पड़ने वाला बनाता है क्योंकि जीभ की सतह पर उपस्थित उंगलीनुमा बाहर निकली हुई रचनाएँ, जिन्हें पेपिला कहा जाता है, गुम या नष्ट हो चुकी होती हैं।.
ग्लोसाइटिस (जीभ की सूजन): लक्षण और कारण
ग्लोसाइटिस (जीभ की सूजन) – लक्षण – जीभ की सूजन। जीभ का चिकना दिखाई देना। जीभ का रंग बदल जाता है (आमतौर पर “माँस” जैसा गहरा लाल)।. ग्लोसाइटिस (जीभ की सूजन) – कारण – बैक्टीरिया या वायरस द्वारा उत्पन्न संक्रमण (जिसमें मुंह में स्थित हर्पीस सिम्पलेक्स भी शामिल है)। जलने, दाँतों या दन्त उपकरणों की सख्त सतहों से, या अन्य आघातों से हुई यांत्रिक उत्तेजना या चोट। उत्प्रेरकों जैसे तम्बाकू, शराब, गर्म भोजन या मसालों की चपेट होना।.
ग्लोसाइटिस (जीभ की सूजन): घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज
ग्लोसाइटिस (जीभ की सूजन) – आहार – लेने योग्य आहार इन आहारों से परहेज करें: पानी अधिक मात्रा में पियें। फलों जैसे सेब, क्रैनबेरी या अंगूर का रस। कम वसा युक्त दुग्ध उत्पाद,
बेरेट्स इसोफेगस: रोकथाम और जटिलताएं
बेरेट्स इसोफेगस – रोकथाम – अपने भोजन में परिवर्तन करें। वसायुक्त आहार, चॉकलेट, कैफीन, मसालेदार आहार, और पेपरमिंट एसिड के वापस लौटने को बढ़ाते हैं। शराब, कैफीनयुक्त पेय और तम्बाकू ना लें। वजन घटाएँ। वजन का अधिक होना एसिड वापस लौटने के खतरे को बढ़ाता है। बिस्तर के सिरे को ऊँचा रखकर सोएँ।.
बेरेट्स इसोफेगस: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज
बेरेट्स इसोफेगस – आहार – लेने योग्य आहार: एंटीऑक्सीडेंट की प्रचुरता युक्त आहार जैसे मटर, गाजर, सेब, स्क्वेश, या ब्रोकोली को शामिल करें। अपने ओमेगा 3 फैटी एसिड की मात्रा को मछली, अखरोट, अलसी के ताजे बीज और सोया पदार्थों के सेवन से बढ़ाएं। स्वास्थ्यवर्धक आहार जैसे साबुत अनाज और दलिया, वसारहित डेरी उत्पाद, फल और सब्जियाँ, और पोल्ट्री उत्पाद तथा मछली।