क्रोंस डिजीज: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

क्रोंस डिजीज – आहार – लेने योग्य आहार: केले, सफ़ेद ब्रेड, सफ़ेद चावल, और पनीर (यदि आप दूध में प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाली शक्कर – लेक्टोस को पचा लेते हैं), फलों का रस, सेब का सॉस, नरम पीनट बटर, कोमल नर्म आहार, मैदे के बने क्रैकर्स, विभिन्न प्रकार का सादा दलिया, रिफाइंड पास्ता, शोरबा, कैन में बंद विभिन्न प्रकार के फल, पकी हुई सब्जियाँ, छिलका रहित आलू, मछली, केनोला और जैतून का तेल। एंटीऑक्सीडेंट युक्त आहार लें, जिनमें फल (जैसे जामुन, चेरी, और टमाटर) और सब्जियाँ (जैसे कद्दू और शिमला मिर्च) आदि आते हैं। विटामिन बी, कैल्शियम, और मैग्नीशियम की उच्च मात्रा वाले आहार लें जैसे साबुत अनाज (यदि वे चोकररहित ना हों), गहरी पत्तेदार सब्जियाँ (जैसे पालक और केल), और समुद्री वनस्पतियाँ आदि।

क्रोंस डिजीज: प्रमुख जानकारी और निदान

क्रोंस डिजीज ऐसी स्थिति है जिसमें पाचन तंत्र (जिसे आमाशय-आंत मार्ग या आंत भी कहा जाता है) में सूजन उत्पन्न हो जाती है।.

सिलिअक रोग: रोकथाम और जटिलताएं

सिलिअक रोग – रोकथाम – ग्लूटेन रहित आहार लेकर सिलिअक रोग के उभरने को रोक सकते हैं।.

सिलिअक रोग: प्रमुख जानकारी और निदान

सिलिअक डिजीज जिसे सिलिअक स्प्रू या ग्लूटेन-संवेदी आंतरोग भी कहा जाता है, पाचन और स्व-प्रतिरक्षी रोग है जो ग्लूटेन युक्त भोजन लेने के परिणामस्वरूप छोटी आंत की परतों की क्षति के रूप में दिखाई पड़ता है।.

सिलिअक रोग: लक्षण और कारण

सिलिअक रोग – लक्षण – अपच, मंद पेटदर्द। पेट फूलना। कभी-कभी आंत की प्रवृत्ति में बदलाव होना, जैसे मंद अतिसार या कब्ज के प्रकरण।. सिलिअक रोग – कारण – सिलिअक डिजीज स्व-प्रतिरक्षी स्थिति है जो ग्लूटेन प्रोटीन, जो कि ब्रेड, पास्ता, दलिया और बिस्कुट में पाया जाता है, के लिए असामान्य प्रतिरक्षी प्रतिक्रिया से उत्पन्न होती है।.

सिलिअक रोग: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

सिलिअक रोग – आहार – लेने योग्य आहार: ग्लूटेन रहित और पोषण युक्त आहार लेने चाहिए। कैल्शियम युक्त आहारों में दूध, दही, पनीर, मछली, ब्रोकोली, कोलार्ड ग्रीन, बादाम, कैल्शियम की शक्तियुक्त रस, और चौलाई। आयरन समृद्ध आहारों में मीट, मछली, चिकन, फलियाँ, मेवे, गिरियाँ, अंडे और चौलाई आदि आते हैं।

वायरल सिंड्रोम: रोकथाम और जटिलताएं

वायरल सिंड्रोम – रोकथाम – अपने हाथों को नियमित साबुन और पानी से धोएँ या अल्कोहल आधारित जेल का प्रयोग करें। पीने के गिलास या खाने के बर्तनों का बांटकर उपयोग ना करें। टीकाकरण.

वायरल सिंड्रोम: प्रमुख जानकारी और निदान

वायरल सिंड्रोम किसी एक वायरस या विभिन्न प्रकार के वायरस द्वारा उत्पन्न संक्रमण है जो अधिकतर श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है। लेकिन ये शरीर के किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकता है।.

वायरल सिंड्रोम: लक्षण और कारण

वायरल सिंड्रोम – लक्षण – बुखार और कंपकंपी। बहती और भरी हुई नाक। खाँसी, गले में पीड़ा या आवाज भर्राना।. वायरल सिंड्रोम – कारण – वायरस के ऐसे लगभग 900 विभिन्न प्रकार हैं जो मनुष्यों को संक्रमित कर सकते हैं।.

वायरल सिंड्रोम: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

वायरल सिंड्रोम – आहार – लेने योग्य आहार: वायरल रोग के दौरान शरीर में पानी के स्तर को बनाए रखने के लिए पानी अधिक मात्रा में पियें। फल और सब्जियों की अधिकता वाला आहार सामान्य सर्दी सहित कई प्रकार के संक्रमण और रोगों को रोकने में सहायक होता है। विशेष रूप से प्रतिरक्षक तंत्र हेतु लाभकारी फल और सब्जियों में चेरी, बेरियाँ, टमाटर, संतरे, ग्रेपफ्रूट, खट्टे रस, केले, ब्रोकोली, ब्रसेल्स स्प्राउट्स और पत्तागोभी आते हैं। ज्यादा से ज्यादा ताजे फल और सब्जियाँ लें क्योंकि वे सर्वाधिक पोषक घटक प्रदान करते हैं। सूजन और अवरोध युक्त वायरल संक्रमणों को रोकने या कम करने के लिए विभिन्न सब्जियों से मिलाकर घर पर बने सूप या प्राकृतिक सूप का सेवन करें।