स्वाइन फ्लू – रोकथाम – साबुन और पानी से अपने हाथ नियमित धोएँ। नियमित रूप से स्वच्छता किये जाने को निश्चित करें। खांसते और छींकते समय मुँह और नाक को ढंकें।.
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स्वाइन फ्लू: प्रमुख जानकारी और निदान
स्वाइन फ्लू कई प्रकार के स्वाइन इन्फ्लुएंजा वायरस में से किसी एक द्वारा उत्पन्न संक्रमण है। इसे पिग इन्फ्लुएंजा, स्वाइन फ्लू, हॉग फ्लू, और पिग फ्लू भी कहते हैं।.
स्वाइन फ्लू: लक्षण और कारण
स्वाइन फ्लू – लक्षण – बुखार, कंपकंपी, गले में खराश, खाँसी. स्वाइन फ्लू – कारण – संक्रमण के चिन्ह और लक्षण उत्पन्न करने के लिए स्वाइन फ्लू का वायरस जिम्मेदार होता है।.
स्वाइन फ्लू: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज
स्वाइन फ्लू – आहार – लेने योग्य आहार: ताजे फल, सब्जियाँ, और साबुत अनाज। विटामिन डी3 के पूरक। ढेर सारा पानी पियें।
गेस्ट्राइटिस (पेट में सूजन): घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज
गेस्ट्राइटिस (पेट में सूजन) – आहार – लेने योग्य आहार तीव्र और दीर्घ दोनों स्थितियों में रोगी को आहार का लंघन करना चाहिए।: लंघन के दौरान फलों का रस लिया जा सकता है।
, फलों के रस में 5 घंटों का अन्तराल होना चाहिए।
, 6 औंस पालक के रस के साथ 10 औंस गाजर का रस मिलाकर लेना चाहिए।
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गेस्ट्राइटिस (पेट में सूजन): रोकथाम और जटिलताएं
गेस्ट्राइटिस (पेट में सूजन) – रोकथाम – उत्तेजित करने वाली दवाएँ ना लें। शराब और धूम्रपान ना करें। स्वच्छ रहें.
गेस्ट्राइटिस (पेट में सूजन): लक्षण और कारण
गेस्ट्राइटिस (पेट में सूजन) – लक्षण – मतली, उल्टी, डकार आना, पेट फूलना, भूख कम लगना, अपच, शीघ्र संतृप्ति. गेस्ट्राइटिस (पेट में सूजन) – कारण – हेलिकोबेक्टर पाइलोरी द्वारा उत्पन्न संक्रमण। औषधियाँ, रोग.
गेस्ट्राइटिस (पेट में सूजन): प्रमुख जानकारी और निदान
गेस्ट्राइटिस पेट की परतों में सूजन, उत्तेजन या क्षय होने को कहा जाता है। यह एकाएक या धीमे-धीमे हो सकता है।.