व्याकुलता विकार (एंग्जायटी डिसऑर्डर): रोकथाम और जटिलताएं

व्याकुलता विकार (एंग्जायटी डिसऑर्डर) – रोकथाम – शराब और अन्य ड्रग से बचें। समय प्रबंधन की प्रक्रियाएँ सीखें। धूम्रपान और कॉफ़ी पीने से परहेज।.

व्याकुलता विकार (एंग्जायटी डिसऑर्डर): लक्षण और कारण

व्याकुलता विकार (एंग्जायटी डिसऑर्डर) – लक्षण – सोने में कठिनाई। ठन्डे पसीना युक्त हाथ और/या पैर। श्वसनहीनता। पेल्पिटेशंस।. व्याकुलता विकार (एंग्जायटी डिसऑर्डर) – कारण – जैविक कारण। तनाव सम्बन्धी कारण। चिकित्सीय कारण।.

व्याकुलता विकार (एंग्जायटी डिसऑर्डर): घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

व्याकुलता विकार (एंग्जायटी डिसऑर्डर) – आहार – लेने योग्य आहार: साबुत अनाज के आहार।
, समुद्री आहार।
, बादाम।
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व्याकुलता विकार (एंग्जायटी डिसऑर्डर): प्रमुख जानकारी और निदान

एक विशेष प्रकार का सामान्य मानसिक विकार जिसे अत्यधिक चिंता, असहजता, और भविष्य की अनिश्चितताओं का भय द्वारा समझाया जा सकता है।.

बाइपोलर डिसऑर्डर: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

बाइपोलर डिसऑर्डर – आहार – लेने योग्य आहार इनसे परहेज करें: मछली, अखरोट, अलसी के बीज, सोया आदि में पाया जाने वाला ओमेगा 3 फैटी एसिड बाइपोलर डिसऑर्डर के लक्षणों को कम करता है। जामुन, रास्पबेरी, और स्ट्रॉबेरी इन सभी में प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन सी होता है। जटिल कार्ब्स जैसे भूरा चावल, होल वीट ब्रेड, और होल ग्रेन पास्ता आपके मस्तिष्क में सेरोटोनिन के उत्पादन को बढ़ाता है, यह रसायन अच्छा अनुभव कराने वाले रसायनों में से एक है, जो चिंता को कम करता है और आपको अधिक नियंत्रित बने रहने में सहायता करता है।

बाइपोलर डिसऑर्डर: रोकथाम और जटिलताएं

बाइपोलर डिसऑर्डर – रोकथाम – जीवनशैली में उन आदतों को अपनाएँ जो बेहतर गुणवत्ता की निद्रा प्राप्त करने में मदद करें। शारीरिक रूप से अधिक सक्रिय हों। कोई शौक विकसित करें। शांत रहें और विश्रान्तिदायक व्यायाम करें।.

बाइपोलर डिसऑर्डर: प्रमुख जानकारी और निदान

बाइपोलर डिसऑर्डर, जिसे उन्माद-अवसादी रोग भी कहा जाता है, मस्तिष्क का विकार है जो मिजाज, ऊर्जा, गतिविधि का स्तर, और दिन-प्रतिदिन के कार्यों को करने की क्षमता में असामान्य परिवर्तन उत्पन्न करता है।.

बाइपोलर डिसऑर्डर: लक्षण और कारण

बाइपोलर डिसऑर्डर – लक्षण – बाइपोलर डिसऑर्डर के लक्षण इस बात पर निर्भर करते हैं कि व्यक्ति, उन्माद या अवसाद, किस स्थिति में है। ये स्थितियां कुछ दिनों से लेकर कुछ महीनों तक चलने वाली हो सकती हैं। अत्यंत कम मामलों में, उन्माद और अवसाद दोनों के लक्षण, एक ही समय में तेजी से बदलते हुए होते हैं। इसे मिश्रित प्रकरण या चक्र कहा जाता है।. बाइपोलर डिसऑर्डर – कारण – अनुवांशिकता, जैव विभिन्नता, मस्तिष्क में प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले रसायनों, जिन्हें न्यूरोट्रांसमीटर्स कहते हैं, में असंतुलन। तनाव, अपमान, अत्यंत बड़ी हानि या आघात के अनुभव आदि भी बाइपोलर डिसऑर्डर में अपनी भूमिका निभाते हैं।.