बच्चों में साइनोसाइटिस: रोकथाम और जटिलताएं

बच्चों में साइनोसाइटिस – रोकथाम – हर साल इन्फ्लुएंजा का टीका लगवाएँ। अपने हाथों को बार-बार, खासकर लोगों से हाथ मिलाने के बाद, जरूर धोएँ। शरीर में नमी बढ़ाने के लिए तरल पदार्थों का अधिक मात्रा में सेवन।.

बच्चों में साइनोसाइटिस: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

बच्चों में साइनोसाइटिस – आहार – लेने योग्य आहार निम्नलिखित आहार सूजन को कम कर सकते और रोक सकते हैं:: गर्म तरल और सूप का अधिक सेवन। मछली में उपस्थित ओमेगा 3 फैटी एसिड लाभकारी होता है। टार्ट चेरी और हल्दी।

बच्चों में साइनोसाइटिस: लक्षण और कारण

बच्चों में साइनोसाइटिस – लक्षण – साँस की बदबू या सूंघने की क्षमता की हानि। खाँसी जो अक्सर रात में बदतर हो जाती है। बुखार, सिरदर्द. बच्चों में साइनोसाइटिस – कारण – संक्रमण वायरस, बैक्टीरिया या फफूंद द्वारा उत्पन्न होता है।.

बच्चों में साइनोसाइटिस: प्रमुख जानकारी और निदान

जब साइनस संक्रमित, सूज या फूल जाते हैं तो इसे साइनोसाइटिस (या साइनस संक्रमण) कहा जाता है।.

एम्फायसेमा (फेफड़ों में अवरोध): रोकथाम और जटिलताएं

एम्फायसेमा (फेफड़ों में अवरोध) – रोकथाम – धूम्रपान बंद करें और रासायनिक धुएँ तथा धूल की चपेट में ना आएँ। अपने फेफड़ों की सुरक्षा के लिए मास्क लगाएँ।.

एम्फायसेमा (फेफड़ों में अवरोध): लक्षण और कारण

एम्फायसेमा (फेफड़ों में अवरोध) – लक्षण – श्वसनहीनता, दीर्घकालीन ब्रोंकाइटिस के साथ उत्पन्न हुआ बलगम, खाँसी, सायनोसिस. एम्फायसेमा (फेफड़ों में अवरोध) – कारण – धूम्रपान, वायु प्रदूषण.

एम्फायसेमा (फेफड़ों में अवरोध): घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

एम्फायसेमा (फेफड़ों में अवरोध) – आहार – लेने योग्य आहार: कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा, खनिजों, विटामिनों, रेशे और जल से युक्त स्वास्थ्यवर्धक आहार।
, एम्फायसेमा से पीड़ित व्यक्तियों के लिए सोडियम की कम मात्रा से युक्त चिकन सूप विशेष रूप से लाभकारी होता है। क्योंकि चिकन में सिस्टीन होता है, यह आपके शरीर से अतिरिक्त बलगम निकालता है। सिस्टीन के अतिरिक्त भोज्य स्रोतों में गेहूँ की बाली, लाल शिमला मिर्च, लहसुन, प्याज, ब्रोकोली और ब्रसेल्स स्प्राउट्स हैं।
, जैतून का तेल पित्ताशय और बड़ी आंत से अनुपयोगी पदार्थ और आँव को निकालने में सहायता करता है।
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एम्फायसेमा (फेफड़ों में अवरोध): प्रमुख जानकारी और निदान

एम्फायसेमा फेफड़ों का दीर्घकालीन, बढ़ते जाने वाला रोग है और तब उत्पन्न होता है जब हवा के आने-जाने के मार्ग (अल्वेओली) की दीवारें, अपने भीतर से होकर गुजरने वाली सूक्ष्म रक्तवाहिनियों के साथ, नष्ट हो जाती हैं।.

एटिलेक्टेसिस: लक्षण और कारण

एटिलेक्टेसिस लक्षण – साँस की गति तेज होना। साँस में कमी (डिस्निया)। उथली सांसें लेना। खाँसना।. एटिलेक्टेसिस कारण – एटिलेक्टेसिस हवा आने वाले मार्ग (ब्रोंकस या ब्रोंकिओल्स) में होने वाले अवरोध से या फेफड़े के बाहर से दबाव पड़ने पर उत्पन्न होता है। यह शल्यक्रिया के बाद या अस्पताल में भर्ती मरीजों में अत्यंत आम है।.

एटिलेक्टेसिस: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

एटिलेक्टेसिस आहार – लेने योग्य आहार इनसे परहेज करें: प्रतिदिन कम से कम 8 गिलास पानी या अन्य तरल पदार्थ लेने से फेफड़ों के स्राव को पतला करने में सहायता मिलती है जिससे उन्हें खांसकर बाहर निकालना सरल होता है। लहसुन में सूजनरोधी और जीवाणुरोधी गुण होते हैं जिनका प्रयोग फेफड़ों के उपचार हेतु किया जा सकता है। प्रतिदिन प्रातःकाल 3 से 4 सूखे हुए अंजीर खाना चाहिए क्योंकि सूखे अंजीर प्रतिरक्षक तंत्र को मजबूत करने के लिए बढ़िया होते हैं।