लम्बर स्पोंडिलोसिस – आहार – लेने योग्य आहार: सब्जियों के सलाद, ताजे फल, साबुत अनाज से निर्मित विभिन्न दलिया, फलियाँ, भूरा चावल, दही, मलाई निकला दूध, भुना आलू, केले, सेब, खजूर, अंजीर, लहसुन, तिल, और धनिया अधिक मात्रा में खाएँ। कम वसा, उच्च रेशे और कम प्रोटीनयुक्त आहार श्रेष्ठ होता है। विटामिन बी काम्प्लेक्स और विटामिन सी लेने की सलाह दी जाती है।
, कच्ची सब्जियाँ जैसे टमाटर, गाजर, पत्तागोभी, ककड़ी, मूली, लेट्यूस, फूलगोभी, पालक और ताजे फल का सेवन दर्द को दूर करने में सहायता करता है।
, कड़वे स्वाद वाली सब्जियाँ जैसे नीम की पत्तियाँ और फूल, करेला और सहजन स्पोंडिलोसिस से आराम प्रदान करने के लिए जाने जाते हैं।
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लम्बर स्पोंडिलोसिस: रोकथाम और जटिलताएं
लम्बर स्पोंडिलोसिस – रोकथाम – स्वस्थ बने रहने हेतु आवश्यक योजना में नियमितता रखें। वजन कम करें। स्वास्थ्यवर्धक आहार लें।.
लम्बर स्पोंडिलोसिस: प्रमुख जानकारी और निदान
लम्बर स्पोंडिलोसिस कमर के जोड़ों (मेरुदंड के सम्बंधित हिस्से) में आम, उम्र सम्बन्धी ह्रास को समझाने के लिए उपयोग किया जाने वाला चिकित्सीय शब्द है।.
लम्बर स्पोंडिलोसिस: लक्षण और कारण
लम्बर स्पोंडिलोसिस – लक्षण – कमर में दर्द, पिन और सुइयाँ चुभना।. लम्बर स्पोंडिलोसिस – कारण – जीवनशैली, बार-बार पड़ने वाला दबाव और चोट तथा आयु।.
सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस: लक्षण और कारण
सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस – लक्षण – गर्दन में दर्द। गर्दन में जकड़न। झुनझुनी और असामान्य एहसास।. सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस – कारण – अधिक वजनी होना और व्यायाम ना करना। कार्य गतिविधि। गर्दन की भूतकाल में हुई कोई शल्यक्रिया।.
सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज
सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस – आहार – लेने योग्य आहार: सुबह लहसुन की 2-3 कलियाँ खाने से और लहसुन का तेल लगाने से गर्दन के दर्द में शीघ्र छुटकारा मिल सकता है।
, सेब, लहसुन, अदरक और हल्दी ये सभी सूजन कम करते हैं।
, ओमेगा 3 और विटामिन ई से भरे-पूरे आहार जैसे कि तैलीय बीज, मेवे और मछली भी जोड़ों की सूजन से राहत देते हैं।
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सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस: रोकथाम और जटिलताएं
सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस – रोकथाम – खड़े रहते समय, बैठते समय, कंप्यूटर पर काम करते समय, वाहन चलाते समय, और सोते समय सही शारीरिक भंगिमा रखें। गर्दन की चोट के खतरे को कम करें।.
सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस: प्रमुख जानकारी और निदान
सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस एक आयु सम्बन्धी अपक्षयी विकार है जिसमें गर्दन (सर्वाइकल वर्टिब्रा-गर्दन के निकट मेरुदंड का हिस्सा) के तंतुओं और हड्डियों का असामान्य घिसाव होता है।.
अर्थ्रेल्जिया (जोड़ों का दर्द): प्रमुख जानकारी और निदान
अर्थ्रेल्जिया शब्द का अर्थ है जोड़ों का दर्द। दर्द एक या अधिक जोड़ों में हो सकता है।.
अर्थ्रेल्जिया (जोड़ों का दर्द): लक्षण और कारण
अर्थ्रेल्जिया (जोड़ों का दर्द) – लक्षण – अर्थ्रेल्जिया का प्राथमिक लक्षण है जोड़ का दर्द। यह दर्द तीखा, धीमा, चुभनयुक्त, जलनयुक्त, या फड़कता हुआ हो सकता है। यह मंद से तीव्र हो सकता है।. अर्थ्रेल्जिया (जोड़ों का दर्द) – कारण – जोड़ों में दर्द क्यों होता है, इसके अनेक कारण हो सकते हैं। ऐसा निम्न कारणों से हो सकता है:- चोट, संक्रमण, प्रतिरक्षण तंत्र का विकार। एलर्जी सम्बन्धी प्रक्रियाएँ।.