धुकधुकी: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

धुकधुकी आहार – लेने योग्य आहार: फल और सब्जियाँ, साबुत अनाज और कम वसा युक्त या वसाहीन डेरी उत्पाद।
, मछली का सेवन अधिक मात्रा में करें। खासकर सैलमन और मैकरील में ह्रदय को स्वस्थ रखने वाले ओमेगा-3 फैटी एसिड की उच्च मात्रा होती है।
, धुकधुकी में आराम देने के लिए दही भी सहायक होता है।
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धुकधुकी: रोकथाम और जटिलताएं

धुकधुकी रोकथाम – तनाव ना लें और तम्बाकू का प्रयोग ना करें। उचित आहार। व्यायाम नियमित करें।.

धुकधुकी: लक्षण और कारण

धुकधुकी लक्षण – लय छोड़ रहा है। अत्यंत तेज धड़क रहा है। सामान्य से अधिक पंप कर रहा है।. धुकधुकी कारण – भावनाएँ, औषधियाँ, चिकित्सीय स्थितियाँ, भोज्य पदार्थ।.

धुकधुकी: प्रमुख जानकारी और निदान

ह्रदय धड़कना (धुकधुकी), ह्रदयगति की वो अनुभूति है जिससे आप एकाएक सतर्क हो जाते हैं, क्योंकि वे अनुभव कराती हैं मानों आपका ह्रदय धड़धड़ा रहा है, या भावनाएँ हिलोरें ले रही हैं।.

एनजाइना पेक्टोरिस – छाती का दर्द: रोकथाम और जटिलताएं

एनजाइना पेक्टोरिस – छाती का दर्द – रोकथाम – धूम्रपान और निकोटिन का किसी भी रूप से प्रयोग बंद कर दें। उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करें। रक्त में उपस्थित वसा को कम करें।.

एनजाइना पेक्टोरिस – छाती का दर्द: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

एनजाइना पेक्टोरिस – छाती का दर्द – आहार – लेने योग्य आहार: फल और सब्जियाँ।
, रेशे युक्त आहार।
, साबुत अनाज।
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एनजाइना पेक्टोरिस – छाती का दर्द: लक्षण और कारण

एनजाइना पेक्टोरिस – छाती का दर्द – लक्षण – छाती में दर्द अथवा बेचैनी। भुजाओं में दर्द। मतली, थकावट. एनजाइना पेक्टोरिस – छाती का दर्द – कारण – सिगरेट पीना, चिकित्सीय स्थितियां (मधुमेह, रक्तचाप, मोटापा इत्यादि)। शारीरिक गतिविधि। लम्बे समय से मनोवैज्ञानिक तनाव।.

एनजाइना पेक्टोरिस – छाती का दर्द: प्रमुख जानकारी और निदान

एनजाइना को ह्रदय रोग के कारण होने वाली बेचैनी, भारीपन, दबाव, दर्द, जलन, भरा हुआ लगना, निचोड़ता हुआ लगना या दर्दनाक अनुभव के द्वारा समझाया जा सकता है।.

हाइपरटेंशन: रोकथाम और जटिलताएं

हाइपरटेंशन रोकथाम – उचित वजन बनाये रखना, धूम्रपान त्यागें, स्वस्थ आहार लेना, अपने आहार में नमक की मात्रा कम करना.

हाइपरटेंशन: लक्षण और कारण

हाइपरटेंशन लक्षण – तीव्र सिरदर्द, थकावट या असमंजस की स्थिति, चक्कर आना, मतली, दृष्टि की समस्या. हाइपरटेंशन कारण – धूम्रपान, मोटापा, मधुमेह, नमक सेवन का बढ़ा हुआ स्तर.