पोस्टमीनोपॉज अवधि (मासिक धर्म बन्द होने के बाद) – लक्षण – योनि की शुष्कता और खुजली। वजन बढ़ना। बार-बार पसीना आना। तनाव नियंत्रित ना कर पाना।. पोस्टमीनोपॉज अवधि (मासिक धर्म बन्द होने के बाद) – कारण – जो महिलाऐं अधिक धूम्रपान और मदिरापान करती हैं। तनाव के स्थाई अवसर बने रहते हैं। हार्मोन सम्बन्धी उतार-चढ़ाव।.
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पोस्टमीनोपॉज अवधि (मासिक धर्म बन्द होने के बाद): प्रमुख जानकारी और निदान
मीनोपॉज के बाद होने वाली स्थिति पोस्ट मीनोपॉज है जो आमतौर पर महिला के अंतिम मासिक चक्र के 24 से 36 माह के बीच शुरू होती है।.
पेरिमीनोपॉज: रोकथाम और जटिलताएं
पेरिमीनोपॉज रोकथाम – उचित वजन बनाए रखें। व्यायाम नियमित करें। कैल्शियम से समृद्ध आहार पर्याप्त मात्रा में लें।.
पेरिमीनोपॉज: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज
पेरिमीनोपॉज आहार – लेने योग्य आहार: कार्बोहायड्रेट-युक्त आहार जैसे दूध, दलिया या टोस्ट का स्लाइस
, विटामिन बी 12 युक्त आहार: माँस, पोल्ट्री उत्पाद, मछली, अंडे और डेरी उत्पाद
, अपने प्रतिरक्षक तंत्र को शक्ति देने के लिए ताजे फल, सब्जियाँ और साबुत अनाज लें जैसे गाजर, सेब, फलियाँ, सोया, रतालू, आलू, समुद्री सिवार आदि
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पेरिमीनोपॉज: लक्षण और कारण
पेरिमीनोपॉज लक्षण – रात में पसीना और गर्म झटके। योनि का शुष्क होना। स्तनों का ढीलापन। अनियमित मासिक चक्र। गर्भाशय में रक्तस्राव की समस्या। खाँसते अथवा छींकते समय मूत्र निकल पड़ना।. पेरिमीनोपॉज कारण – हार्मोन के कार्य.
पेरिमीनोपॉज: प्रमुख जानकारी और निदान
पेरिमीनोपॉज अर्थात “मीनोपॉज के आस-पास” और ये उस समय को बताता है जब किसी महिला का शरीर अपनी प्रजनन शक्ति को स्थायी रूप से बंद (मीनोपॉज) करने के संक्रमण से गुजर रहा होता है।.
ल्यूकोरिया (सफ़ेद स्राव): घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज
ल्यूकोरिया (सफ़ेद स्राव) – आहार – लेने योग्य आहार: स्वास्थ्यवर्धक फल और सब्जियाँ जैसे केले, क्रेनबेरी, संतरे, नीबू, काले आलूबुखारे, भिन्डी, हरी पत्तेदार, प्याज, भूरा चावल, दही, और स्वास्थ्यवर्धक औषधियां और मसाले जैसे कि अदरक, लहसुन, मेथी और धनिया आदि
, भोजन के बाद सुपारी खाना लाभकारी होता है।
, फल, सब्जियाँ और सलाद का अधिक उपयोग।
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ल्यूकोरिया (सफ़ेद स्राव): रोकथाम और जटिलताएं
ल्यूकोरिया (सफ़ेद स्राव) – रोकथाम – स्वच्छ रहें, पानी अधिक मात्रा में पियें। आपके कपड़े यदि गीले हों तो उन्हें बदलें। यौन रूप से उत्तेजित ना हों। सूती वस्त्रों का प्रयोग करें।.
ल्यूकोरिया (सफ़ेद स्राव): लक्षण और कारण
ल्यूकोरिया (सफ़ेद स्राव) – लक्षण – गाढ़ा और चिपचिपा योनि स्राव, खुजली, दर्द, जलन या बेचैनी, या ऊतकों पर लालिमा। कमर और पैरों के घुटनों तथा टखने के बीच के हिस्से में दर्द होता है।. ल्यूकोरिया (सफ़ेद स्राव) – कारण – उचित स्वच्छता ना होना, हार्मोन सम्बन्धी असंतुलन, घाव पर खुजली, डेरी उत्पादों की अधिकता, यौन कार्य, तनाव.
ल्यूकोरिया (सफ़ेद स्राव): प्रमुख जानकारी और निदान
ल्यूकोरिया, अर्थात “सफ़ेद स्राव” (सफ़ेद पानी) में, स्त्री की योनि से निकलने वाले सभी तरह के स्राव, रक्त छोड़कर, आते हैं, जो कि सामान्य हो सकते हैं या किसी संक्रमण का संकेत हो सकते हैं।.