इरिटेबल बोवेल सिंड्रोम (अनियमित मलत्याग): लक्षण और कारण

इरिटेबल बोवेल सिंड्रोम (अनियमित मलत्याग) – लक्षण – पेट में दर्द, पेट का फूलना, अतिसार अथवा कब्ज, मल में आँव, पूरी तरह मलत्याग ना होने का एहसास।. इरिटेबल बोवेल सिंड्रोम (अनियमित मलत्याग) – कारण – शारीरिक कारण। आहार सम्बन्धी संवेदनशीलता। मस्तिष्क और आंत में संकेतों की समस्या।.

इरिटेबल बोवेल सिंड्रोम (अनियमित मलत्याग): घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

इरिटेबल बोवेल सिंड्रोम (अनियमित मलत्याग) – आहार – लेने योग्य आहार इनसे परहेज करें: घुलनशील रेशे वाले आहार (जई, जौ, केले, सेब, गाजर, आलू आदि)।
, पीली अलसी
, फल और सब्जियाँ
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इरिटेबल बोवेल सिंड्रोम (अनियमित मलत्याग): रोकथाम और जटिलताएं

इरिटेबल बोवेल सिंड्रोम (अनियमित मलत्याग) – रोकथाम – भोजन की समस्या से बचें, नियमित व्यायाम करें। आहार छोटे हिस्सों में लें, तनाव घटाने हेतु परामर्श लें, रेशेदार आहार अधिक लें.

इरिटेबल बोवेल सिंड्रोम (अनियमित मलत्याग): प्रमुख जानकारी और निदान

आइबीएस पाचन तंत्र की कार्यप्रणाली में लम्बे समय से या बार-बार उत्पन्न परिवर्तनों के कारण उत्पन्न हुआ विकार है। आइबीएस कोई रोग नहीं है, बल्कि यह एक साथ होने वाले कई लक्षणों का समूह है।.

कब्ज: रोकथाम और जटिलताएं

कब्ज रोकथाम – प्रतिदिन कम से कम 3 लीटर पानी पिएँ। अपने आहार में रेशेदार पदार्थ शामिल करें। शारीरिक सक्रियता बढ़ाएँ। व्यायाम नियमित करें।.

कब्ज: प्रमुख जानकारी और निदान

कब्ज ऐसी स्थिति है जिसमें व्यक्ति को सप्ताह में तीन से कम बार मलत्याग होता है।.

कब्ज: लक्षण और कारण

कब्ज लक्षण – अनियमित मलत्याग। मतली और उलटी। पेट में दर्द और परेशानी। भूख में कमी।. कब्ज कारण – रेशे की कमी वाला आहार। शारीरिक सक्रियता की कमी। औषधियां।.

कब्ज: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

कब्ज आहार – लेने योग्य आहार: आहार में रेशेदार फल और सब्जियाँ जैसे सेब, संतरे, ब्रोकोली, बेरियाँ, नाशपाती, मटर, अंजीर, गाजर और फलियाँ आदि शामिल करें।
, साबुत अनाज जैसे भूरे चावल, ज्वार, बाजरा, मेवे, गिरियाँ, और मछली, दालें, मसूर दाल, चावल और सोया के उत्पादों का प्रयोग बढ़ाएँ।
, पानी मिला फलों का रस, प्राकृतिक पदार्थों से उत्पन्न सब्जियाँ, और औषधीय चाय पियें।
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सिलिअक रोग: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज

सिलिअक रोग – आहार – लेने योग्य आहार: ग्लूटेन रहित और पोषण युक्त आहार लेने चाहिए। कैल्शियम युक्त आहारों में दूध, दही, पनीर, मछली, ब्रोकोली, कोलार्ड ग्रीन, बादाम, कैल्शियम की शक्तियुक्त रस, और चौलाई। आयरन समृद्ध आहारों में मीट, मछली, चिकन, फलियाँ, मेवे, गिरियाँ, अंडे और चौलाई आदि आते हैं।

सिलिअक रोग: रोकथाम और जटिलताएं

सिलिअक रोग – रोकथाम – ग्लूटेन रहित आहार लेकर सिलिअक रोग के उभरने को रोक सकते हैं।.