कई सदियों से शहद विभिन्न औषधीय लाभों के लिए उपयोग किया जाता रहा है। आयुर्वेद में शहद के कई उपयोग हैं, आज के समय में इसे आधुनिक औषधियों के साथ मिलाकर मुख्य रूप से घावों को भरने के लिए उपयोग में लिया जाता है। एक बड़ी चम्मच भर सादे शहद में 64 कैलोरीज होती हैं, यह वसा रहित, कोलेस्ट्रॉल रहित
और पढ़ें …
बच्चों की सामान्य सर्दी – रोकथाम – छींकते और खाँसते समय नाक और मुँह को ढंकें। वस्तुओं का उपयोग बाँटकर ना करें। संक्रमित व्यक्ति के साथ। स्वच्छ रहें और अपने आस-पास स्वच्छता बनाए रखें।.
बच्चों की सामान्य सर्दी – आहार – लेने योग्य आहार इनसे परहेज करें: विटामिन सी की उच्च मात्रा से युक्त फल और सब्जियाँ, जैसे बेरियाँ, संतरे, नीबू, शिमला मिर्च, पपीता, फूलगोभी, ब्रोकोली आदि। तरल पदार्थ अधिक मात्रा में लें। अंडे, जंक फ़ूड, रेड मीट, मिठाइयाँ, पनीर और ठंडी वस्तुएँ जैसे आइसक्रीम। मैदे से बने हुए आहार या स्टार्च की उच्च मात्रा युक्त आहार भी नहीं लेना चाहिए।
साधारण सर्दी ऊपरी श्वसन तंत्र (नाक और गले) का संक्रामक वायरस द्वारा उत्पन्न संक्रमण है।.
बच्चों की सामान्य सर्दी – लक्षण – बहती या भरी हुई नाक। खुजलीयुक्त या पीड़ायुक्त गला। खाँसी, नाक बंद होना।. बच्चों की सामान्य सर्दी – कारण – सामान्यतया सर्दी एक वायरस जिसे राइनोवायरस कहते हैं, के द्वारा होती है।.
एम्फायसेमा (फेफड़ों में अवरोध) – रोकथाम – धूम्रपान बंद करें और रासायनिक धुएँ तथा धूल की चपेट में ना आएँ। अपने फेफड़ों की सुरक्षा के लिए मास्क लगाएँ।.
एम्फायसेमा (फेफड़ों में अवरोध) – लक्षण – श्वसनहीनता, दीर्घकालीन ब्रोंकाइटिस के साथ उत्पन्न हुआ बलगम, खाँसी, सायनोसिस. एम्फायसेमा (फेफड़ों में अवरोध) – कारण – धूम्रपान, वायु प्रदूषण.
एम्फायसेमा (फेफड़ों में अवरोध) – आहार – लेने योग्य आहार: कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा, खनिजों, विटामिनों, रेशे और जल से युक्त स्वास्थ्यवर्धक आहार।
, एम्फायसेमा से पीड़ित व्यक्तियों के लिए सोडियम की कम मात्रा से युक्त चिकन सूप विशेष रूप से लाभकारी होता है। क्योंकि चिकन में सिस्टीन होता है, यह आपके शरीर से अतिरिक्त बलगम निकालता है। सिस्टीन के अतिरिक्त भोज्य स्रोतों में गेहूँ की बाली, लाल शिमला मिर्च, लहसुन, प्याज, ब्रोकोली और ब्रसेल्स स्प्राउट्स हैं।
, जैतून का तेल पित्ताशय और बड़ी आंत से अनुपयोगी पदार्थ और आँव को निकालने में सहायता करता है।
,
एम्फायसेमा फेफड़ों का दीर्घकालीन, बढ़ते जाने वाला रोग है और तब उत्पन्न होता है जब हवा के आने-जाने के मार्ग (अल्वेओली) की दीवारें, अपने भीतर से होकर गुजरने वाली सूक्ष्म रक्तवाहिनियों के साथ, नष्ट हो जाती हैं।.
फ्लू रोकथाम – टीका लगवाएँ। अपने हाथों को साबुन से अच्छी तरह और नियमित धोएँ। उपयोग किये हुए टिश्यू पेपर का प्रयोग ना करें।.