भगंदर रोकथाम – शिशुओं में डायपर नियमित अन्तराल पर बदलते रहें। गुदा के क्षेत्र को सूखा रखें। गुदा के क्षेत्र को हौले-हौले स्वच्छ करें।.
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भगंदर: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज
भगंदर आहार – लेने योग्य आहार: अधिक मात्रा में सब्जियाँ, गेहूँ का चोकर, साबुत अनाज की ब्रेड और दलिया तथा फल लें। यह निश्चित करें कि आप पर्याप्त मात्रा में पानी – छः से आठ गिलास प्रतिदिन – ले रहे हैं। अपर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ लेने से कब्ज में बढ़ोतरी होती है। गाजर, अन्नानास और संतरे का कच्चा रस पियें। सेब, अन्नानास, संतरे, आडू, नाशपाती, अंगूर और पपीता सेवन हेतु उत्तम वस्तुएँ हैं।
भगंदर: प्रमुख जानकारी और निदान
गुदा द्वार का घाव (भगंदर) गुदा मुख की परत वाली त्वचा में छोटे, अंडाकार आकृति के रूप में त्वचा के फटने, तड़कने या छाला होने पर होता है।.
भगंदर: लक्षण और कारण
भगंदर लक्षण – गुदा में दर्द। मलत्याग के दौरान और इसके पश्चात् कुछ समय तक दर्द बना रहना। गुदा से चमकीला लाल रक्त निकलना। मल की सतह पर रक्त की उपस्थिति।. भगंदर कारण – भगंदर की उत्पत्ति अधिक मात्रा में सख्त मलत्याग से या लम्बे समय तक अतिसार के बने रहने से होती है।.