डिस्यूरिया (दर्द्युक्त मूत्रत्याग) – आहार – लेने योग्य आहार: शरीर से बैक्टीरिया को बाहर निकालने के लिए स्वच्छ किया हुआ पानी अधिक मात्रा में पियें। इस स्थिति में ताजे रस जैसे गाजर का रस, ताजा नारियल पानी और अन्य फलों का रस अत्यंत उपयोगी होता है। फल जैसे कि सेब, अंगूर, आडू और आलूबुखारा दिये जा सकते हैं।
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डिस्यूरिया (दर्द्युक्त मूत्रत्याग): रोकथाम और जटिलताएं
डिस्यूरिया (दर्द्युक्त मूत्रत्याग) – रोकथाम – अपने उत्तेजना के खतरे को घटाने के लिए कृत्रिम गंध युक्त डिटर्जेंट और शौचालय/स्नानागार में प्रयुक्त होने वाले पदार्थों को दूर कर दें। मूत्राशय को उत्तेजित करने वाले भोज्य पदार्थ और पेयों को हटाने के लिए अपने आहार को संशोधित करें।.
हीमेचुरिया (मूत्र में रक्त): प्रमुख जानकारी और निदान
हीमेचुरिया अर्थात मूत्र में रक्त की उपस्थिति।.
हीमेचुरिया (मूत्र में रक्त): लक्षण और कारण
हीमेचुरिया (मूत्र में रक्त) – लक्षण – कुछ रोगी पूरी तरह से लक्षणों से मुक्त होते हैं। इससे जुड़े कुछ लक्षण हो सकते हैं: पीठ के निचले हिस्से में दर्द (अक्सर यह गुर्दे में अवरोध बताता है जो कि पथरी या रक्त के थक्के द्वारा हो सकता है)। मूत्राशय का मंद संक्रमण: मूत्रत्याग के समय जलन, बार-बार मूत्रत्याग की इच्छा, झागयुक्त या बदबूदार मूत्र। गुर्दे में अधिक गंभीर संक्रमण: तेज बुखार, कंपकंपी और ठिठुरन, पीठ के निचले हिस्से में दर्द।. हीमेचुरिया (मूत्र में रक्त) – कारण – मूत्राशय की गठान/मूत्राशय का संक्रमण। मूत्राशय (चित्र में दिखाए अनुसार), गुर्दे या पौरुष ग्रंथि का कैंसर। गुर्दे या मूत्राशय में पथरी की उपस्थिति। गुर्दों की सूजन (नेफ्रैटिस).
हीमेचुरिया (मूत्र में रक्त): घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज
हीमेचुरिया (मूत्र में रक्त) – आहार – लेने योग्य आहार: अपने फल और सब्जियों के सेवन को बढ़ाएं। क्रैनबेरी या अनार का रस लेना हीमेचुरिया से ठीक होने में सहायता करता है। करेला, सहजन और कच्चे केले का सेवन अधिक करें ये सभी हीमेचुरिया से तेजी से ठीक होने में सहायता करते हैं।
हीमेचुरिया (मूत्र में रक्त): रोकथाम और जटिलताएं
हीमेचुरिया (मूत्र में रक्त) – रोकथाम – शरीर में पानी की पर्याप्त मात्रा बनाए रखें। प्रतिदिन लगभग आठ गिलास तरल पदार्थ लें (गर्मी के मौसम में और अधिक लें)। सिगरेट पीना बंद करें, यह मूत्र मार्ग के कैंसर से जुड़ी हुई होती है। रसायनों की चपेट में आने से बचें।.
मूत्र मार्ग का संक्रमण (UTI): घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज
मूत्र मार्ग का संक्रमण (UTI) – आहार – लेने योग्य आहार: पानी अधिक मात्रा में पियें। बादाम, ताजा नारियल, स्प्राउट्स, अलसी के बीज, बिना नमक का मक्खन, दूध, अंडे, फलियाँ, मटर, आलू, लहसुन, सादा दही, भूरा चावल, फल और सब्जियों का रस और सूप, पालक, कच्ची सब्जियों जैसे गाजर, नीबू, ककड़ी, और पालक का रस,
मूत्र मार्ग का संक्रमण (UTI): रोकथाम और जटिलताएं
मूत्र मार्ग का संक्रमण (UTI) – रोकथाम – ढेर सारा तरल (पानी) पियें। जब आवश्यकता लगे तुरंत शौचालय जाएँ। स्वच्छ रहें।.
मूत्र मार्ग का संक्रमण (UTI): लक्षण और कारण
मूत्र मार्ग का संक्रमण (UTI) – लक्षण – दुर्गन्ध युक्त मूत्र। बार-बार मूत्रत्याग होना। मूत्रत्याग के दौरान जलन होना। पेट में दर्द, मूत्र में रक्त. मूत्र मार्ग का संक्रमण (UTI) – कारण – बैक्टीरिया और अन्य जीवाणु।.
मूत्र मार्ग का संक्रमण (UTI): प्रमुख जानकारी और निदान
मूत्र मार्ग का संक्रमण (यूटीआई) आपके मूत्र तंत्र जिसमें गुर्दे, दो मूत्रवाहिनियाँ, मूत्राशय और मूत्र नली आते हैं, के किसी हिस्से में बैक्टीरिया द्वारा उत्पन्न संक्रमण है।.