सेलुलाइटिस रोकथाम – अपने कटे और छिले हिस्सों की चिकित्सा करें। अपनी त्वचा को खुरचने और संक्रमित होने वाली अनुकूलताओं को घटाएँ। अपनी त्वचा को शुष्क ना होने दें, उसे नियमित नमी प्रदान करते रहें। यदि आप अत्यधिक वजनी हैं तो वजन कम करें।.
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सेलुलाइटिस: प्रमुख जानकारी और निदान
सेलुलाइटिस त्वचा की सबसे गहरी परत (डर्मिस) और त्वचा के ठीक नीचे स्थित वसा और ऊतकों की भीतरी परत (सबक्यूटेनियस ऊतकों) का संक्रमण है।.
कोंड्रोमलेसिया पटेला: प्रमुख जानकारी और निदान
कोंड्रोमलेसिया, जिसे धावक का घुटना (रनर्स नी) भी कहा जाता है, ऐसी स्थिति है जिसमें घुटने की टोपी (पटेला) की भीतरी सतह पर स्थिति उपास्थि घिसती जाती है और नर्म हो जाती है। यह उपास्थि (कार्टिलेज) के घुटने की टोपी से उचित स्थिति में ना होने से उत्पन्न भंगुरता का परिणाम है जिसके कारण यह जांघ की हड्डी (फेमर) के अंतिम सिरे पर फिसलती है। इस स्थिति को कभी-कभी पटेलोफेमोरल सिंड्रोम कहा जाता है।.
कोंड्रोमलेसिया पटेला: लक्षण और कारण
कोंड्रोमलेसिया पटेला – लक्षण – आपके घुटने के सामने के हिस्से में धीमा-धीमा दर्द बना रहना। सीढ़ी उतरते समय दर्द होना। लम्बे समय तक बैठे रहने के बाद उठने पर दर्द होना। पैर को घुमाते समय रगड़ने/घूमने का अनुभव होना (क्रेपिटस)।. कोंड्रोमलेसिया पटेला – कारण – कोंड्रोमलेसिया पटेला तब होता है जब घुटने की टोपी हड्डियों पर फिसलने के स्थान पर उनसे टकराने और रगड़ खाने लगती है। इसके कारण कार्टिलेज (उपास्थि) में थोड़ी सी टूट-फूट होती है, जो सूज जाती है और दर्द पैदा करती है।.
कोंड्रोमलेसिया पटेला: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज
कोंड्रोमलेसिया पटेला – आहार – लेने योग्य आहार इनसे परहेज करें: घुटने के मित्रवत फलों में विटामिन सी की प्रचुर मात्रा से युक्त फल, जैसे कीवी, संतरे, आम, ग्रेपफ्रूट, और पपीता हैं। फलों में उपस्थित विटामिन सी घुटने की और सहायक रचनाओं की रक्षा करता है। मछली में पाए जाने वाला ओमेगा 3 फैटी एसिड ना केवल ओस्टियोआर्थराइटिस में उत्पन्न होने वाली सूजन को कम करता है, बल्कि घुटने की उपास्थि को क्षति पहुँचाने वाले प्रोटीन को भी अवरुद्ध करता है। इसलिये सप्ताह में दो बार तैलीय मछली (जैसे मैकरील या सैलमन) लें। कैल्शियम और विटामिन डी की पर्याप्त मात्रा से यूक्त पोषक आहार लें, जो कि आपके शरीर को कैल्शियम के अवशोषण में सहायता करता है। डेरी उत्पादों जैसे दूध, पनीर और दही; गहरी हरी पत्तेदार सब्जियाँ जैसे ब्रोकोली; तथा अन्य पदार्थों में कैल्शियम पाया जाता है।
कोंड्रोमलेसिया पटेला: रोकथाम और जटिलताएं
कोंड्रोमलेसिया पटेला – रोकथाम – अपने घुटनों पर पड़ने वाले जोर को कम करने के लिए वजन को नियंत्रित करें। व्यायाम या अन्य शारीरिक गतिविधि करने के पहले उचित रूप से वार्म अप करें। अपनी जांघों, पिंडलियों और कमर से नीचे के सम्पूर्ण क्षेत्र के व्यायाम द्वारा इनमें उचित मजबूती बनाएँ। अपने खेलों के लिए उचित प्रकार के जूतों का प्रयोग करें।.
मोच और खिंचाव: प्रमुख जानकारी और निदान
स्प्रेन (मोच) अर्थात किसी स्नायु (लिगामेंट) का खिंच जाना या क्षतिग्रस्त हो जाना। स्नायु किसी जोड़ पर हड्डियों को जोड़ने वाले ऊतकों को कहते हैं। मोच के लिए सबसे सामान्य स्थान हैं: घुटना, टखना, कलाई और अंगूठा। स्ट्रेन (खिंचाव) किसी मांसपेशी और/या तंतु की चोट को कहते हैं। तंतु ऊतकों की बनी रेशेदार धागेनुमा रचना होती है जो मांसपेशी को हड्डी से जोड़ती है।.
मोच और खिंचाव: लक्षण और कारण
मोच और खिंचाव – लक्षण – दर्द, सूजन और फूला हुआ हिस्सा। घाव के निशान। जकड़न, प्रभावित क्षेत्र में गति की हानि।. मोच और खिंचाव – कारण – मोच और खिंचाव चोट के परिणामस्वरूप होते हैं, जब जोड़ पर उसकी सहने की क्षमता से अधिक जोर पड़ता है। आमतौर पर एथलीट्स, नर्तकों और शारीरिक परिश्रम या मजदूरी का कार्य करने वालों को इस प्रकार की चोटें लगती हैं।.
मोच और खिंचाव: घरेलु उपचार, इलाज़ और परहेज
मोच और खिंचाव – आहार – लेने योग्य आहार: बीटा कैरोटीन कोलेजन का, जो कि मोच के दौरान क्षतिग्रस्त स्नायुओं का निर्माण करता है, मुख्य कारक तत्व है। प्राकृतिक बीटा कैरोटीन के अच्छे स्रोतों में गहरे हरे रंग की पत्तेदार सब्जियाँ जैसे पालक या केल, ब्रोकोली, और गाजर आदि हैं। विटामिन सी शरीर की सूजन घटाने में सहायक होता है। विटामिन सी के बढ़िया स्रोतों में पत्तागोभी, शिमला मिर्च, कीवी, खट्टे फल जैसे संतरे, नीबू और ग्रेपफ्रूट आदि हैं। माँसपेशियों और जोड़ों के स्वास्थ्य के लिए प्रोटीन की आवश्यकता होती है। प्रोटीन के अच्छे स्रोतों में अंडा, चिकन, मछली, मेवे दूध आदि हैं।
मोच और खिंचाव: रोकथाम और जटिलताएं
मोच और खिंचाव – रोकथाम – व्यायाम शुरू करने के पहले उचित प्रकार से वार्म अप करें और बाद में उचित प्रकार से शीतल हों,, जब आप थके हों तो व्यायाम ना करें और ना ही कोई खेल खेलें,, गिरने के प्रति सावधानी रखें, सीढ़ियाँ, गलियारे, बगीचे और गाड़ी चलाने के हिस्सों को अस्त-व्यस्त ना होने दें, और शीतकाल में आपके घर के बाहर के बर्फ के स्थानों पर रेत या नमक डालें।.